Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

प्रादेशिक

समाजवाद से ही होगा मजदूरों का भलाः शिवपाल यादव

Published

on

समाजवाद, मजदूरों का भला, शिवपाल यादव, अन्तर्राष्ट्रीय श्रम दिवस, मधु लिमये जयंती

Loading

समाजवाद, मजदूरों का भला, शिवपाल यादव, अन्तर्राष्ट्रीय श्रम दिवस, मधु लिमये जयंती

shivpal yadav

लिमये ने समाजवादी व श्रमिक आन्दोलन को दी नई दिशा

लखनऊ। अन्तर्राष्ट्रीय श्रम दिवस व मधु लिमये जयंती के उपलक्ष्य में 7 कालीदास स्थित सभागार में आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए समाजवादी नेता व सपा के प्रदेश प्रभारी शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि श्रमिकों का सर्वतोन्मुखी हित लोहिया-लिमये द्वारा प्रतिपादित समाजवादी सिद्धांतों से ही संभव है। जिस देश में श्रमिकों की आर्थिक और सामाजिक स्थिति खराब होती है, वह देश कभी भी विकास की अगली कतार में नहीं आ पाता। मोदी सरकार की नीतियाँ श्रमिक विरोधी हैं। यही कारण है कि भारत में औद्योगिक विकास उस गति से नहीं हो रहा है, जिस गति से होना चाहिए। मोदी वही गलती कर रहे हैं जो मनमोहन सरकार कर चुकी है। औद्योगिक नीति श्रम प्रधान होनी चाहिए।

मायावती किसी मजदूर बस्ती में नहीं गईं

मायावती ने अपने शासन काल के दौरान कभी भी मजदूरों के लिए कोई भी रचनात्मक काम नहीं किया। वे कभी भी मजदूरों की बस्ती में नहीं गईं। उन्हें मजदूरों के पक्ष में बोलने का नैतिक अधिकार नहीं है। महान समाजवादी चिन्तक मधु लिमये को यादव करते हुए शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि लिमये ने भारतीय श्रमिक आन्दोलन व समाजवादी विचारधारा को नई दिशा दी। वे एक अध्ययनशील और मेधावी व्यक्तित्व थे जिन्होंने लोहिया की विचारधारा की व्याख्या की। वे लोहिया और हमारी पीढ़ी के समाजवादियों के मध्य के सेतु थे, जिनके योगदान को शब्दों में व्यक्त नहीं किया जा सकता उन्होंने लोहिया के जाने के बाद गोवा मुक्ति संग्राम को आगे बढ़ाया और पुर्तगाल से आजाद कराकर ही दम लिया। वे संसोपा के संसदीय दल के नेता रहे और चरण सिंह सरकार बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के बावजूद स्वयं मंत्री नहीं बने। नई पीढ़ी मधु जी के साहित्य को पढ़े और विचारधारा का प्रचार-प्रसार करे।

समाजवादी लेखक संघ के अध्यक्ष व इण्टरनेशनल सोशलिस्ट काउंसिल के सचिव दीपक मिश्र ने कहा कि न केवल भारत अपितु दुनिया में समाजवादी विचारधारा के सशक्त व्याख्याताओं में लिमये जी का नाम बड़े सम्मान से लिया जाता है। उन्होंने सोशलिस्ट इण्टरनेशनल के बेल्जियम अधिवेशन में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए जो जो भाषण दिया था वह वैश्विक समाजवादी विचारधारा की अनमोल थाती है। उन्होंने बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर, सरदार पटेल और लोहिया समेत कई महापुरूषों पर हिन्दी, मराठी और अंग्रेजी में कई पुस्तकें लिखी हैं। मधु लिमये जितने बड़े लेखक थे उतने ही महान योद्धा थे। उन्होंने आजादी के दौरान स्वतंत्रता के लिए कई बार गिरफ्तारियाँ दी और आजादी के बाद आपातकाल का विरोध करते हुए लम्बा समय जेल में बिताया। मधु जी देश बुद्धिजीवियों और समाजवादियों के आदर्श थे।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

Published

on

Loading

संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

Continue Reading

Trending