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उत्तराखंड

प्लास्टिक के खिलाफ सीएम रावत को मिला भारी जनसमर्थन, इस आईएएस अफसर ने निभाई अहम भूमिका

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देहरादून। सिंगल यूज़ प्लास्टिक के विरोध में पांच नवंबर को एक लाख अठ्ठाइस हज़ार छह सौ हाथ आज एक साथ जुड़े। सुबह से ही लोग लम्बी लम्बी कतार में प्लास्टिक के विरोध में नारे लगाते नज़र आए। क्या बच्चे क्या बुजुर्ग हूटर बजते ही सबके हांथ एक दूसरे से जुड़े और फिर गूंज़ी देहरादून से एक ही शपथ। एक ही आवाज़।

 

देहरादून में आज से प्लास्टिक का इस्तेमाल हो गया बंद। इस कामयाबी के पीछे छिपा है एक दूरदर्शी और कुशल रणनीतिकार आईएएस का विजन। जिस महा आयोजन की सफलता पर आज देहरादून के मेयर सुनील उनियाल गामा फूले नहीं समा रहे तो इसके पीछे पूरे हीरो बनकर उभरे हैं वरिष्ठ नौकरशाह विनय शंकर पांडेय।

स्कूलों से बेहतर तालमेल बिठाना हो या मानव श्रंखला में आम जनता की सहूलियत का ख्याल रखना हो,  बीते कई महीने से नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय एक एक पॉइंट्स पर खुद नज़र रख रहे थे लिहाज़ा आज जब ये बहुप्रतीक्षित मानव श्रंखला का सफल आयोजन समाप्त हुआ तो न कोई ट्रैफिक जाम की समस्या दिखी और न ही आम जनता को कोई असुविधा हुई।

पहली नज़र में भले ही इस  मानव श्रंखला का आयोजन आसान दिख रहा हो लेकिन ये काम इतना आसान हरगिज़ न था, लेकिन कहते हैं न कि जब कमान कुशल हांथों में हो तो असंभव लक्ष्य भी  हासिल किया जा सकता है ,लिहाज़ा एक बार फिर अपनी उपयोगिता और काबिलियत साबित की है देहरादून के नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने

रातोंरात सोशल मीडिया पर लाखों फॉलोवर्स जुड़े IAS पांडेय से 

सोशल मीडिया हो या टीवी और प्रिंट मीडिया या फिर आम देहरादून वासी सभी को लम्बे इंतज़ार के बाद देहरादून की सड़कों पर पहली बार इतनी बड़ी मानव श्रंखला में शामिल होने का मौका मिला। खुद सूबे के मुख्यमंत्री ने काफी समय देकर इस पूरे रुट का भ्रमण किया और लोगों का हौसला बढ़ाया।

पांच नवंबर को सुबह नौ बजते बजते राजधानी की लगभर कर सड़क और चौराहे जन समर्थन को जैसे उमड़ पड़े। मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत लगातार इस अभियान के हीरो बनकर उभरे आईएएस अफसर और नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय से फीड बैक लेते नज़र आए।

आपको बता दें कि  राज्य सरकार द्वारा पर्यावरण संरक्षण की महत्वपूर्ण पहल पर पॉलीथीन मुक्त ग्रीन दून मिशन कार्यक्रम के अन्तर्गत प्रदेश के  सरकारी और गैर सरकारी स्कूलों, दफ्तरों ,स्वयंसेवी संस्थाओं एवं स्थानीय लोगों के सहयोग से अब तक की सबसे बड़ी मानव श्रृखंला का निर्माण राजधानी दून में किया गया।

नगर निगम देहरादून को आज अगर एक नयी पहचान और सुर्खियां मिली है तो उसके पीछे का श्रेय इसी कुशल प्रशासक और अनुभवी IAS के दिमाग को जाता है  जिन्होंने बीते कई महीने से लगातार आयोजन से जुड़े सभी विभागों की मीटिंग ली और एक एक अहम पहलुओं पर खुद मॉनिटरिंग की। जिसका नतीजा आज खुद न सिर्फ देहरादून की जनता ने देखा बल्कि देश भर में पॉलीथीन मुक्त ग्रीन इंडिया मिशन में मील का पत्थर भी बना देहरादून नगर निगम

 साढ़े नौ बजे मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत  शामिल होते ही शुरू हुआ अभियान

सुबह नौ बजते बजते राजधानी की सड़कों पर जैसे जन सैलाब उमड़ पड़ा हो। स्कूली बच्चे हों या दफ्तरों में काम करने वाले कर्मचारी या फिर वर्दी में ड्यूटी दे रहे पुलिस के अधिकारी और जवान सभी एक कतार में खड़े दिखाई दिए। आपको बता दें की देहरादून महानगर के मेयर सुनील उनियाल गामा और नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय ने राजधानी के इतिहास में पहली बार पचास किलोमीटर लम्बी मानव श्रंखला बनाने का बड़ा आयोजन किया जिसमें खुद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत शामिल हुए।

लगभग पचास किलोमीटर की इस ह्यूमन चेन का सीएम ने खुली गाड़ी में पूरा मुआयना किया और रास्ते भर हाँथ लहराते हुए बच्चों और स्थानीय जनता का अभिवादन किया। साढ़े नौ बजते ही अभियान की शुरुआत हुयी और फिऱ खुली जिप्सी में मियांवाला से मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत,  मेयर सुनील उनियाल गामा और नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय का काफिला हरिद्वार रोड, विधानसभा,धर्मपुर ईसी रोड, राजपुर रोड होते हुए घंटाघर पर ख़त्म हुआ।

घंटाघर पर ही मुख्यमंत्री रावत ह्यूमन चेन का हिस्सा बने। इस मानव श्रंखला में सभी वर्गों,  संगठनों और मज़हब के धर्मगुरुओं ने शिरकत की। नगर निगम की इस मुहिम में युवाओं का  जोश देखने लायक था। लोग भी पर्यावरण और स्वछता के लिए प्लास्टिक इस्तेमाल न करने की शपथ ले रहे थे।

इस  अद्भुत जनसमर्थन और इस बड़े आयोजन की सफलता पर मेयर सुनील उनियाल गामा और नगर आयुक्त विनय शंकर पांडेय बेहद उत्साहित है और इनका मानना है कि जिस तरह से रिकॉर्ड जनसमर्थन निगम के इस महा अभियान को लोगों से मिला है उसके बाद उनको उम्मीद है कि आज के बाद देहरादून में प्लास्टिक का इस्तेमाल ख़त्म हो जायेगा।

सिंगल यूज़ प्लास्टिक और पॉलिथीन के ख़िलाफ़ 50 किलोमीटर लंबी मानव श्रंखला, मुख्यमंत्री, मेयर और नगर आयुक्त के प्रयासों को मिला भारी जनसमर्थन।

आज शायद पहली बार देहरादून की सड़कों पर घूमते हुए सुखद अनुभव का एहसास हुआ। यह भी यकीन हो गया कि निश्चित कर लेने के बाद कोशिशें कभी नाकामयाब नही होती। प्रशंसा करनी होगी नगर निगम के मेयर सुनील गामा, सभी पार्षद गण, पांडेय जी, कर्मचारी गण, पुलिस विभाग व अन्य सहयोगयो की जिन्होंने पूरी शिद्दत से आज के आयोजन को सफल बनाया बल्कि स्वछता का संदेश भी जन मानस तक पहुंचाया।

इसमे कोई संदेह नही की सभी के सहयोग से स्वच्छता का जो लक्ष्य तय किया है उसे प्राप्त करना कोई मुश्किल नही है। आवश्यकता इस बात की है कि हम लोग अपनी कुछ आदतों में सुधार कर लें। लेकिन यह भी इतना आसान नही हैं हम भारतीयों को बिना दबाव, मजबूरी एवं कानूनी डर के कुछ भी पालन करने की आदत नही है।

ऐसे में कुछ सख्त कानून तथा उसके अनुपालन में कड़ाई की आवश्यक्ता है। प्रशासन  को अपनी आत्म शक्ति व इच्छा शक्ति का प्रयोग करते हुए कुछ आवश्यक नियमो का पालन कराने के लिए आगे आना होगा तभी हम सुंदर दून और स्वस्थ दून की परिकल्पना को साकार कर सकेंगे।

उत्तराखंड

पुलिस और एसओजी कीं टीम ने काशीपुर में मुठभेड़ के बाद नशा तस्कर को किया गिरफ्तार

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देहरादून। उत्तराखंड के उधम सिंह नगर जिले के काशीपुर थाना क्षेत्र की पुलिस और एसओजी की संयुक्त कार्रवाई में बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस और एसओजी की टीम ने अवैध नशे का कारोबार करने वाले एक तस्कर की घेराबंदी की।

पुलिस को देखकर तस्कर ने फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस की जवाबी फायरिंग में तस्कर घायल हो गया। पुलिस मुठभेड़ में तस्कर के घायल होने की सूचना मिलने पर एसएसपी मणिकांत मिश्रा भी मौके पर पहुंच गए।

उधम सिंह नगर के काशीपुर क्षेत्र में पुलिस को अवैध नशे की सप्लाई करने वाले तस्कर के आने की सूचना मिली थी. इस सूचना पर एसओजी और पुलिस की टीम सक्रिय हो गई। पुलिस ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए काशीपुर में स्थित कब्रिस्तान के पास चेकिंग अभियान शुरू कर दिया।

इस दौरान पुलिस को देखकर तस्कर भागने लगा. तस्कर को भागता देखकर पुलिस ने उसका पीछा किया। पुलिस को पीछे आता देखकर तस्कर ने फायरिंग शुरू कर दी। पुलिस ने भी बचाव में जवाबी कार्रवाई की, फायरिंग में तस्कर के पांव में गोली लग गई, जिससे वह घायल हो गया। तस्कर की पहचान मुनाजिर पुत्र नसरत बबार खेड़ा कुंडा के रुप में हुई है।

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