उत्तर प्रदेश
नेत्र रोगियों को नया जीवन देने का प्रतिष्ठित अभियान चला रहा शंकर आई फाउंडेशनः सीएम योगी
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वाराणसी | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पीएम मोदी की प्रेरणा से काशी के सेवा व विकास के अभियान में नई कड़ी जुड़ी है। आज उत्तर प्रदेश में शंकर आई हॉस्पिटल की द्वितीय शाखा का उद्घाटन हुआ है। शंकर आई फाउंडेशन देश के अंदर नेत्र रोगियों को नया जीवन देने का प्रतिष्ठित अभियान चला रहा है। पूज्य शंकराचार्य की प्रेरणा से 1977 में चला यह अभियान देश के विभिन्न क्षेत्रों में शंकर आई हॉस्पिटल के माध्यम से लोगों के जीवन में नई रोशनी लाने का कार्य कर रहा है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को वाराणसी में आरजे शंकरा नेत्र चिकित्सालय के उद्घाटन समारोह में कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य जगद्गगुरु शंकर विजयेंद्र सरस्वती व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में अपनी बातें रखीं। सीएम योगी ने कांचिपुरम से काशी तक की इस यात्रा के लिए जगद्गगुरु शंकराचार्य व शंकर आई फाउंडेशन का अभिनंदन किया।
शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में काशी ने रचे नित नए प्रतिमान
सीएम योगी ने कहा कि पीएम मोदी की प्रेरणा, मार्गदर्शन व नेतृत्व में काशी 10 वर्ष में न केवल विकास के नए रूप में देखने को मिल रही है, बल्कि काशी ने शिक्षा व स्वास्थ्य के क्षेत्र में नित नए प्रतिमान भी रचे हैं। बाबा विश्वनाथ की पावन धरा में विकास व सेवा के नए-नए प्रकल्प जुड़े हैं। यहां 2500 करोड़ की लागत से स्वास्थ्य क्षेत्र में कार्य हुए हैं। काशी में पं. मदन मोहन मालवीय कैंसर हॉस्पिटल, होमी भाभा कैंसर हॉस्पिटल, 430 बेडेड सुपर स्पेशियिलिटी हॉस्पिटल बीएचयू के अंदर सर सुंदर लाल हॉस्पिटल में 100 बेडेड एमसीएच विंग, ईएसआईसी हॉस्पिटल में 150 बेडेड सुपर स्पेशियिलिटी ब्लॉक का निर्माण हुआ है।
काशी, पूर्वी उत्तर प्रदेश व बिहार की बड़ी आबादी की आवश्यकता की होगी पूर्ति
सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि पं. दीनदयाल उपाध्याय राजकीय चिकित्सालय, लाल बहादुर शास्त्री चिकित्सालय, शिवप्रसाद गुप्त मंडलीय चिकित्सालय का उच्चीकरण, जिला महिला चिकित्सालय कबीरचौरा में 100 बेडेड मैटर्निटी विंग का निर्माण कार्य संपन्न हुआ है। काशी में स्वास्थ्य के बेहतरीन सुविधा के क्रम में आरजे शंकर आई हॉस्पिटल की नवीन इकाई का शुभारंभ हो रहा है। स्वास्थ्य के बड़े हब के रूप में यह काशीवासियों, पूर्वी उत्तर प्रदेश व बिहार की बड़ी आबादी की आवश्यकता की पूर्ति करने में महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन करेगा।
10 वर्ष में उत्तर प्रदेश में स्वास्थ्य के क्षेत्र में हुए बेहतरीन कार्य
सीएम योगी ने कहा कि काशी की तरह उत्तर प्रदेश में भी स्वास्थ्य के क्षेत्र में 10 वर्ष में बेहतरीन कार्य हुए हैं। हर जनपद में मेडिकल कॉलेज की स्थापना, डायलिसिस-सिटी स्कैन की सुविधा, 15 हजार से अधिक आयुष्मान आरोग्य मंदिर के माध्यम से ग्रामीण स्तर पर लोगों को स्वास्थ्य व ट्रेडिशनल मेडिसिन की बेहतरीन सुविधा मिली। पीएम मोदी के नेतृत्व में यह अभियान यूपी में तेजी से बढ़ रहा है। सीएम योगी ने कहा कि इस दिशा में सरकार के साथ-साथ निजी क्षेत्र व धर्मार्थ क्षेत्र का योगदान महत्वपूर्ण है।
कार्यक्रम में राज्यपाल आनंदी बेन पटेल, उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, संस्था से जुड़े डॉ. एसवी बाला सुब्रमण्यम, डॉ. आरवी रमणी, मुरली कृष्णमूर्ति, रेखा झुनझुनवाला आदि की मौजूदगी रही।
उत्तर प्रदेश
सीएम योगी ने कुम्भ की आस्था और जलवायु परिवर्तन से संबंधित जलवायु सम्मेलन का किया शुभारंभ
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को प्रयागराज महाकुम्भ में कुम्भ की आस्था और जलवायु परिवर्तन विषयक जलवायु सम्मेलन का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मनुष्य ही केवल इस सृष्टि का एकमात्र जीव नहीं है। जीव जंतुओं का जीवन चक्र मनुष्य के साथ और मनुष्य का जीवन चक्र उनके साथ जुड़ा हुआ है। उनका अस्तित्व रहेगा तो हमारा भी अस्तित्व रहेगा और यदि उन पर संकट आएगा तो हमारे अस्तित्व पर भी संकट आएगा। उन्होंने कहा कि हम प्रलय की प्रतीक्षा ना करें, बल्कि अभी से धरती को हरा भरा बनाएं। कुम्भ का भी यही संदेश है। हम सबको आस्था के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन के कारकों पर भी विचार करते हुए उसके निवारण का उपाय करना होगा। उन्होंने कहा कि जीव सृष्टि और जंतु सृष्टि के संरक्षण के साथ ही मानव सृष्टि की सुरक्षा और संरक्षण हो पाएगा। इस दौरान सीएम योगी ने दिल्ली में हुई घटना पर अफसोस जताते हुए सभी पुण्य आत्माओं के प्रति अपनी विनम्र श्रद्धांजलि भी अर्पित की।
श्रद्धालु पार्किंग में खड़े करें वाहन
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के परिप्रेक्ष्य में जब जलवायु परिवर्तन की बात करते हैं तो एक-दूसरे पर दोषारोपण होने लगता है। यही स्थिति महाकुम्भ में भी देखने को मिल रही है. एरियल सर्वे में देख रहा था कि पार्किंग की जगह खाली है, लेकिन हर व्यक्ति सड़क पर अपनी गाड़ी खड़ी करके संगम स्नान को जा रहा है। अगर वही व्यक्ति पार्किंग के स्थान पर अपना वाहन पार्क करे तो हो सकता है कि उसे 100 मीटर ज्यादा पैदल चलना पड़े, लेकिन सड़क पर कहीं जाम नहीं होगा और आसानी से वह संगम में स्नान कर सकेगा। उन्होंने कहा कि इस जलवायु परिवर्तन से बचने के लिए हम सब कहां भागीदार हैं, इसके बारे में चिंतन करना और उसे अपने व्यवहारिक जीवन में उतारना, यह सचमुच महाकुम्भ का हिस्सा बनना चाहिए। इसे हर किसी को अपने जीवन में उतारना चाहिए।
जलवायु परिवर्तन के कारण सूख रहीं नदियां
सीएम योगी ने कहा कि 13 जनवरी से लेकर 16 फरवरी के बीच 52 करोड़ श्रद्धालु मां गंगा, यमुना और मां सरस्वती की इस पावन त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। 52 करोड़ लोग तब यहां डुबकी लगा पा रहे हैं, जब मां गंगा, यमुना और मां सरस्वती की कृपा से यहां अविरल जल उन्हें मिल पा रहा है। जो भी यहां डुबकी लगा रहा है उसे आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव मिल रहा है। इस अनुभव को जब वह अपने गांव में और आसपास के क्षेत्र में साझा कर रहा है, तभी वहां से बड़े पैमाने पर श्रद्धालु यहां आकर इस पूरे आयोजन को सफलता की नई ऊंचाई तक पहुंचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम सबको सोचना होगा की कार्बन उत्सर्जन और पर्यावरण के प्रदूषण का कारण जलवायु परिवर्तन है। जलवायु परिवर्तन का ही कारण है कि धरती माता की धमनियों के रूप में जिन नदियों को अविरल बहना चाहिए था वह सूखती जा रही हैं। अनुमान कीजिए, अगर शरीर की रक्त धमनियां सूख गई तो शरीर की स्थिति क्या होगी। अगर धरती माता की धमनियां सूख गईं या प्रदूषित हो गई तो जिन धमनियों से रक्त का प्रवाह होना चाहिए उसकी क्या स्थिति होगी।
मर चुकी नदियों को पुनर्जीवित किया जा रहा
सीएम योगी ने कहा कि धरती माता के साथ खिलवाड़ न हो, इसको ध्यान में रखते हुए सिंगल यूज प्लास्टिक को प्रतिबंधित किया गया है। उत्तर प्रदेश में पिछले 8 वर्षों के अंदर हमारी सरकार ने 210 करोड़ वृक्षारोपण किया है। वन विभाग के द्वारा जो वृक्ष लगाए गए हैं उसमें 70 से लेकर 80 फीसदी पौधे सुरक्षित हैं। वहीं विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से जो वृक्षारोपण हुआ है उसमें भी 60 से 70 फीसदी पौधे सुरक्षित हैं। डीजल से चलने वाली बसों के स्थान पर इलेक्ट्रिक बसों को प्राथमिकता दी गई है। इसके लिए पॉलिसी बनाई और अनेक कार्यक्रम बढ़ाए गए हैं। मर चुकी नदियों को फिर से पुनर्जीवित करने का काम किया। आज जो संगम में इतना पावन स्नान एक साथ एक दिन में करोड़ों लोग कर पा रहे हैं। जितनी भीड़ कभी मौनी अमावस्या को जुटती थी उतनी भीड़ हर दिन हो रही है। नदियों को चैनेलाइज किया गया। संगम क्षेत्र का दायरा बढ़ाया गया। संगम में हर समय 10 हजार से 11 हजार क्यूसेक जल हमेशा मौजूद रहे इसको सुनिश्चित किया गया।
जलवायु परिवर्तन रोकने के लिए जनभागीदारी आवश्यक
सीएम योगी ने कहा कि सरकार अपने स्तर पर कार्य कर रही है, लेकिन हमारा भी प्रयास होना चाहिए कि हम भी इसमें कैसे भागीदार बन सकते हैं। दैनिक जीवन में प्लास्टिक का उपयोग करना क्या हम रोक पाएंगे, क्या नदियों पर कब्जा करना और प्रदूषण करने की प्रवृत्ति पर नियंत्रण कर पाएंगे, वन्य जीवों के प्रति क्या हमारे मन में भी संवेदना जागृत होगी, क्योंकि जैसे हमारा जीवन चक्र है ऐसे ही धरती माता का भी अपना एक जीवन चक्र है। हम दोनों को एक साथ जोड़ करके देखेंगे तब यह सृष्टि रहेगी। एक पेड़ मां के नाम, एक पेड़ आस्था के नाम लगाने के क्रम में हम भी सहभागी बन सकें।
इस अवसर पर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती, परमार्थ आश्रम के प्रमुख स्वामी चिदानंद सरस्वती मुनि, जगद्गुरु स्वामी मुकुंदानंद, वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ अरुण कुमार सक्सेना एवं राज्य मंत्री केपी मलिक समेत विधायक व अधिकारी उपस्थित रहे।
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