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राजमार्ग बनाने वालों के लिए नीति मंजूर

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नई दिल्ली। सरकार ने बुधवार को राजमार्ग बनाने वालों के लिए परियोजना से बाहर निकलने की एक नीति और पैसे की कमी से जूझ रही परियोजनाओं में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के शामिल होने की एक नीति को मंजूरी दे दी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में यहां आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (सीसीईए) ने राजमार्ग क्षेत्र की परियोजनाओं में तेजी लाने के लिए दोनों प्रस्तावों को मंजूरी दे दी।

सीसीईए द्वारा जारी एक बयान के मुताबिक, निकास नीति ढांचे के तहत अब परियोजना का निर्माण पूरा होने के दो साल बाद विकासकर्ता अपनी पूरी हिस्सेदारी बेच सकते हैं। बयान में कहा गया है, “गत पांच सालों में पीपीपी परियोजनाओं को बोलियां नहीं मिल पाई हैं। इसका एक प्रमुख कारण यह है कि योग्य बोलीदाताओं के पास निवेश के लिए समुचित धन नहीं है।” सीसीईए ने साथ ही कहा कि इस कदम से पूर्ण परियोजनाओं में फंसी निवेश राशि मुक्त होगी और इसे नई परियोजनाओं में फिर से निवेश की जा सकती है।

बयान के मुताबिक, “इस फैसले से 2009 से पहले हस्ताक्षर किए गए सभी समझौते के मामले में शर्ते समान हो जाएंगी।” बयान में कहा गया है कि 2009 से पहले आवंटित 80 ऐसी बनाओ, चलाओ, हस्तांतरित करो (बीओटी) परियोजनाएं हैं, जो पूरी हो चुकी हैं और उनमें से 4,500 करोड़ रुपये की शेयरधारिता फंसी हुई है।

बयान के मुताबिक, “एक बार यदि यह शेयरधारिता मुक्त हो जाती है और यदि इसे नई परियोजनाओं में निवेश किया जाता है, तो इससे पीपीपी मॉडल के तहत 1,500 किलोमीटर नए राजमार्गो के निर्माण को मदद मिलेगी। इस तरह बीओटी परियोजनाओं को बेहतर प्रतिक्रिया मिलेगी।” खटाई में पड़ी परियोजनाओं में एनएचएआई के शामिल होने के बारे में सीसीईए ने कहा कि यह मंजूरी ऐसी परियोजनाओं के लिए है, जो आखिरी चरण में हैं, लेकिन अतिरिक्त शेयरधारिता पूंजी के अभाव या ऋणदाता द्वारा और अधिक ऋण देने में असमर्थता के कारण आगे नहीं बढ़ पा रही हैं।

बयान में कहा गया है कि एनएचएआई अपने बजट में से ऐसी परियोजनाओं को पूर्व निर्धारित ब्याज दर पर ऋण देगा। सरकारी अनुमानों के मुताबिक, देश के विभिन्न क्षेत्रों में 16 परियोजनाएं धन के अभाव में आगे नहीं बढ़ पा रही हैं।

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नेशनल

दिल्ली के बंटी-बबली नागपुर से 16 लाख रुपये के 38 लैपटॉप लेकर फरार, नागपुर पुलिस के चढ़े हत्थे

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नागपुर। नागपुर पुलिस ने बंटी-बबली जोड़ी को गिरफ्तार किया है। ये कंप्यूटर वर्क की दुकान खोलने के बहाने लगभग 16 लाख रुपये के 38 लैपटॉप लेकर फरार हो गए। दिल्ली के रहवासी बंटी-बबली को नागपुर की पुलिस ने गिरफ्तार किया है। इन दोनों आरोपियों को पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किया और नागपुर लेकर आई। आरोपी पवन कुमार और अनीता शर्मा के खिलाफ देश के कई राज्यों में मामले दर्ज हैं। यह दोनों मित्र है, जो कई वर्षों से ठगी में लिप्त हैं।

पहले लिए 18 पुराने लैपटॉप

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार दोनों ने नागपुर के बजाज नगर में किराए का मकान लिया। इसके बाद किराए पर दुकान लिया। इन लोगों ने एक बिजनेसमैन से पहले 18 पुराने लैपटॉप लिए और फिर 28 नए लैपटॉप ऑर्डर किए। उन्होंने व्यवसायी को तत्काल भुगतान का वादा किया और चले गए। तत्काल भुगतान का वादा करने के बाद भी आरोपियों ने रुपए नहीं दिए।

DCP लोहीत मतानी ने बताया कि,

लैपटॉप मिलने के बाद तुरंत ये लोग फरार हो गए। इन दोनों आरोपियों ने लैपटॉप के डीलर से कहा कि अगले दिन पैसे का भुगतान कर देंगे। लैपटॉप डीलर को दोनों ने बताया था कि यहां पर यह कंपनी चालू करने जा रहे हैं, इसके लिए नए लैपटॉप की जरूरत है। पुलिस ने अब तक सिर्फ 6 लैपटॉप जप्त किया है। इन लोगों ने अलग-अलग लोगों को लैपटॉप बेच दिए हैं। पुलिस अब उन जगहों पर जाकर बाकी लैपटॉप जप्त करेगी।

 

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