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3 दिन के भीतर इस्तीफा दें स्मृति : आप

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नई दिल्ली,दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी,केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी,भारतीय जनता पार्टी,दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री)

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नई दिल्ली | दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी की शैक्षणिक योग्यता को लेकर उठे सवालों के बीच गुरुवार को चेतावनी दी कि यदि दो दिन के भीतर उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया तो उनके खिलाफ देशभर में प्रदर्शन किए जाएंगे। केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकार पर हमला तेज करते हुए आप ने स्मृति एवं अन्य विवादित मुद्दों पर चुप्पी साधने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को ‘मनमोहन सिंह पार्ट 2’ तक कह दिया।

आप के नेता आशुतोष ने संवाददाताओं से कहा, “स्मृति ईरानी को भी जितेंद्र तोमर (दिल्ली के पूर्व कानून मंत्री) की तरह इस्तीफा दे देना चाहिए।” उन्होंने कहा, “यदि स्मृति ईरानी के खिलाफ अगले 72 घंटों के अंदर कार्रवाई नहीं हुई, तो हम देश भर में विरोध प्रदर्शन करेंगे।” दिल्ली की एक अदालत ने स्मृति के खिलाफ उस याचिका को स्वीकार कर लिया गया है, जिसमें उन पर चुनावी हलफनामे में फर्जी शैक्षणिक योग्यता दर्शाने का आरोप लगाया है। आप इंडिन प्रीमियर लीग (आईपीए) के पूर्व प्रमुख ललित मोदी की मदद के लिए विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के इस्तीफे की मांग भी कर रही है। आप ने भाजपा नेतृत्व के समक्ष इन विवादित मुद्दों में पार्टी की महिला नेताओं की भागीदारी को लेकर सवाल उठाए हैं। आप ने कहा, “मोदी एक सशक्त नेता होने का दावा करते हैं, लेकिन उनकी चुप्पी उन्हें मनमोहन सिंह पार्ट 2 बनाती है।”

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हरियाणा में बीजेपी की हैट्रिक, कांग्रेस को भारी पड़ी गुटबाजी

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सुबह 8 बजे जब EVM खुलीं तो काँग्रेस कार्यकर्ताओं का जोश हाई था .. जैसे जैसे घड़ी की सुई आगे बढ़ती गई कार्यकर्ताओं का जोश नाच गाने और लड्डू बांटने में तब्दील हो गया.. लेकिन ये क्या अचानक से वक्त बदल गया हालात बदल गए और देखते देखते जज़्बात ठंडे पड़ गए .. हरियाणा में जो काँग्रेस रुझानों में पूर्ण बहुमत में दिख रही थी वो अर्श से फर्श पर आ गई और जो बीजेपी फर्श पर पड़ी थी वो अर्श पर पहुँच गई. अब जोश वही था लेकिन हालात और जज़्बात अपनी जगह बदल चुके थे.. अब ढोल की गूंज बीजेपी ऑफिस पहुँच चुकी थी और लड्डू बीजेपी कार्यकर्ताओं का मुंह मीठा कर रहे थे .लोकसभा चुनाव की तरह हरियाणा के नतीजों ने भी चुनावी पंडितों को मुंह छिपाने के लिए मजबूर कर दिया.. सारे  पोल धाराशाई हो गए.. बीजेपी का कमल पूरे बहुमत के साथ खिल गया.. काँग्रेस के मुख्यालय 24 अकबर रोड के जिस कमरे में कौन बनेगा हरियाणा का मुख्यमंत्री पर चर्चा हो रही थी वहाँ का माहौल गमगीन हो गया और इस बात पर चर्चा होने लगी इस हार का बलि का बकरा कौन बनेगा.. 10 साल की एंटी इनकंबेंसी को बीजेपी की रणनीति ने प्रो इनकंबेंसी में बदल कर तीसरी बार सत्ता में वापसी कर ली. जान लेते हैं वो कौन सी वजहें थीं जिसने हरियाणा में कांग्रेस की नैया डुबाने का काम किया है.

गुटबाजी कांग्रेस को भारी पड़ी

हरियाणा चुनाव प्रचार के दौरान सबसे ज्यादा चर्चा कांग्रेस के अंदर चल रही गुटबाजी की होती रही. कुमारी शैलजा और हुड्डा के साथ एक खेमा रणदीप सिंह सुरजेवाला का भी था. ऊपर के नेताओं के बीच की इस खींचतान ने संगठन को नुकसान पहुंचाने का काम किया और कार्यकर्ताओं के अंदर भी असमंजस की स्थिति बनी रही. तमाम कोशिशों के बाद भी कांग्रेस आलाकमान प्रदेश में खेमेबाजी पर लगाम लगाने में नाकामयाब रहा और पार्टी जीती हुई लड़ाई हार गई।

एंटी इनकंबेंसी को भुनाने में रही नाकामयाब

काँग्रेस अपनी अंदरूनी खींचतान से ही नहीं उबर पाई जिससे चुनाव प्रचार के दौरान काँग्रेस बीजेपी की गलतियों को भुनाने में नाकामयाब रही . हालांकि कांग्रेस के पास 10 साल की एंटी इनकंबेंसी,  मुख्यमंत्री बदलने जैसे मुद्दे थे. पहलवानों का प्रदर्शन और अग्निवीर योजना से लेकर किसान आंदोलन जैसे बड़े मुद्दों को प्रचार के दौरान ठीक से हवा नहीं दी जा सकी. लिहाजा पार्टी का पूरा ध्यान खेमेबाजी पर लगाम लगाने में ही रहा और इसका बीजेपी ने पूरा फायदा उठाया.

केजरीवाल की बेल ने बिगाड़ा खेल

चुनाव से ठीक पहले आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविन्द केजरीवाल जेल से बाहर आए तो गठबंधन के लिहाज से काफी देर हो चुकी थी .. केजरीवाल खुलकर हरियाणा के चुनावी मैदान में उतार चुके थे लेकिन आम आदमी पार्टी के साथ अगर काँग्रेस का गठबंधन होता तो शायद तस्वीर अलग होती.

टिकट बंटवारे में दिखी गुटबाजी

टिकट बंटवारे में गुटबाजी और भाई भतीजाबाद को अलग रखकर सिर्फ विनिंग उम्मीदवारों को ही प्राथमिकता दी जाती, तो भी नतीजे उलट सकते थे. आम आदमी पार्टी को भले ही किसी सीट पर जीत न मिली हो, लेकिन करीबी मुकाबले वाली सीटों पर उसने कांग्रेस को ही नुकसान पहुंचाने का काम किया है…

एस एन द्विवेदी के साथ शिखा मेहरोत्रा की रिपोर्ट

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