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कांग्रेस की अगुवाई में सात विपक्षी दलों ने वेकैंया नायडू को सौंपा प्रधान न्यायाधीश को हटाने के लिए महाभियोग प्रस्ताव

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कांग्रेस की अगुवाई में सात विपक्षी दलों ने शुक्रवार को राज्यसभा के सभापति एम.वेकैंया नायडू को प्रधान न्यायाधीश को हटाने के लिए महाभियोग प्रस्ताव सौंपा।

राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने उपराष्ट्रपति से मुलाकात के बाद एक संवाददाता सम्मेलन में कहा, हमने पांच सूचीबद्ध आधारों के तहत प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा को हटाने के लिए एक महाभियोग प्रस्ताव सौंपा है।

उन्होंने कहा कि विपक्षी दलों के नेताओं ने प्रस्ताव पेश करते हुए इसकी योग्यता पर चर्चा नहीं की, उन्होंने केवल आग्रह किया कि ‘यह हमारा प्रस्ताव है और इसके लिए संविधान के तहत जरूरी पर्याप्त संख्या है।’

उन्होंने कहा कि सात राजनीतिक दलों की तरफ से 71 सांसदों ने महाभियोग प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किए हैं, लेकिन इनमें से सात सेवानिवृत्त हो चुके हैं इसलिए यह संख्या अब 64 हो गई है।

प्रधान न्यायाधीश की महाभियोग प्रक्रिया को मीडिया से दूर रखने पर मदद मांगी

सर्वोच्च न्यायालय ने प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा के खिलाफ महाभियोग प्रक्रिया से मीडिया को दूर रखने के मामले में महान्यायवादी के. के. वेणुगोपाल से मदद मांगी है। संभव है कि संसद में प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ यह प्रक्रिया चलाई जा सकती है। न्यायमूर्ति ए.के. सीकरी की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि महान्यायवादी को सुनने से पहले मीडिया को प्रतिबंधित नहीं किया जाएगा और कोई आदेश पारित करने से मना कर दिया।

सर्वोच्च न्यायालय के वरिष्ठ न्यायाधीशों द्वारा प्रधान न्यायाधीश के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए जाने के मद्देनजर विपक्षी पार्टियां महाभियोग प्रस्ताव लाने की तैयारी कर रही हैं।

एनजीओ इन परसूट ऑफ जस्टिस की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मीनाक्षी अरोड़ा ने पीठ को बताया कि विधि आयोग ने पहले ही एक रिपोर्ट दी है, जिसमें इस मुद्दे से मीडिया को दूर रखने के सुझाव दिए गए है।

उन्होंने कहा, “ऐसा संवैधानिक प्रावधान भी है, जो मीडिया को महाभियोग पर लिखने से रोकता है क्योंकि यह न्यायाधीश को न्यायिक कार्यवाही करने में प्रभावित करेगा।”

उन्होंने कहा कि न्यायाधीशों को निडर होकर काम करना होता है। राजनेता इस मामले के बारे में बात कर रहे हैं और मीडिया कवरेज कर रही है जो न्यायपालिका के कामकाज को प्रभावित कर रहा है।

न्यायपालिका के सदस्य के खिलाफ राजनेताओं के बयानों के संदर्भ में न्यायमूर्ति सीकरी ने कहा, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है। जो हो रहा है, उससे हम सब परेशान हैं। सांसदों को भी नियमों का पालन करना चाहिए।”

न्यायालय इस मामले में सात मई को सुनवाई करेगा।

इनपुट आईएएनएस

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कांग्रेस की शिकायत के बाद चुनाव आयोग का एक्शन, महाराष्ट्र की डीजीपी रश्मि शुक्ला हटाई गईं

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मुंबई। कांग्रेस समेत विपक्षी दलों की शिकायत के बाद राज्य की पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) रश्मि शुक्ला का तबादला कर दिया गया है। विपक्ष की ओर से लगातार आईपीएस रश्मि शुक्ला को हटाने की मांग की जा रही थी।

जानकारी के मुताबिक, राज्य के नये पुलिस महानिदेशक का चयन जल्द ही किया जायेगा। राज्य प्रशासन को 5 नवंबर को दोपहर 1 बजे तक तीन वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों के नाम केंद्रीय चुनाव आयुक्त को भेजने हैं। इससे पहले, मुंबई पुलिस कमिश्नर विवेक फणसालकर को राज्य के पुलिस महानिदेशक का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है।

महाराष्ट्र में 20 नवंबर को एक ही चरण में सभी सीटों पर मतदान होना है। वहीं वोटों की गिनती 23 नवंबर को की जाएगी। बता दें कि हाल ही में एक समीक्षा बैठक के दौरान, मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने अधिकारियों को न केवल निष्पक्ष रहने की चेतावनी दी थी, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि उन्हें अपने कर्तव्यों का पालन करते समय गैर-पक्षपातपूर्ण रहना होगा। वहीं 29 अक्टूबर को मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने महाराष्ट्र में राजनीति से प्रेरित अपराधों पर चिंता व्यक्त की थी और डीजीपी रश्मि शुक्ला से ऐसी घटनाओं पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करने को कहा था।

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