उत्तर प्रदेश
नारी को सम्मान देने वाला समाज होता है समर्थ और शक्तिमान : मुख्यमंत्री
गोरखपुर। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने समस्त प्रदेशवासियों को महापर्व शारदीय नवरात्र की पावन महानवमी एवं विजयादशमी की बधाई देते हुए कहा कि शारदीय नवरात्र नारी गरिमा की प्रतिष्ठा का पर्व है। जिस समाज में नारी की पूजा होती है तथा सम्मान दिया जाता है वह समाज स्वयं ही समर्थ और शक्तिमान होता है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बतौर गोरक्षपीठाधीश्वर शुक्रवार को गोरखनाथ मंदिर में शारदीय नवरात्र की महानवमी तिथि में कन्या पूजन के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि देश-दुनिया में रहने वाले सनातन धर्मावलंबी वर्ष में दो बार शारदीय और वासंतिक नवरात्र में जगतजननी मां भगवती दुर्गा के नौ स्वरूपों के पूजन व अनुष्ठान के कार्यक्रम से श्रद्धा, उल्लास व उमंग से जुड़ते हैं। सनातन धर्म की पर्व और त्योहार से जुड़ी समृद्ध परंपरा सबका ध्यान आकर्षित करती है। आज शारदीय नवरात्र की नवमी तिथि पर सभी मनोकामनाओं को पूर्ण करने वाली मां सिद्धिदात्री के स्वरूप के पूजन के साथ कन्या पूजन का अनुष्ठान हो रहा है। वह सौभाग्यशाली हैं कि गोरक्षपीठ की पवित्र परंपरा के अनुसार उन्हें भी कन्या पूजन का अनुष्ठान करने का सुअवसर प्राप्त हुआ है।
आधी आबादी की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन की प्रेरणा का माध्यम है नवरात्र
मुख्यमंत्री ने कहा कि नवरात्र का पर्व शक्ति की आराधना के साथ आधी आबादी के सम्मान का भी प्रतीक पर्व है। भारतीय मनीषा ने प्राचीनकाल से ही ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते, रमन्ते तत्र देवता:’ अर्थात जहां नारी की पूजा की जाती है, उसका सम्मान किया जाता है वहां दैवीय शक्तियों का वास होता है की मान्यता और इसके भाव को अंगीकार किया है। नवरात्र में जगतजननी भगवती मां दुर्गा के पावन नौ स्वरूपों की आराधना सनातन धर्म की उदात्त और पवित्र परंपरा का महत्वपूर्ण अवसर है। यह आधी आबादी की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलंबन की नई प्रेरणा देने का भी माध्यम है। सीएम योगी ने कहा कि आधी आबादी की सुरक्षा के साथ पूरे समाज की सुरक्षा जुड़ी होती है। उन्होंने कहा कि जब हम आधी आबादी को सामर्थ्यवान बनाकर उनकी गरिमा और सम्मान की सुरक्षा करेंगे तो प्रदेश और देश सभी नागरिकों के जीवन मे खुशहाली लाने के लक्ष्यों को प्राप्त करेगा।
शक्ति की साधना होगी तो सिद्धि के रूप में विजयश्री का वरण अवश्य होगा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मां जगतजननी की नौ तिथियों में पूजन के बाद कल शनिवार को विजयादशमी का पावन पर्व है। विजयादशमी भगवान श्रीराम द्वारा रावण पर विजय प्राप्त करने के उल्लास का पर्व है। इसमें यह संदेश भी निजी है कि जहां शक्ति की साधना होगी तो वहां सिद्धि के रूप में विजयश्री का वरण अवश्य होगा। सीएम योगी ने कहा कि विजयादशमी त्रेतायुग के बलशाली राजा, अधर्म, अत्याचार और अन्याय के प्रतीक रावण पर प्रभु श्रीराम के विजय का उत्सव है। इस अवसर पर भगवान श्रीराम के प्रति श्रद्धा और सम्मान का भाव व्यक्त करने के लिए सनातन धर्मावलंबी रामलीलाओं के माध्यम से श्रीराम के राज्याभिषेक के कार्यक्रम से जुड़ेगा। इस अवसर पर अन्याय के प्रतीक रावण के पुतला दहन की परंपरा भी देखने को मिलती है। मुख्यमंत्री ने विजयादशमी के पावन पर्व पर सभी लोगों के मंगलमय जीवन की कामना की।
उत्तर प्रदेश
अपने इष्ट गणपति और नागा संन्यासियों को लेकर महाकुम्भ क्षेत्र पहुंचा श्री शंभू पंच दशनाम अटल अखाड़ा
महाकुंभ नगर। प्रयागराज के संगम तट पर आयोजित होने जा रहे महाकुम्भ में जन आस्था के केंद्र सनातन धर्म के 13 अखाड़ो का अखाड़ा सेक्टर में प्रवेश जारी है। इसी क्रम में बुधवार को श्री शंभू पंचदशनाम अटल अखाड़े ने छावनी प्रवेश किया। छावनी प्रवेश को देखने के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ पड़ी।
इष्ट देव भगवान गजानन को लेकर कुंभ क्षेत्र में हुआ प्रवेश
आदि गुरु शंकराचार्य के प्रयास से छठी शताब्दी में संगठित रूप में अस्तित्व में आये अखाड़ो की स्थापना शस्त्र और शास्त्र दोनों को आगे बढाने के लिए की गई। शास्त्र ने अगर शंकर के धार्मिक चिंतन को जन जन तक पहुचाया तो वही शस्त्र ने दूसरे धर्मो से हो रहे हमलो से इसकी रक्षा की। इन्ही अखाड़ो में शैव सन्यासी के अखाड़े श्री शंभू पञ्च दशनाम अटल अखाड़ा ने कुम्भ क्षेत्र में प्रवेश के लिए अपनी भव्य छावनी प्रवेश यात्रा निकाली। अलोपी बाग स्थिति अखाड़े के स्थानीय मुख्यालय से यह प्रवेश यात्रा निकाली गई। प्रवेश यात्रा में परम्परा, उत्साह और अनुशासन का खूबसूरत मेल देखने को मिला। आचार्य महा मंडलेश्वर स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती की अगुवाई में यह प्रवेश यात्रा निकली। सबसे आगे अखाड़े के ईष्ट देवता भगवान गजानन की सवारी और उसके पीछे अखाड़े के परंपरागत देवता रहे।
नागा संन्यासियों की फौज बनी आकर्षण और आस्था का केंद्र
स्थानीय मुख्यालय से शुरू हुए अटल अखाड़े के छावनी प्रवेश में नागा संन्यासियों की फौज को देखने के लिए शहर में स्थानीय लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा। इष्ट देवता गणपति के पीछे चल रहे अखाड़े के पूज्य देवता भालो के बाद कतार में नागा सन्यासी चल रहे थे। यह पहला अखाड़ा था जिसमें नागा संन्यासिनियों ने भी अपनी मौजूदगी दर्ज की। छावनी प्रवेश में एक बाल नागा भी लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र रहा। अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती का कहना है कि छावनी में दो दर्जन से अधिक महा मंडलेश्वर और दो सौ से अधिक नागा संन्यासी शामिल थे। रथों में सवार अखाड़े के संतों का आशीर्वाद लेने के लिए लोग सड़कों के दोनो तरफ दिखे।
“सूर्य प्रकाश” भाला रहा आकर्षण का केंद्र
अटल अखाड़े के जुलुस में एक बात अलग से देखी गई और वह है अखाड़े की प्रवेश यात्रा में सबसे आगे फूलों से सजे धजे वह भाले जिन्हें अखाड़ो के इष्ट से कम सम्मान नहीं मिलता। अखाड़े की पेशवाई में अखाड़े के जुलूस में भी आगे था “सूर्य प्रकाश” नाम का वह भाला जो केवल प्रयागराज के महाकुम्भ में ही अखाड़े के आश्रम से महाकुम्भ क्षेत्र में निकलता है।
जगह जगह अखाड़े के संतों का प्रशासन ने किया स्वागत
पांच किमी का रास्ता तय कर अखाड़े की प्रवेश यात्रा महाकुंभ के सेक्टर 20 पहुंची। रास्ते में कई जगह महा कुम्भ प्रशासन की तरफ से संतों का पुष्प वर्षा से स्वागत किया गया।
-
लाइफ स्टाइल2 days ago
ठंड के मौसम में Seasonal Flu से परेशान हैं तो अपनाएं ये उपाय
-
नेशनल2 days ago
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित बोले- आतिशी और संजय सिंह के खिलाफ करूंगा मानहानि का केस, मांगे 10 करोड़ रु
-
अन्तर्राष्ट्रीय3 days ago
यमन में भारतीय नर्स को मौत की सजा, विदेश मंत्रालय ने जारी किया बयान
-
नेशनल2 days ago
बाबा सिद्दीकी हत्याकांड: बयान से पलटा आरोपी, कहा- पुलिस ने धमकी देकर जबरदस्ती अपराध कबूल करवाया
-
नेशनल1 day ago
आम आदमी पार्टी बड़े बड़े वादे करती है लेकिन उसे कभी पूरा नहीं करती : बीजेपी
-
नेशनल1 day ago
केजरीवाल ने आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत को लिखा पत्र, पूछे 3 सवाल, BJP पर लगाए गंभीर आरोप
-
राजनीति3 days ago
दिल्ली में पुजारियों के लिए आप सरकार ने किया नया दावा, महीने 18 हजार रुपये देने की घोषणा
-
प्रादेशिक3 days ago
बीपीएससी छात्रों के प्रदर्शन के बीच सुर्खियों में आईं आईपीएस स्वीटी सहरावत, जानें कौन हैं ये