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बिजनेस

तेल मूल्य में गिरावट मददगार : जेटली

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दुबई। कच्चे तेल का मूल्य 40 डॉलर प्रति बैरल से कम होने पर केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने कहा कि इससे अनुकूल माहौल का निर्माण हुआ है, क्योंकि इससे सरकारी तेल विपणन कंपनियों को हुए घाटे की भरपाई हुई है और महंगाई कम हुई है। जेटली ने सोमवार शाम संवाददाताओं से कहा, “इसने वायदा खरीद के कारण हमारी कंपनियों को हो रहे घाटे की भरपाई करने में मदद की है। इसने महंगाई को भी कम किया है, जिसके कारण भारतीय रिजर्व बैंक दरों में कटौती कर पाया।”

उन्होंने कहा कि इसके कारण सरकार को सब्सिडी घटाने में भी मदद मिली है। जेटली ने कहा, “इसके कारण हमें ईंधन उपकर बढ़ाने में भी मदद मिली, जिसका उपयोग अवसंरचना निर्माण में किया जाएगा।” जेटली संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) के दो दिवसीय दौरे पर हैं। उनके दौरे का मकसद देश के लिए निवेश जुटाना है।

यूएई 2014-15 में भारत के लिए कच्चे तेल का छठा सबसे बड़ा स्रोत रहा है। भारतीय बास्केट के कच्चे तेल की कीमत सोमवार को प्रति बैरल घटकर 39.89 डॉलर रही। 12 पेट्रोलियम निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) के कच्चे तेल की कीमत सोमवार को प्रति बैरल 38.18 डॉलर रही। गत 11 सालों में पहली बार शुक्रवार को कच्चे तेल की कीमत प्रति बैरल 40 डॉलर से नीचे 39.21 डॉलर पर बंद हुई।

बिजनेस

जियो ने जोड़े सबसे अधिक ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’- ट्राई

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नई दिल्ली| भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के नवीनतम आंकड़ों के मुताबिक, रिलायंस जियो ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में सबसे आगे है। सितंबर महीने में जियो ने करीब 17 लाख ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़े। समान अवधि में भारती एयरटेल ने 13 लाख तो वोडाफोन आइडिया (वीआई) ने 31 लाख के करीब ग्राहक गंवा दिए। ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ जोड़ने के मामले में जियो लगातार दूसरे महीने नंबर वन बना हुआ है। एयरटेल और वोडाआइडिया के ‘एक्टिव सब्सक्राइबर’ नंबर गिरने के कारण पूरे उद्योग में सक्रिय ग्राहकों की संख्या में गिरावट देखी गई, सितंबर माह में यह 15 लाख घटकर 106 करोड़ के करीब आ गई।

बताते चलें कि टेलीकॉम कंपनियों का परफॉर्मेंस उनके एक्टिव ग्राहकों की संख्या पर निर्भर करता है। क्योंकि एक्टिव ग्राहक ही कंपनियों के लिए राजस्व हासिल करने का सबसे महत्वपूर्ण जरिया है। हालांकि सितंबर माह में पूरी इंडस्ट्री को ही झटका लगा। जियो, एयरटेल और वीआई से करीब 1 करोड़ ग्राहक छिटक गए। मतलब 1 करोड़ के आसपास सिम बंद हो गए। ऐसा माना जा रहा है कि टैरिफ बढ़ने के बाद, उन ग्राहकों ने अपने नंबर बंद कर दिए, जिन्हें दो सिम की जरूरत नहीं थी।

बीएसएनएल की बाजार हिस्सेदारी में भी मामूली वृद्धि देखी गई। इस सरकारी कंपनी ने सितंबर में करीब 15 लाख वायरलेस डेटा ब्रॉडबैंड ग्राहक जोड़े, जो जुलाई और अगस्त के 56 लाख के औसत से काफी कम है। इसके अलावा, बीएसएनएल ने छह सर्किलों में ग्राहक खो दिए, जो हाल ही की वृद्धि के बाद मंदी के संकेत हैं।

ट्राई के आंकड़े बताते हैं कि वायरलाइन ब्रॉडबैंड यानी फाइबर व अन्य वायरलाइन से जुड़े ग्राहकों की कुल संख्या 4 करोड़ 36 लाख पार कर गई है। सितंबर माह के दौरान इसमें 7 लाख 90 हजार नए ग्राहकों का इजाफा हुआ। सबसे अधिक ग्राहक रिलायंस जियो ने जोड़े। जियो ने सितंबर में 6 लाख 34 हजार ग्राहकों को अपने नेटवर्क से जोड़ा तो वहीं एयरटेल मात्र 98 हजार ग्राहक ही जोड़ पाया। इसके बाद जियो और एयरटेल की बाजार हिस्सेदारी 32.5% और 19.4% हो गई। समान अवधि में बीएसएनएल ने 52 हजार वायरलाइन ब्राडबैंड ग्राहक खो दिए।

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