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प्रादेशिक

पश्चिमी उप्र में पहुंच रही हथियारों की खेप

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लखनऊ। पश्चिमी उत्तर प्रदेश से आतंकियों के रिश्ते कोई नई बात नहीं है। शायद ही कोई ऐसा जिला हो जहां पर आतंकियों ने अपने गहरे संपर्क न बना रखे हों और अब तक घुसपैठ न कर पाए हों। यानी पश्चिमी उप्र तो उनके रडार पर है ही, अन्य राज्य भी अछूते नहीं हैं। आतंकियों के पास से जिस तरह से पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हथियारों की खेप आ रही है, उससे साफ है कि यहां के सरगना बहुत ही शातिर और ताकतवर हो गए हैं। आधुनिक हथियारों का तस्कर-सौदागर शमीम इसका जीता जागता प्रमाण है। शमीम का नेटवर्क न केवल जेलों के अंदर है वरन आतंकियों से उसके गहरे रिश्ते हैं।

पुलिस सूत्रों ने बताया, पश्चिम ही नहीं समूचे उत्तर प्रदेश में बड़े गैंग के सरगनाओं और शातिर बदमाशों को एक से बढ़कर एक आधुनिक हथियारों की आपूर्ति करने वाला सौदागर कोई और नहीं, बल्कि हथियारों का तस्कर शमीम है। यह मुजफ्फरनगर का रहने वाला बताया जाता है। इसके आतंकियों से बहुत अच्छे रिश्ते हैं और यह उनसे ही सभी तरह के आधुनिक स्वचालित हथियार खरीदता है और फिर उन्हें मनचाहे दामों पर बड़े गैंग के सरगनाओं और शातिर अपराधियों को बेच देता है। सूत्रों के मुताबिक, हथियारों के सौदागर शमीम की असलियत का खुलासा फरारी से करीब चार महीने पहले सुनील राठी गैंग के शातिर बदमाश अमित उर्फ भूरा ने हरिद्वार में किया था।

अमित ने बताया था कि शमीम के बारे में उसे जानकारी तिहाड़ जेल में मिली थी। वह बिहार से आतंकियों के पास से किसी भी तरह के स्वचालित आधुनिक हथियार लेकर आता है और उन्हें पश्चिमी उप्र और कई अन्य राज्यों में बड़े गैंगों और बदमाशों को अपने दामों पर बेच देता है। खास बात यह कि सभी बड़ी वारदातों में शमीम ही हथियारों की आपूर्ति करता है। अमित उर्फ भूरा ने यह भी बताया था कि शमीम से उसकी कभी मुलाकात नहीं हुई है।

गौरतलब है कि उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश व दिल्ली सहित कई राज्यों में चोरी, लूट, डकैती और हत्या के 50 से भी ज्यादा मामलों के आरोपी कुख्यात अपराधी अमित उर्फ भूरा को बागपत में अदालत में पेशी के लिये जाते समय भूरा के साथियों ने उसे उत्तराखंड पुलिस की हिरासत से छुड़ा लिया था। उत्तराखंड पुलिस की आंखों में मिर्च झोंककर बदमाश न सिर्फ भूरा को छुड़ा ले गए, बल्कि उत्तराखंड पुलिसकर्मियों से उनकी दो एके-47 राइफलें और एक एसएलआर भी लेकर फरार हो गए।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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