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कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव प्रक्रिया समाप्त, संभावित विजेता खड़गे के सामने कई चुनौती    

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नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव (congress president election) के लिए मतदान की प्रक्रिया समाप्त हो गई है और अब सभी को नतीजों का इंतजार है। करीब ढाई दशकों के बाद कांग्रेस में अध्यक्ष पद गैर-गांधी के हाथों में जाना तय हो गया है। कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव (congress president election) में मल्लिकार्जुन खड़गे और शशि थरूर उम्मीदवार थे। माना जा रहा था कि खड़गे को हाईकमान का समर्थन प्राप्त है, ऐसे में उनकी ही जीत तय मानी जा रही है।

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कांग्रेस चुनाव समिति के चेयरमैन मधुसूदन मिस्त्री ने कहा, ‘आज 9,500 प्रतिनिधियों ने वोट डाला है। कुल मिलाकर राज्यों में करीब 96 फीसदी तक वोटिंग हुई है। कोई अप्रिय घटना भी नहीं हुई है। कांग्रेस मुख्यालय में 37 लोगों ने मतदान किया है और 3 बैलेट बॉक्स प्राप्त हुए हैं।’

कांग्रेस की कई राज्य समितियों की ओर से प्रस्ताव पारित कर मल्लिकार्जुन खड़गे का समर्थन किया गया था। यहां तक कि शशि थरूर के गृह राज्य केरल में भी खड़गे की ही स्थिति मजूबत थी। इसलिए उनकी ही जीत तय मानी जा रही है।

हालांकि सवाल उठ रहा है कि मल्लिकार्जुन खड़गे यदि कांग्रेस के अध्यक्ष बन भी गए तो उनके आगे क्या चुनौतियां होंगी और वह कैसे पार्टी को आगे ले जा पाएंगे। 80 वर्षीय खड़गे गरीब परिवार से आते हैं और दलित समुदाय से ताल्लुक रखते हैं। सामाजिक समीकरणों के लिहाज से कांग्रेस उनके बैकग्राउंड को भुनाना चाहेगी, लेकिन खड़गे कभी दलित नेता के तौर पर पहचान हासिल नहीं कर सके हैं।

चुनाव में हार से अध्यक्षी की बोहनी का है खतरा

मल्लिकार्जुन खड़गे के आगे चुनौती होगी कि वह अपनी सामाजिक पहचान के जरिए कुछ जनाधार कांग्रेस का बढ़ा सकें। अध्यक्ष बनते ही उनके आगे बड़ी चुनौती यह है कि गुजरात और हिमाचल प्रदेश के विधानसभा चुनावों में पार्टी की स्थिति बेहतर करें। हिमाचल के चुनाव में तो अब तीन सप्ताह का ही वक्त बचा है। यहां पार्टी का प्रचार अभियान भी तेजी नहीं पकड़ सका है।

गुटबाजी की समस्या भी चरम पर है। कुछ ऐसा ही हाल गुजरात का है और वहां लगातार नेताओं का पलायन हो रहा है। ऐसी स्थिति में हार का ठीकरा मल्लिकार्जुन खड़गे के ही सिर फूटेगा यानी उनके कार्यकाल की बोहनी हार से होगी।

खड़गे के आगे बिना रबर स्टांप बने फैसले लेने की होगी चुनौती

कांग्रेस में भले ही अध्यक्ष पद के लिए चुनाव हो रहा है, लेकिन अब भी यही धारणा है कि नया नेता गांधी परिवार की रबर स्टांप ही होगा। खड़गे के आगे यह भी चुनौती होगी कि वह एक तरफ स्वतंत्र होकर सही निर्णय लें और गांधी परिवार से टकराव भी न लें।

अध्यक्ष रहते हुए बीच की इस लाइन पर चल पाना खड़गे के लिए आसान नहीं होगा। इसके अलावा सत्ता के दो केंद्र बनना भी तय माना जा रहा है, जिसके बीच अपनी अध्यक्षी का इकबाल बनाए रख पाना भी मल्लिकार्जुन खड़गे के लिए परीक्षा से कम नहीं होगा।

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नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ को लेकर क्या बोले केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव

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नई दिल्ली। प्रयागराज में भव्य महाकुंभ का आयोजन किया गया है। ऐसे में राजधानी दिल्ली से भी भारी संख्या में लोग महाकुंभ में स्नान करने के लिए पहुंच रहे हैं। इस बीच नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल महाकुंभ के लिए यहां से दो स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं। इस ट्रेन में सवार होने के लिए भारी संख्या में यात्री पहुंच गए। इस कारण प्लैटफॉर्म नंबर 14 और 15 पर भगदड़ मच गई। इस घटना में 18 लोगों की मौत हो गई और 10 यात्री घायल हो गए हैं। घायलों को आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस मामले में पर केंद्रीय मंत्री अश्विन वैष्णव ने भी ट्वीट किया है।

क्या बोले अश्विन वैष्णव

इस घटना पर केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हालात काबू में है। दिल्ली पुलिस और आरपीएफ घटनास्थल पर पहुंच चुकी है। घायलों को अस्पताल ले जाया गया है। वहीं भीड़ पर काबू पाने के लिए स्पेशल ट्रेनें संचालित की जा रही हैं। जानकारी के मुताबिक अश्विन वैष्णव कुछ ही देर में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंचेंगे। वहीं अस्पताल जाकर वह घायलों से भी मुलाकात कर सकते हैं।

क्या बोले रेलवे अधिकारी

पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) रेलवे, केपीएस मल्होत्रा ने इस घटना को लेकर कहा कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ जैसी स्थिति में 15 लोग घायल हो गए। प्रयागराज एक्सप्रेस जब प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर खड़ी थी, तो प्लेटफॉर्म पर काफी लोग मौजूद थे। स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस और भुवनेश्वर राजधानी लेट थीं, और इन ट्रेनों के यात्री भी प्लेटफॉर्म नंबर 12,13 और 14 पर मौजूद थे। जानकारी के अनुसार, 1500 जनरल टिकट बिक चुके थे, इसलिए भीड़ बेकाबू हो गई। प्लेटफॉर्म नंबर 14 और प्लेटफॉर्म नंबर 1 के पास एस्केलेटर के पास भगदड़ जैसी स्थिति थी।

 


 

 

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