पटना। बिहार में कोरोना वायरस से संक्रमित लोगों का मिलना लगातार जारी है। गुरुवार की सुबह चार लोगों के कोरोनावायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। ये सभी महिलाएं हैं और सभी सीवान की रहने वाली बताई जा रही हैं।
इसके साथ ही बिहार में कोरोना वायरस से संक्रमितों की संख्या 43 तक पहुंच गई है। बिहार स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव संजय कुमार ने बताया कि गुरुवार को चार लोगों के कोरोना वायरस से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। उन्होंने बताया कि चारों महिलाएं एक ही परिवार की है, जिनकी उम्र 26 साल, 18 साल, 12 साल और 29 साल है।
कुमार ने बताया की ये सभी महिलाएं ओमान से आए एक व्यक्ति के संपर्क में आई थी, जो पहले से कोरोना वायरस से संक्रमित था। बिहार में कोरोना वायरस से संक्रमित एक व्यक्ति की पहले ही मौत हो चुकी है।
स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों के अनुसार, गुरुवार सुबह तक बिहार के 11 जिलों में कोरोना के मरीज मिले हैं। इनमें सबसे अधिक सीवान में 14, पटना में 5, मुंगेर में 7, नालंदा में 2, गया में 5, गोपालगंज में 3, बेगूसराय में 3, लखीसराय, सारण, नवादा और भागलपुर में एक-एक समेत कुल 43 कोरोना के मरीज मिलें हैं।
प्रयागराज | महाकुंभ 2025 के वृहद आयोजन को सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी कर रही है। दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम में परिंदा भी पर न मार सके, इसके लिहाज से स्वास्थ्य कर्मियों के साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कई टीमें मिलकर काम कर रही हैं। महाकुंभ से पहले केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर प्रॉब्लम से निपटने के लिए भी टीम को तैयार कर लिए जाने की योजना है। इसके लिए बाकायदा कर्मचारियों को हर आपदा से निपटने की विधिवत ट्रेनिंग दी जाएगी। यही नहीं योगी सरकार के निर्देश पर श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए भी प्रयागराज के अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अपग्रेड करने में लगे हैं।
श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट की भी व्यवस्था
संयुक्त निदेशक (चिकित्सा स्वास्थ्य) प्रयागराज वीके मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुंभ के दौरान स्वास्थ्य विभाग सभी इंतजाम पुख्ता करने में जुटा है। इसके तहत कर्मचारियों को महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की ट्रेनिंग दी जाएगी। महाकुंभ में देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए टीबी सप्रू और स्वरूपरानी अस्पताल को तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के साथ स्वास्थ्य कर्मियों के मिलकर काम करने की योजना बनाई गई है। सनातन धर्म के सबसे बड़े आयोजन के दौरान हर एक श्रद्धालु को केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर संबंधी हर प्रॉब्लम से सुरक्षित रखने के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं।
अनुभवी चिकित्सकों की ही तैनाती
महाकुंभ के दौरान देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की देखरेख के लिए 291 एमबीबीएस व स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तैनाती रहेगी। इसके अलावा 90 आयुर्वेदिक और यूनानी विशेषज्ञ भी इस अभियान में सहयोग के लिए मौजूद रहेंगे। साथ ही 182 स्टॉफ नर्स इन चिकित्सकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जरूरतमंदों के स्वास्थ्य की देखभाल करेंगी। इस प्रक्रिया में ज्यादातर अनुभवी चिकित्सकों को ही महाकुंभ के दौरान तैनाती दी जा रही है।