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उत्तर प्रदेश

प्रदेश की कनेक्टिविटी में हुआ व्यापक सुधार, योगी सरकार ने अब तक कराया 395 सेतुओं का निर्माण

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश के इंफ्रास्ट्रक्चरल डेवलपमेंट को सुनिश्चित कर रही योगी सरकार ने अब तक के अपने कार्यकाल में विशेष तौर पर कनेक्टिविटी को शीर्ष वरीयता दी है। प्रदेश में एक्सप्रेसवे, हाइवे, डिस्ट्रिक्ट, ब्लॉक व पंचायत स्तर की सड़कों के नवनिर्माण, चौड़ीकरण, विस्तारीकरण और सुदृढ़ीकरण की प्रक्रियाओं पर कार्य करने के साथ ही योगी सरकार ने सेतुओं के निर्माण की दिशा में भी उल्लेखनीय कार्य किया है। उत्तर प्रदेश राज्य सेतु निगम लिमिटेड के आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2017 से लेकर 2024 के बीच कुल 395 सेतुओं का निर्माण कराया गया है। इसमें, 2018 से लेकर 2024 में अब तक 270 नदी सेतु, 115 रेल ओवर ब्रिज तथा 10 फ्लाईओवर के निर्माण कार्यों को पूरा किया जा चुका है। वहीं, वर्ष 2024-25 में कुल 259 सेतुओं के निर्माण की प्रक्रिया जारी है तथा इनमें से 97 को इसी वित्तीय वर्ष में पूरा करने पर योगी सरकार का फोकस है। उल्लेखनीय है कि प्रदेश में ब्रिज कनेक्टिविटी को सुनिश्चित करने के लिए एक विस्तृत कार्ययोजना बनाई गई थी और इसी के अनुसार प्रदेश में विभिन्न परियोजनाओं पर कार्य चल रहा है। खुद सीएम योगी इन सभी कार्यों की प्रगति रिपोर्ट को समय-समय पर मॉनिटर करते रहते हैं।

पूर्ण परियोजनाओं की संख्या में भी हुई वृद्धि

आंकड़ों के अनुसार, वर्ष 2017-18 में कुल 54 सेतुओं का निर्माण पूर्ण हुआ जिसमें 38 नदी सेतु, 15 रेल ओवर ब्रिज (आरओबी) व 1 फ्लाइओवर शामिल है। वहीं, वर्ष 2018-19 में 26 नदी सेतु, 20 आरओबी, 2 फ्लाइओवर समेत कुल 48 सेतुओं का निर्माण पूर्ण हुआ। वर्ष 2019-20 में 38 नदी सेतु, 9 आरओबी व एक फ्लाइओवर समेत 48 सेतुओं का निर्माण पूर्ण हुआ। वर्ष 2020-21 में 26 नदी सेतु, 17 आरओबी व 3 फ्लाइओवर समेत 46 सेतुओं का निर्माण पूर्ण हुआ। वहीं, वर्ष 2021-22 में 55 नदी सेतु, 15 आरओबी व 2 फ्लाइओवर समेत 72 सेतुओं का निर्माण पूर्ण हुआ। इसी प्रकार, वर्ष 2022-23 में 55 नदी सेतु, 16 आरओबी व एक फ्लाइओवर समेत 72 सेतुओं का निर्माण पूर्ण हुआ। जबकि, वर्ष 2023-24 में 32 नदी सेतु व 23 आरओबी समेत कुल 55 सेतुओं का निर्माण पूर्ण हुआ। इस प्रकार, योगी सरकार के अब तक के कार्यकाल में 270 नदी सेतु, 115 आरओबी व 10 फ्लाइओवर समेत कुल 395 सेतुओं को पूरा किया जा चुका है।

वर्ष 2024-25 में 58 परियोजनाओं पर 75 से 99 प्रतिशत तक काम पूरा

उत्तर प्रदेश में सेतु कनेक्टिविटी पर जोर देते हुए योगी सरकार द्वारा वर्ष 2024-25 में कुल 259 लक्षित परियोजनाएं निर्माणाधीन हैं। इनमें से 97 को इसी वित्तीय वर्ष के अंदर पूरा करना है। फिलहाल, 4 सेतु परियोजनाओं का कार्य पूर्ण हो गया है, जबकि 93 परियोजनाओं की निर्माण प्रक्रिया तेजी से जारी है। इनमें 58 सेतु निर्माण की परियोजनाएं ऐसी हैं जिन पर 75 से 99 प्रतिशत तक काम पूरा हो गया है। वहीं, 18 परियोजनाओं पर 51 से 75 प्रतिशत, 15 परियोजनाओं पर 26 से 50 प्रतिशत और 2 परियोजनाओं पर 25 प्रतिशत तक कार्य हो चुका है। वर्ष 2024-25 में 126 में से 51 नदी सेतु, 116 रेल उपरिगामी सेतु और 17 फ्लाइओवर संबंधी परियोजनाएं क्रियान्वित हैं। इनमें से 51 नदी सेतु, 53 रेल उपरिगामी सेतु और 3 फ्लाइओवर के निर्माण कार्यों को वर्ष 2024-25 के अंदर पूरा कर लिया जाएगा।

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उत्तर प्रदेश

सीएम योगी ने कुम्भ की आस्था और जलवायु परिवर्तन से संबंधित जलवायु सम्मेलन का किया शुभारंभ

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को प्रयागराज महाकुम्भ में कुम्भ की आस्था और जलवायु परिवर्तन विषयक जलवायु सम्मेलन का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मनुष्य ही केवल इस सृष्टि का एकमात्र जीव नहीं है। जीव जंतुओं का जीवन चक्र मनुष्य के साथ और मनुष्य का जीवन चक्र उनके साथ जुड़ा हुआ है। उनका अस्तित्व रहेगा तो हमारा भी अस्तित्व रहेगा और यदि उन पर संकट आएगा तो हमारे अस्तित्व पर भी संकट आएगा। उन्होंने कहा कि हम प्रलय की प्रतीक्षा ना करें, बल्कि अभी से धरती को हरा भरा बनाएं। कुम्भ का भी यही संदेश है। हम सबको आस्था के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन के कारकों पर भी विचार करते हुए उसके निवारण का उपाय करना होगा। उन्होंने कहा कि जीव सृष्टि और जंतु सृष्टि के संरक्षण के साथ ही मानव सृष्टि की सुरक्षा और संरक्षण हो पाएगा। इस दौरान सीएम योगी ने दिल्ली में हुई घटना पर अफसोस जताते हुए सभी पुण्य आत्माओं के प्रति अपनी विनम्र श्रद्धांजलि भी अर्पित की।

श्रद्धालु पार्किंग में खड़े करें वाहन

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के परिप्रेक्ष्य में जब जलवायु परिवर्तन की बात करते हैं तो एक-दूसरे पर दोषारोपण होने लगता है। यही स्थिति महाकुम्भ में भी देखने को मिल रही है. एरियल सर्वे में देख रहा था कि पार्किंग की जगह खाली है, लेकिन हर व्यक्ति सड़क पर अपनी गाड़ी खड़ी करके संगम स्नान को जा रहा है। अगर वही व्यक्ति पार्किंग के स्थान पर अपना वाहन पार्क करे तो हो सकता है कि उसे 100 मीटर ज्यादा पैदल चलना पड़े, लेकिन सड़क पर कहीं जाम नहीं होगा और आसानी से वह संगम में स्नान कर सकेगा। उन्होंने कहा कि इस जलवायु परिवर्तन से बचने के लिए हम सब कहां भागीदार हैं, इसके बारे में चिंतन करना और उसे अपने व्यवहारिक जीवन में उतारना, यह सचमुच महाकुम्भ का हिस्सा बनना चाहिए। इसे हर किसी को अपने जीवन में उतारना चाहिए।

जलवायु परिवर्तन के कारण सूख रहीं नदियां

सीएम योगी ने कहा कि 13 जनवरी से लेकर 16 फरवरी के बीच 52 करोड़ श्रद्धालु मां गंगा, यमुना और मां सरस्वती की इस पावन त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। 52 करोड़ लोग तब यहां डुबकी लगा पा रहे हैं, जब मां गंगा, यमुना और मां सरस्वती की कृपा से यहां अविरल जल उन्हें मिल पा रहा है। जो भी यहां डुबकी लगा रहा है उसे आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव मिल रहा है। इस अनुभव को जब वह अपने गांव में और आसपास के क्षेत्र में साझा कर रहा है, तभी वहां से बड़े पैमाने पर श्रद्धालु यहां आकर इस पूरे आयोजन को सफलता की नई ऊंचाई तक पहुंचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम सबको सोचना होगा की कार्बन उत्सर्जन और पर्यावरण के प्रदूषण का कारण जलवायु परिवर्तन है। जलवायु परिवर्तन का ही कारण है कि धरती माता की धमनियों के रूप में जिन नदियों को अविरल बहना चाहिए था वह सूखती जा रही हैं। अनुमान कीजिए, अगर शरीर की रक्त धमनियां सूख गई तो शरीर की स्थिति क्या होगी। अगर धरती माता की धमनियां सूख गईं या प्रदूषित हो गई तो जिन धमनियों से रक्त का प्रवाह होना चाहिए उसकी क्या स्थिति होगी।

मर चुकी नदियों को पुनर्जीवित किया जा रहा

सीएम योगी ने कहा कि धरती माता के साथ खिलवाड़ न हो, इसको ध्यान में रखते हुए सिंगल यूज प्लास्टिक को प्रतिबंधित किया गया है। उत्तर प्रदेश में पिछले 8 वर्षों के अंदर हमारी सरकार ने 210 करोड़ वृक्षारोपण किया है। वन विभाग के द्वारा जो वृक्ष लगाए गए हैं उसमें 70 से लेकर 80 फीसदी पौधे सुरक्षित हैं। वहीं विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से जो वृक्षारोपण हुआ है उसमें भी 60 से 70 फीसदी पौधे सुरक्षित हैं। डीजल से चलने वाली बसों के स्थान पर इलेक्ट्रिक बसों को प्राथमिकता दी गई है। इसके लिए पॉलिसी बनाई और अनेक कार्यक्रम बढ़ाए गए हैं। मर चुकी नदियों को फिर से पुनर्जीवित करने का काम किया। आज जो संगम में इतना पावन स्नान एक साथ एक दिन में करोड़ों लोग कर पा रहे हैं। जितनी भीड़ कभी मौनी अमावस्या को जुटती थी उतनी भीड़ हर दिन हो रही है। नदियों को चैनेलाइज किया गया। संगम क्षेत्र का दायरा बढ़ाया गया। संगम में हर समय 10 हजार से 11 हजार क्यूसेक जल हमेशा मौजूद रहे इसको सुनिश्चित किया गया।

जलवायु परिवर्तन रोकने के लिए जनभागीदारी आवश्यक

सीएम योगी ने कहा कि सरकार अपने स्तर पर कार्य कर रही है, लेकिन हमारा भी प्रयास होना चाहिए कि हम भी इसमें कैसे भागीदार बन सकते हैं। दैनिक जीवन में प्लास्टिक का उपयोग करना क्या हम रोक पाएंगे, क्या नदियों पर कब्जा करना और प्रदूषण करने की प्रवृत्ति पर नियंत्रण कर पाएंगे, वन्य जीवों के प्रति क्या हमारे मन में भी संवेदना जागृत होगी, क्योंकि जैसे हमारा जीवन चक्र है ऐसे ही धरती माता का भी अपना एक जीवन चक्र है। हम दोनों को एक साथ जोड़ करके देखेंगे तब यह सृष्टि रहेगी। एक पेड़ मां के नाम, एक पेड़ आस्था के नाम लगाने के क्रम में हम भी सहभागी बन सकें।

इस अवसर पर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती, परमार्थ आश्रम के प्रमुख स्वामी चिदानंद सरस्वती मुनि, जगद्गुरु स्वामी मुकुंदानंद, वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ अरुण कुमार सक्सेना एवं राज्य मंत्री केपी मलिक समेत विधायक व अधिकारी उपस्थित रहे।

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