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प्रादेशिक

मप्र के गांव-गांव में बनेंगी नर्मदा सेवा समितियां

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मप्र के गांव-गांव में बनेंगी नर्मदा सेवा समितियां

भोपाल | मध्य प्रदेश सरकार द्वारा 12 दिसंबर से अमरकंटक से शुरू की जाने वाली ‘नमामि देवी नर्मदे’ यात्रा के लिए जिला, विकासखंड और गांव स्तर पर नर्मदा सेवा समितियां बनाई जाएगी। यह निर्देश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यात्रा प्रभारियों की बैठक में गुरुवार को दिए।

ज्ञात हो कि राज्य सरकार द्वारा नर्मदा नदी के संरक्षण, स्वच्छता और उसके दोनों किनारों पर पौधरोपण करने के मकसद से 12 दिसंबर को अमरकंटक से यह यात्रा शुरू हो रही है, जिसका समापन पांच मई, 2017 को होगा।

यात्रा की तैयारियों को लेकर गुरुवार को हुई बैठक में मुख्यमंत्री चौहान ने यहां यात्रा प्रभारियों की बैठक को संबोधित करते हुए यात्रा की रूपरेखा और कार्य-योजना प्रस्तुत की। चौहान ने नर्मदा नदी के क्षेत्र वाले जिला, विकासखंड और गांव स्तर पर नर्मदा सेवा समितियां बनाने के साथ इन समितियों में सेवाभावी लोगों को जोड़ने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस यात्रा का उद्देश्य मध्य प्रदेश को जीवन देने वाली नर्मदा नदी का संरक्षण करना, उसकी सफाई करना और नर्मदा को जीवन देने वाले वृक्षों के लिए पौधरोपण करना है। इस यात्रा से जहां पौधरोपण के जरिये वनों की कमी से नर्मदा नदी के जल पर पड़े प्रभाव को कम किया जाएगा, वहीं किसानों को फलदार पौधरोपण के लिए प्रेरित किया जाएगा।

चौहान ने कहा कि नर्मदा नदी के किनारों पर घाटों की सफाई की जाएगी। लोगों को नदी संरक्षण, पर्यावरण की रक्षा और नशामुक्ति के लिए संकल्प दिलाया जाएगा। चौहान ने कहा कि समाज के हर वर्ग और हर सदस्य को इस यात्रा से जोड़ा जाएगा। यात्रा को आनंदमयी बनाते हुए उत्साहपूर्वक भागीदारी करने के लिए भजन मंडलियों को शामिल किया जाएगा। नर्मदा नदी को समर्पित सांस्कृतिक कार्यक्रम किए जाएंगे। यात्रा के हर दिन यात्री कम से कम पांच पौधों का रोपण करेंगे और इसकी देखभाल की जिम्मेदारी भी तय की जाएगी।

यह यात्रा लगभग 3344 किलोमीटर लंबी होगी, जो 138 दिन तक चलेगी। यात्रा में पड़ने वाले 1909 किलोमीटर आबादी क्षेत्र में पैदल यात्रा तथा शेष निर्जन क्षेत्र में वाहन यात्रा होगी। यह यात्रा नर्मदा के दोनों तट पर संपन्न होगी। इसमें दक्षिणी तट की 1,113 किलोमीटर और उत्तरीय तट की 796 किलोमीटर यात्रा शामिल हैं। बैठक में तय किया गया यात्रा एक दिन में 15 किलोमीटर की दूरी तय की जाएगी। रात्रि विश्राम वाले स्थलों पर नर्मदा की आरती होगी और स्थानीय कलाकारों द्वारा भजन संध्या का आयोजन किया जाएगा।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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