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हरियाणा में आज से फिर जाट आंदोलन, आरक्षण की मांग

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हरियाणा में आज से फिर जाट आंदोलन, आरक्षण की मांग

 

चंडीगढ़ | हरियाणा में जाट समुदाय के एक वर्ग द्वारा रविवार को नए सिरे से कुछ जिलों में प्रदर्शन शुरू करने को लेकर हाई अलर्ट जारी किया गया है। इससे पहले हुए जाट आंदोलन में आरक्षण की मांग को लेकर बड़े पैमाने पर हुई हिंसा हुई थी। जाट बहुल जिलों रोहतक, झज्जर, जींद, भिवानी, सोनीपत और दूसरे इलाकों में अर्धसैनिक बल और हरियाणा पुलिस हालात पर नजर रखे हुए हैं।

अखिल भारतीय जाट आरक्षण संघर्ष समिति (एआईजेएएसएस) के अध्यक्ष यशपाल मलिक ने 19 जिलों में प्रदर्शन का आह्वान किया है।

इस आंदोलन के जरिए जाट बीते साल जाट आंदोलन में गिरफ्तार युवकों की रिहाई, आंदोलन में मारे गए जाटों के परिजनों को नौकरियां देने और जाट आंदोलन में गोलीबारी के लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।

पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को कहा, “सुरक्षा एजेंसियां कुछ जाट नेताओं पर करीब से नजर रखे हुए हैं, इसमें खास तौर से एआईजेएएसएस के प्रति निष्ठा रखने वाले शामिल हैं।”

हरियाणा सरकार ने केंद्रीय पुलिस बलों की 55 कंपनियों की मांग की है। इसके साथ ही उपद्रव की आशंका वाले जिलों में हरियाणा पुलिस कर्मियों के अलावा 7,000 होम गार्ड की तैनाती का आदेश दिया है।

केंद्रीय बलों और हरियाणा पुलिस ने रोहतक और कुछ दूसरी जगहों पर शनिवार को लोगों के बीच विश्वास पैदा करने के लिए फ्लैग मार्च किया।

बीते साल फरवरी में जाट आंदोलन में 30 लोगों की मौत हो गई थी और 200 से अधिक घायल हो गए थे।

जाट आंदोलन से रोहतक, सोनीपत, पानीपत, झज्जर, जींद, हिसार और कुछ दूसरे जिले जाट आंदोलन से बुरी तरह प्रभावित हुए थे।

आंदोलन में सैकड़ों करोड़ की सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया और आग लगा दी गई। बड़े पैमाने पर व्यावसायिक और व्यापारिक परिसरों में लूटपाट की गई।

हरियाणा सरकार ने बीते सप्ताह जिलों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अपने बातचीत में सभी महत्वपूर्ण जगहों के सुरक्षा का निर्देश दिया था। इसमें कर्नाल और सोनीपत से दिल्ली को पेयजल की आपूर्ति, राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या एक जी.टी. रोड पर यातायात व्यवस्था और रोडवेज के डिपो की सुरक्षा शामिल हैं।

हरियाणा के पुलिस महानिदेशक के.पी. सिंह ने पहले ही किसी तरह की अवैध गतिविधि में शामिल पाए जाने पर या किसी सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने पर कार्रवाई करने की बात कही है।

मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि लोगों को किसी भी आंदोलन में भाग लेने से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार स्थिति के नियंत्रण से बाहर जाने पर कड़ाई से निपटेगी।

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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