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प्रादेशिक

भोपाल में लो-फ्लोर बसों की हड़ताल से आमजन परेशान

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भोपाल | मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में नगर परिवहन सेवा के कर्मचारियों की हड़ताल गुरुवार को दूसरे दिन भी जारी है, जिससे आमजन को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। राजधानी में भोपाल सिटी लिंक लिमिटेड (बीएलसीसी) की लो फ्लोर बसों के संचालन की जिम्मेदारी प्रसन्ना पर्पल कंपनी के पास है। राजधानी में आठ मार्गो पर बीएलसीसी की 150 लो-फ्लोर बसें चलती हैं, जो शहर की परिवहन सेवा का प्रमुख सहारा हैं।

इन बसों के चालक और परिचालक प्रसन्ना पर्पल द्वारा दिए गए टार्गेट और टार्गेट न पूरा हो पाने पर लगाए जाने वाले आर्थिक दंड के खिलाफ बुधवार से हड़ताल पर चले गए हैं। हड़ताली कर्मचारियों का कहना है कि गर्मी का मौसम है और सवारियां कम निकलती हैं, ऐसे में वे टार्गेट कैसे पूरा करें। उनकी मांग है कि इस टारगेट को खत्म किया जाए। लो-फ्लोर बसों की हड़ताल से नगर परिवहन सेवा पर असर पड़ा है और आम जन को मिनी बस और ऑटो टैम्पो का सहारा लेना पड़ रहा है। बीएलसीसी के मुख्य कार्यपालन अधिकारी चंद्रमौली शुक्ला ने मीडिया से कहा है कि कंपनी ने चोरी रोकने के लिए लक्ष्य तय किया है, इसी के चलते चालक और परिचालक हड़ताल पर चले गए है।

अधिकारी ने कहा कि अगर हड़ताली काम पर नहीं लौटते हैं तो कुछ वैकल्पिक व्यवस्था की जाएगी। वहीं प्रसन्ना पर्पल कंपनी के अधिकारी पी. पी. निम सरकार ने कहा है कि हड़तालियों की जो भी मांगे हैं वे बातचीत से ही हल हो सकती हैं, हड़ताल पर जाना गलत है। बीएलसीसी व प्रसन्ना पर्पल कंपनी के अधिकारी इस बीच हड़ताली कर्मचारियों के साथ बातचीत कर कोई रास्ता निकालने की कोशिश कर रहे हैं। वहीं बसों की हड़ताल के कारण आमजन को बस की अनुपलब्धता के चलते ऑटो चालकों द्वारा मांगी जा रही मनमानी कीमतें देनी पड़ रही हैं।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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