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नेशनल

शिवराज के 10 वर्ष के शासनकाल पर मनेगा ‘विकास दशक’

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भोपाल| मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के शासनकाल के 10 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में राज्य शासन ने 29 अक्टूबर से 29 नवम्बर तक एक माह की अवधि को ‘विकास दशक’ के रूप में मनाने का निर्णय लिया है। आधिकारिक तौर पर मंगलवार शाम दी गई जानकारी में बताया गया है कि इस एक माह की अवधि में प्रदेश की जनता को वर्ष 2005 से 2015 तक पिछले 10 साल में अधोसंरचना विकास, आजीविका कार्यक्रम, सामाजिक सुरक्षा, विद्युतीकरण, महिला सशक्तिकरण, सुशासन, शिक्षा, सबके लिए स्वास्थ्य, स्वच्छता एवं साफ-सफाई, निवेश वृद्घि आदि क्षेत्र में राज्य शासन की उपलब्धियां बताई जाएंगी। साथ हर अगले पांच साल के लिए राज्य शासन के दृष्टि-पत्र की जानकारी भी दी जाएगी।

राज्य शासन द्वारा तैयार कार्य योजना के मुताबिक ‘विकास दशक’ कार्यक्रम राज्य, जिला, विकासखंड और ग्राम पंचायत स्तर पर होगा। नगर निगम, नगर पालिका और नगर पंचायत क्षेत्र में नगरीय निकाय द्वारा ये कार्यक्रम एवं समारोह किए जाएंगे। मध्य प्रदेश स्थापना दिवस एक नवम्बर को प्रत्येक ग्राम पंचायत में ग्रामसभा होगी। दो नवम्बर से 28 नवम्बर के मध्य जिला-स्तर के कार्यक्रम होंगे। मुख्यमंत्री स्वयं अधिक से अधिक जिला-स्तरीय कार्यक्रम में शामिल होंगे। ‘विकास दशक’ के आयोजनों में एक से सात नवम्बर की अवधि में स्वच्छता अभियान के कार्यक्रम को भी शामिल किया जाएगा।

 

अन्य राज्य

बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र शास्त्री की कथा सुनने आई लाखों जनता, मचा भगदड़

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भीलवाड़ा। राजस्थान के भीलवाड़ा स्थित कुमुद विहार में आयोजित हनुमंत कथा के दूसरे दिन गुरुवार को वीआईपी गेट पर अव्यवस्था के कारण अफरा-तफरी की स्थिति बनी रही। इसके कारण कई लोगों को चोटें आई हैं। कथा के संरक्षक बनवारी शरण महाराज ‘काठिया बाबा’ ने आयोजन समिति और पुलिस-प्रशासन पर मनमानी का आरोप भी लगाया। आयोजन स्थल पर पहुंचे कई लोगों ने कहा कि बागेश्वर धाम सरकार धीरेंद्र शास्त्री की कथा सुनने आई महिलाओं को वीआईपी पास के बावजूद एंट्री नहीं दी गई। वहीं, वीआईपी गेट पर अव्यवस्था के कारण कई बार भगदड़ की स्थिति भी बनी रही।

व्यवस्था पर उठे सवाल

एक महिला चंद्रकला सुमानी ने बताया कि उनके पास वीआईपी पास थे। अगर सीटें नहीं थीं तो वीआईपी पास क्यों जारी किया गया है। यहां पर व्यवस्था काफी खराब है। पुलिस ने बिना सूचना के वीआईपी गेट को बदल दिया। कई महिलाओं ने आरोप लगाया कि अव्यवस्था के कारण भगदड़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। कई लोग नीचे गिरे लोगों के ऊपर से चढ़कर गुजर गए। कई लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि बच्चों के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया है। हालांकि, अव्यवस्था और तमाम आरोपों पर आयोजकों की तरफ से कोई बयान नहीं आया है।

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