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व्यापमं कार्यालय की टेबल में मिले 12 लाख रुपये!

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भोपाल| मध्य प्रदेश में व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) के खराब फर्नीचर की मरम्मत के दौरान सोमवार को एक टेबल की दराज से 11 लाख 90 हजार रुपये मिले। यह रकम व्यापमं घोटाला मामले में जेल में बंद अधिकारी की टेबल से बरामद हुई है। नकद रुपयों के साथ चेक और कुछ दस्तावेज भी मिले हैं। भोपाल (दक्षिण) के पुलिस अधीक्षक अंशुमान सिंह ने संवाददाताओं को बताया कि सोमवार को व्यापमं में पुराने फर्नीचर की मरम्मत के दौरान कारपेंटर को दराज में नोटो की गड्डी मिली। उसने इसकी सूचना कार्यालय के अधिकारी को दी। व्यापमं द्वारा सूचित किए जाने के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंचकर 11 लाख 90 हजार नकद व कागजात जब्त कर लिए।

वहीं, सूत्रों का कहना है कि नकद के साथ बीमा के कागजात और 75 हजार रुपये का एक चेक भी मिला है, जो एक अधिकारी के नाम पर है। नोटों की गड्डियों पर बैंकों की सील भी लगी है। इसके अलावा जिस टेबल की मरम्मत के दौरान रकम बरामद की गई, वह टेबल बर्खास्त अधिकारी (असिस्टेंट प्रोग्रामर) सी. के. मिश्रा की है। इसी टेबल की दराज से कई टेलीफोन नंबर और रोल नंबर की एक सूची भी मिली है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।

ज्ञात हो कि सर्वोच्च न्यायालय की ओर से जारी निर्देश पर सीबीआई व्यापमं घोटाले की जांच कर रही है। इससे पहल विशेष कार्य बल (एसटीएफ इस) इस मामले की जांच कर रही थी, ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि एसटीएफ ने जांच के दौरान व्यापमं कार्यालय की तलाशी ली थी या नहीं।

 

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IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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