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मुख्य समाचार

सरकार शिक्षामित्रों के भविष्य पर कर रही विचार : अखिलेश

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि शिक्षामित्रों को निराश होने की जरूरत नहीं है। हमारी सरकार उनके भविष्य पर विचार कर रही है। यह बात मुख्यमंत्री ने अलीगंज स्थित ललित कला अकादमी में एक प्रदर्शनी के उद्घाटन के दौरान कही।

उन्होंने कहा कि शिक्षामित्रों को नौकरी देने के लिए ही सरकार ने उनका समायोजन किया था। उच्च न्यायालय ने इस पर रोक लगा दी। हमारी सरकार अदालत के फैसले का सम्मान करती है। शिक्षामित्रों को निराश होने की जरूरत नहीं है। हमारी सरकार उनके भविष्य पर विचार कर रही है। अगर दूसरे राज्य में बिना टीईटी पास शिक्षामित्रों को सहायक अध्यापक बनाया गया है, तो उसे उप्र में भी लागू किया जाएगा। गौरतलब हो कि उच्च न्यायालय का फैसला आने का बाद उप्र में शिक्षामित्र आंदोलन कर रहे हैं।

नेशनल

ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप को मनमानी करने पर 103 के बदले देने पड़ेंगे 35,453 रु, जानें क्या है पूरा मामला

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हैदराबाद। ऑनलाइन फूड ऑर्डरिंग ऐप स्विगी को ग्राहक के साथ मनमानी करना भारी पड़ गया। कंपनी की इस मनमानी पर एक कोर्ट ने स्विगी पर तगड़ा जुर्माना ठोक दिया। हैदराबाद के निवासी एम्माडी सुरेश बाबू की शिकायत पर उपभोक्ता आयोग ने बड़ा फैसला सुनाया है। बाबू ने आरोप लगाया था कि स्विगी ने उनके स्विगी वन मेंबरशिप के लाभों का उल्लंघन किया और डिलीवरी Food Delivery की दूरी को जानबूझकर बढ़ाकर उनसे अतिरिक्त शुल्क वसूला

क्या है पूरा मामला ?

सुरेश बाबू ने 1 नवंबर, 2023 को स्विगी से खाना ऑर्डर किया था। सुरेश के लोकेशन और रेस्टॉरेंट की दूरी 9.7 किमी थी, जिसे स्विगी ने बढ़ाकर 14 किमी कर दिया था। दूरी में बढ़ोतरी की वजह से सुरेश को स्विगी का मेंबरशिप होने के बावजूद 103 रुपये का डिलीवरी चार्ज देना पड़ा। सुरेश ने आयोग में शिकायत दर्ज कराते हुए कहा कि स्विगी वन मेंबरशिप के तहत कंपनी 10 किमी तक की रेंज में फ्री डिलीवरी करने का वादा किया था।कोर्ट ने बाबू द्वारा दिए गए गूगल मैप के स्क्रीनशॉट्स और बाकी सबूतों की समीक्षा की और पाया कि दूरी में काफी बढ़ोतरी की गई है।

कोर्ट ने स्विगी को अनुचित व्यापार व्यवहार का दोषी पाया और कंपनी को आदेश दिया कि वे सुरेश बाबू को 9 प्रतिशत ब्याज के साथ 350.48 रुपये के खाने का रिफंड, डिलीवरी के 103 रुपये, मानसिक परेशानी और असुविधा के लिए 5000 रुपये, मुकदमे की लागत के लिए 5000 रुपए समेत कुल 35,453 रुपये का भुगतान करे।

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