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प्रादेशिक

जम्मू एवं कश्मीर : विपक्ष ने विधानसभा सत्र में अटकाए रोड़े

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श्रीनगर| विपक्षी दल नेशनल कांग्रेस (नेकां) और कांग्रेस के विधायकों ने मंगलवार को विधानसभा की कार्यवाही में रोड़े अटकाए। नेकां विधायक विरोध स्वरूप अपनी सीटों पर खड़े हो गए और नारे लिखे बैनर दिखाए। बैनरों पर लिखा था, “अनुच्छेद 35ए की रक्षा करो।” कांग्रेस विधायकों ने संविधान के अनुच्छेद 35ए की रक्षा के नारे लगाए और राज्य में दैनिक वेतनभोगियों को नियमित करने की मांग भी की।

नेकां विधायक देवेंद्र राणा ने विधानसभा अध्यक्ष कविंद्र गुप्ता से प्रश्नकाल स्थगित करने और इसकी बजाय सदन में अनुच्छेद 35 ए पर चर्चा कराने की अनुमति मांगी।

अनुच्छेद 35ए जम्मू एवं कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने से संबंधित है।

पूर्व नेकां मत्री अली मुहम्मद सागर ने कहा, “हम सदन में बम या ग्रेनेड नहीं ला रहे हैं। हम अध्यक्ष से अनुच्छेद 35ए पर बोलने देने की इजाजत चाहते हैं और यह मांग भारतीय संविधान के तहत है।”

उन्होंने कहा, “आप सदन को मुख्यमंत्री (मुफ्ती मुहम्मद सईद) के दिशा-निर्देशों के अनुसार चला रहे हैं।”

राज्य के कानून एवं संसदीय मामलों के मंत्री सैयद बशारत बुखारी ने कहा कि अनुच्छेद 35ए को सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी गई है और नियमों के तहत इस पर सदन में किसी तरह की चर्चा कराने की अनुमति नहीं दी जा सकती है।

विधानसभा अध्यक्ष के प्रश्नकाल आगे बढ़ाने का फैसला लेने पर नेकां और कांग्रेस विधायक उनकी आसंदी के पास आ जमे। सदन में मौजूद सुरक्षाकर्मी उन्हें सदन के बीचोंबीच आने और हंगामा करने से रोकने में नाकाम रहे।

अध्यक्ष ने नेकां विधायक अलताफ कालू को उनके अमर्यादित बर्ताव के लिए पूरे सत्र से निलंबित कर दिया। उन्हें मार्शल सदन से बाहर ले गए।

सदन में विपक्षी विधायकों के हंगामे के बीच मंत्रियों ने प्रश्नों का जवाब देना जारी रखा।

 

उत्तर प्रदेश

संभल हिंसा: 2500 लोगों पर केस, शहर में बाहरी की एंट्री पर रोक, इंटरनेट कल तक बंद

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संभल। संभल में जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान रविवार को भड़की हिंसा के बाद सोमवार सुबह से पूरे शहर में तनाव का माहौल है। हिंसा प्रभावित इलाकों में कर्फ्यू जैसे हालात हैं। प्रशासन ने स्थिति नियंत्रण में लाने के लिए कड़े कदम उठाए हैं। डीआईजी मुनिराज जी के नेतृत्व में पुलिस बल ने हिंसा प्रभावित इलाकों में फ्लैग मार्च किया। शहर के सभी प्रमुख चौराहों पर बैरिकेडिंग की गई है, और प्रवेश मार्गों पर पुलिस तैनात है। पुलिस ने अभी तक 25 लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। इसमें दो महिलाएं भी शामिल हैं। इंटरनेट अब कल तक बंद रहेगा।

इसके अलावा कोई भी बाहरी व्यक्ति, अन्य सामाजिक संगठन अथवा जनप्रतिनिधि जनपद संभल की सीमा में सक्षम अधिकारी की अनुमति के बिना एक दिसंबर तक प्रवेश नहीं करेगा। ये आदेश तत्काल प्रभाव से लागू होगा। इस आदेश का उल्लंघन भारतीय न्याय संहिता, 2023 की धारा 223 के अंतर्गत दंडनीय अपराध होगा। इसके अलावा संभल और आसपास के क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर दिया गया है। साथ ही स्कूलों को बंद करने का भी आदेश जारी किया गया है। हिंसा मामले में 25 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। इनके साथ 2500 लोगों पर भी केस दर्ज किया गया है। साथ ही पुलिस की तरफ से दुकानों को बंद नहीं किया गया है।

इसके साथ ही संभल पुलिस ने समाजवादी पार्टी के सांसद जियाउर्रहमान बर्क और विधायक नवाब इकबाल महमूद के बेटे सुहैल इकबाल पर एफआईआर दर्ज की है। दोनों नेताओं पर संभल में हिंसा भड़काने के मामले में एफआईआर दर्ज की गई है। उल्लेखनीय है कि रविवार (24 नवंबर) की सुबह संभल की शाही जामा मस्जिद का सर्वेक्षण किया गया था। इस दौरान मस्जिद के पास अराजक तत्वों ने सर्वेक्षण टीम पर पथराव कर दिया। देखते ही देखते माहौल बिगड़ता चला गया। पुलिस ने हालात को काबू करने के लिए आंसू गैसे के गोले छोड़े और अराजक तत्वों को चेतावनी भी दी। हालांकि, हिंसा के दौरान चार लोगों की मौत हो गई।

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