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अंतरिम आदेश ने फिर बदल दी स्थितियां

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अंतरिम आदेश के बाद की स्थिति, फ्लोर टेस्ट तक सहयोगियों को एकजुट रखने की चुनौती, सियासी समीकरण बदल सकता है चार दिन का ग्रेस पीरियड

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अंतरिम आदेश के बाद की स्थिति, फ्लोर टेस्ट तक सहयोगियों को एकजुट रखने की चुनौती, सियासी समीकरण बदल सकता है चार दिन का ग्रेस पीरियड

फ्लोर टेस्ट तक सहयोगियों को एकजुट रखने की चुनौती

देहरादून। हाईकोर्ट के बाद सुप्रीम कोर्ट के आए अंतरिम आदेश से सूबे के सियासी समीकरण गड़बड़ा गए हैं। महज 24 घंटे बाद हरीश रावत का फिर से पूर्व सीएम बन जाना साधारण घटना नहीं है। मुश्किलें सामने हैं, इसलिए हरीश को अगली व्यवस्था तक अपना कुनबा सहेजे रखने की चुनौती से पार पाना होगा। पूर्व सीएम हरीश रावत अपने हर बयान में एकजुटता की बात दोहरा भी रहे हैं। 27 विधायकों के साथ 6 पीडीएफ सदस्य फिलहाल एकजुट हैं, लेकिन 29 अप्रैल को फ्लोर टेस्ट तक 33 को साथ रखने में कांग्रेस के लिए बड़ी चुनौती है। 27 अप्रैल तक की मोहलत भाजपा को राहत दे रही है, जबकि इससे कांग्रेस की आफत बढ़ रही है। कांग्रेस खेमे में दिनभर चले सियासी घटनाक्रम में बहुमत के लिए हरीश का कुनबा आश्वस्त दिखा, लेकिन एकाध विधायकों के व्यवहार से यह संकेत मिला है कि कांग्रेस में सब कुछ ठीक नहीं है।

सियासी समीकरण बदल सकता है चार दिन का ग्रेस पीरियड

गुरुवार को हाईकोर्ट के फैसले के बाद पूर्व सीएम हरीश रावत अपने कुनबे को मजबूत करने के लिए हर सियासी दांव चलने की स्थिति में आ गए थे, लेकिन अब अंतरिम आदेश ने फिर स्थितियां बदल दी हैं। कांग्रेस के लिए अब सबसे बड़ी दिक्कत फ्लोर टेस्ट से पहले अगर बहुमत मिलता है तो मंत्रिमंडल की रूपरेखा क्या रहेगी। इसके लिए अब से कुछ विधायकों ने मंत्री की कुर्सी को लेकर दबाव बनाना शुरू भी कर दिया है। वहीं दूसरी ओर उत्तराखंड कांग्रेस प्रभारी अंबिका सोनी ने स्पष्ट रूप से कहा कि प्रदेश में कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत की अगुवाई में लड़ेगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश नेतृत्व में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। हाईकोर्ट के फैसले से रावत सरकार की बहाली भले ही 24 घंटे की रही हो, लेकिन इससे उनके ग्राफ पर असर पड़ा है। कांग्रेस के संघर्ष के मामले में अंबिका सोनी के मार्फत सोनिया गांधी और राहुल गांधी ने हरीश रावत और उनके विधायकों को मुबारकबादी भी भेजी है। उत्तराखंड प्रभारी अंबिका सोनी ने पत्रकारों से कहा कि भाजपा ने सरकार बनाने की लालच में आकर प्रदेश में सियासी संकट खड़ा किया है।

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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