Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

मुख्य समाचार

पुराने नोट बदलने को गांवो में शिविर लगाए केंद्र : सीएम अखिलेश

Published

on

Loading

CM Akhileshलखनऊ। प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी की ओर से देश में 500 रुपये व 1,000 रुपये के नोट बंद किए जाने के बाद मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने केंद्र सरकार से अपील की है कि वह गावों में विशेष शिविर लगाकर नोट बदलने की व्यवस्था करे, ताकि लोगों को परेशानी न हो।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने एक आधिकारिक बयान में कहा है कि केंद्र सरकार को इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि इन नोटों के बंद होने से गांवों के निवासियों, गरीबों व किसानों को कोई असुविधा न हो।

उन्होंने कहा है कि आम नागरिकों और व्यापारियों को नोटों के बदलाव में किसी प्रकार की दिक्कत न हो।

अखिलेश ने कहा कि ग्रामीण इलाकों में बैंक शाखाओं की संख्या कम होने के कारण केन्द्र सरकार को इन इलाकों में विशेष शिविर लगाकर पुराने नोटों को बदलने की व्यवस्था करनी चाहिए।

अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत के अलावा चार और देशों से अपने राजदूत वापस बुलाए

Published

on

By

Loading

ढाका। बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम, पुर्तगाल और संयुक्त राष्ट्र से बांग्लादेश के राजदूत वापस बुलाए गए हैं। शेख हसीना के प्रधानमंत्री पद से हटने के बाद बांग्लादेश और भारत के संबंध कुछ खास नहीं रहे हैं। वहीं, बांग्लादेश के विदेश मंत्रालय से जुड़े लोगों का मानना है कि प्रशासनिक प्रभाग के आदेश देश की विदेश नीति को लेकर अच्छे नहीं रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि भारत में उच्चायुक्त सहित जिन राजदूतों को वापस बुलाया गया है, उनमें से कई राजनीतिक नियुक्तियां नहीं थीं।

भारत में उच्चायुक्त मुस्तफिजुर रहमान के अलावा जिन अन्य लोगों को वापस बुलाया गया है, उनमें न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र के स्थायी प्रतिनिधि और ऑस्ट्रेलिया, बेल्जियम और पुर्तगाल में बांग्लादेश के राजदूत शामिल हैं। जिन राजदूतों को वापस बुलाया गया है, वह आने वाले महीनों में रिटायर होने वाले थे। भारत में उच्चायुक्त रहमान भी इनमें शामिल हैं।

यूनुस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच नहीं हो पाई थी बैठक

बांग्लादेश में छात्र संगठनों के नेतृत्व में लगातार विरोध प्रदर्शन हुए। इसके कारण अगस्त की शुरुआत में शेख हसीना की सरकार गिर गई और उन्हें देश छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। इस घटना के बाद से भारत-बांग्लादेश संबंध खराब स्थिति में हैं। नोबेल पुरस्कार विजेता मुहम्मद यूनुस के नेतृत्व में कार्यवाहक प्रशासन ने हसीना के पद छोड़ने के कुछ दिनों बाद ही कार्यभार संभाल लिया। वहीं, हसीना ने बांग्लादेश छोड़ने के बाद भारत में शरण ली। ढाका में कार्यवाहक व्यवस्था ने पिछले महीने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान यूनुस और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच बैठक कराने के लिए लगातार प्रयास किए। हालांकि, यूनुस ने भारत की आलोचना की थी और शेख हसीना के प्रत्यर्पण का मुद्दा भी उठाया था। इससे भारतीय पक्ष नाखुश था और दोनों नेताओं की मुलाकात नहीं हो पाई।

Continue Reading

Trending