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प्रादेशिक

मप्र में अनाथ युवतियों को मिलेंगे नाथ

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भोपाल,मध्य प्रदेश,अनाथालय,महिला बाल विकास विभाग,आत्मनिर्भर,महिला पॉलिटेकि्न

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भोपाल | मध्य प्रदेश में अपनों से ठुकराई और अनाथ हो गईं युवतियों का जीवन अब खुशहाल बनने जा रहा है। महिला बाल विकास विभाग द्वारा संचालित पश्चातवर्ती गृह (अनाथालय जैसा) में रहने वाली 12 युवतियां सोमवार 15 जून को सरकार की कोशिशों से वैवाहिक जीवन में प्रवेश करने जा रही हैं। पश्चातवर्ती गृह ऐसी वयस्क बालिकाओं का आश्रय गृह है जो अनाथ हैं, जो अपने परिवार से प्रताड़ित और उपेक्षित हैं। इन बालिकाओं की देखरेख कर उनके अभिभावक बनकर महिला-बाल विकास विभाग उन्हें नया जीवन जीने के लिए न केवल प्रेरित करता है, बल्कि वे आत्मनिर्भर होकर अपना जीवन जी सके, इसके लिए उन्हें विभिन्न व्यावसायिक प्रशिक्षण भी देता है।

महिला बाल विकास विभाग द्वारा दी गई जानकारी में कहा गया है कि भोपाल स्थित पश्चातवर्ती गृह की जो बलिकाएं 15 जून को वैवाहिक जीवन में बंधने जा रही हैं, उनमें से चार बालिकाओं ने महिला पॉलिटेकि्न क से फैशन डिजाइन का कोर्स किया और अन्य ने जूट से सामान बनाने तो किसी ने अपनी इच्छानुसार सिलाई-बुनाई का प्रशिक्षण लिया है। महिला-बाल विकास मंत्री माया सिंह ने इन सभी बालिकाओं के बेहतर पुनर्वास पर जोर दिया है। उन्होंने विभाग की समीक्षा बैठक में ऐसी लड़कियों पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि विवाह के बाद भी माता-पिता के समान विभाग इन लड़कियों के नए परिवारजन से संपर्क में रहे और उनकी देखभाल करता रहे।

जारी एक आधिकारिक बयान के अनुसार, इन युवतियों के लिए महिला बाल विकास विभाग पूरी सजगता और सतर्कता से वर का चयन करता है। लड़कों का चयन, चाल-चलन, उसका परिवारिवारिक व्यवसाय आदि की पड़ताल के लिए छह माह की प्रक्रिया है। इसके लिए विधि सह परवीक्षा अधिकारी है, जो चयनित लड़कों की पड़ताल करता है। बयान के अनुसार, सबसे पहले लड़कों द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर उनके दस्तावेजों का परीक्षण किया जाता है। जैसे आय का प्रमाण पत्र, व्यवसाय की जानकारी, नौकरी में है तो उसकी जानकारी। इस रपट पर खरे उतरने वाले परिवार से फिर शादी की बातचीत शुरू की जाती है।

बयान में कहा गया है कि पहले लड़का-लड़की मिलते हैं। इस बातचीत के बाद सबसे पहले लड़की की पसंद पूछी जाती है। इसके लिए उसे दो दिन का समय दिया जाता है। जब वह हां कर देती है, तब लड़के से पूछा जाता है। दोनों की सहमति के बाद लड़की को लड़के के परिवार से मिलवाया जाता है। बयान के अनुसार, स्टाम्प पेपर पर इस बात का वादा परिवार वालों से करवाया जाता है कि वे कभी भी लड़की को अनाथ होने का ताना नहीं देंगे। जीवन-भर अपनाएंगे, इसकी गारंटी ली जाती है। इसके बाद शादी की स्वीकृति कलेक्टर से ली जाती है। पश्चातवर्ती संगठन ने तीन वर्ष पूर्व आईं 12 बालिकाओं के विवाह तय किए हैं। इन बालिकाओं के लिए जो लड़के चयनित किए गए वे सभी कमाऊ हैं।

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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