उत्तर प्रदेश
पहले भर्ती प्रक्रिया में होता था भाई-भतीजावाद और जातिवाद, अब योग्यता पर होती है नियुक्ति: सीएम योगी
लखनऊ: जब हमने वर्ष 2017 में सूबे की कमान संभाली थी तो उस समय देखने को मिला था कि उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग, अधीनस्थ सेवा चयन आयोग, उच्चतर शिक्षा चयन आयोग और माध्यमिक शिक्षा चयन आयोग से जुड़ी परीक्षाओं में शिकायतों का अंबार लगा हुआ था। कई भर्ती प्रक्रियाओं में न्यायालय से स्टे चल रहा था। कुछ मामलों में कोर्ट ने गंभीर टिप्पणियां भी कर रखी थीं। यूपी पुलिस में डेढ़ लाख पद खाली पड़े थे क्योंकि इस पर सुप्रीम कोर्ट का स्टे था। मैंने अधिकारियों से कहा कि भर्ती को लेकर जो भी कमियां थीं उसे दूर करिए। पहले प्रक्रिया पारदर्शी नहीं थी। उस समय भर्ती प्रक्रिया में भाई-भतीजावाद और जातिवाद का मुखौटा लगाकर योग्यता और प्रतिभा के साथ अन्याय होता था। ऐसे में हमने भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी करने के लिए अच्छे ईमानदार लोगों की टीम तैयार की। पिछले 6 वर्षों में पुलिस विभाग में एक लाख 64 हजार से अधिक पदों को पारदर्शी तरीके से भरा गया। ये बातें मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को सिग्नेचर बिल्डिंग में आयोजित राज्य लोक सेवा आयोग के अध्यक्षों के 24वें राष्ट्रीय सम्मेलन के उद्धाटन समारोह में कहीं।
6 वर्ष में एक भी नियुक्ति पर सवाल नहीं
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि इस कार्यक्रम में शिरकत करना मेरे लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि उत्तर प्रदेश के प्रशासन ने विगत 6 वर्षों के अंदर जो कुछ भी किया है उसे आप सभी के माध्यम से देश के कोने-कोने तक पहुंचाना है। उन्होंने कहा कि एक आदर्श समाज में संघ लोक सेवा आयोग हो या राज्यों के लोक सेवा आयोग हो, इन सभी की बड़ी भूमिका होती है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में देश में अकांक्षात्मक जिलों की प्रक्रिया को नीति आयोग ने आगे बढ़ाया था, जिसमें 112 जनपद थे, इसमें 8 जनपद उत्तर प्रदेश के थे। नीति आयोग ने टॉप 10 राज्यों की सूची जारी की तो उसमें उत्तर प्रदेश भी शामिल था और उसके 8 जनपद भी इसमें शामिल थे। सीएम योगी ने कहा कि पिछले 6 वर्षों में सरकार ने साढ़े पांच लाख नियुक्तियां की हैं। किसी भी नियुक्ति पर प्रश्नचिन्ह नहीं खड़ा हुआ है।
पिछले 6 वर्षों 2 लाख करोड़ पहुंचा एक्सपोर्ट
सीएम ने आगे कहा कि प्रदेश की आबादी 25 करोड़ है, ऐसे में साढ़े पांच लाख सरकारी नौकरी से काम नहीं चलेगा। प्रदेश के कई युवा ऐसे हैं जो सरकारी नौकरी में नहीं जाना चाहते हैं, वह अपने सेक्टर में कुछ नया करना चाहते हैं। इस पर सरकार काम कर रही है। इसी के तहत प्रदेश के 75 जनपदों की मैपिंग कराई गई, जिसमें से 57 जनपदों के यूनीक प्रोडक्ट्स को नई पहचान दिलाई गई। वहीं 18 जनपदों के लिए भी तय किया है कि इन जनपदों के साथ भी कोई ना कोई एक प्रोडक्ट जुड़ना चाहिए। ऐसे में वन डिस्टिक वन प्रोडक्ट कार्य योजना को लागू किया गया, जिससे उत्तर प्रदेश में वर्ष 2017 में जहां कुल एक्सपोर्ट 86000 करोड़ था, आज वह लगभग दो लाख करोड़ तक पहुंच गया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रोडक्ट को डिजाइन करने के साथ उसे पैकेजिंग से जोड़ा गया। उसे हर तरह से प्रोत्साहित किया गया। लोगों को ट्रेनिंग दी गई, उन्हे बैंकों से जोड़ा गया। इतना ही नहीं, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना के माध्यम से प्रदेश के कारीगरों को टूल किट उपलब्ध कराई जा रही है।
लॉकडाउन में भी नहीं बंद हुए उद्योग धंधे
उन्होंने कहा कि प्रदेश में बेहतर कानून व्यवस्था से काफी निवेश आया है। 10 से 12 फरवरी को प्रदेश में ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट का आयोजन किया गया, जिसमें 35 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव आए। प्रदेश की कानून व्यवस्था के चलते देश और दुनिया का हर नागरिक उत्तर प्रदेश में निवेश करना चाहता है। उन्होंने कहा कि जल्द ही दस लाख करोड़ की ब्रेकिंग सेरेमनी का आयोजन भी किया जाएगा। सीएम योगी ने कहा कि काेरोना कालखंड में लॉकडाउन के समय प्रदेश में सड़कों पर कामगार और श्रमिकों का रेला सभी ने देखा होगा। उस दौरान करीब 40 लाख कामगार और श्रमिक प्रदेश के अंदर आए हुए थे। सभी को सरकार ने प्रदेश में संचालित 96 लाख एमएसएमई यूनिट में समाहित कर दिया। बहुत से ऐसे राज्य थे जिन्होंने अपने कामगारों और श्रमिकों को लेने से इनकार कर दिया था। ऐसे मेें हमने यूपी में रहने की व्यवस्था की। इतना ही नहीं नेपाल सरकार ने भी अपने लोगों को लेने से इनकार कर दिया था। सीएम योगी ने कहा कि प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान भी उद्योग धंधे चलते रहे। उसी का परिणाम है कि प्रदेश में बड़े पैमाने पर रोजगार का सृजन हुआ।
सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में आशाओं की भरमार है। आज हर व्यक्ति के मन में इसको लेकर एक विश्वास पैदा हुआ है। कार्यक्रम में संघ लोक सेवा आयोग के वरिष्ठ सदस्य राजीव नयन चौबे, लेफ्टिनेंट जनरल राज शुक्ला, स्टैंडिंग कमेटी ऑफ नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष जॉर्ज, उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष संजय श्रीनेत, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा आदि शामिल हुए।
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि
लखनऊ | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।
देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई
🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।
🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।
🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।
इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.
‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।
मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!
यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।
भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…
वनावरण
1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)
भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण
1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)
सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद
1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड
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