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प्रादेशिक

शहीदों पर बिगड़े बोल से चौतरफा घिरे अखिलेश यादव

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अखिलेश ने पूछा था, सीमा पर गुजरात के जवान क्‍यों नहीं हो रहे शहीद

लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनावों में करारी हार झेलने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव शहीदों की शहादत पर बेतुका बयान देकर चौतरफा आलोचनाओं से घिर गए हैं।

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अखिलेश यादव ने इटावा में बुधवार को बेतुका सवाल किया था कि आखिर बाकी राज्यों की तरह सीमा पर गुजरात के जवान क्यों नहीं शहीद हो रहे हैं। इस बयान को लेकर अखिलेश की कड़ी आलोचना हो रही है।

अखिलेश ने कहा था कि देश की सीमा पर उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, दक्षिण भारत समेत देश के हर जगह से जवान शहीद हुए हैं, लेकिन गुजरात का कोई जवान शहीद हुआ हो तो बताओ। भारतीय जनता पार्टी ने उनके इस बयान पर कहा है कि अखिलेश यादव शहीदों, वंदे मातरम और राष्ट्रवाद के नाम पर राजनीति करते हैं। राष्ट्रवाद की परिभाषा क्या है, वह तो हमें हिंदू भी नहीं मानते।

दरअसल, अखिलेश का यह बयान गुजरात से आने वाले पीएम नरेंद्र मोदी पर निशाने के तौर पर देखा जा रहा है। अखिलेश के इस बयान के बाद उनकी काफी आलोचना हो रही है। केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने कहा कि शायद अखिलेश की मानसिक स्थिति ही बिगड़ गई है। अब वह राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे संवेदनशील मुद्दों पर गैर-जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं।

इनके साथ ही प्रख्यात लेखक चेतन भगत ने भी अखिलेश यादव के बयान की निंदा करते हुए कहा कि इस तरह के बयान पर विश्वास ही नहीं किया जा सकता। सैनिक किसी राज्य के नहीं होते, वह सिर्फ भारतीय होते हैं। उन्हें इस तरह से विभाजित करना अपमानजनक है।

उत्तर प्रदेश में समाजवादी के साथ गठबंधन करने वाली कांग्रेस ने कहा कि अखिलेश यादव के बयान से कांग्रेस सहमत नहीं हैं। जवान पूरे देश का होता है, उसको किसी राज्य से जोड़कर बयानबाजी करना सही नहीं है। अखिलेश के बयान पर टिप्पणी करते हुए योग गुरु बाबा रामदेव ने कहा कि किसी भी राजनीतिक दल को ऐसा ओछी सोच रखकर निम्नस्तरीय बयान नहीं देना चाहिए।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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