उत्तराखंड
NIPAH ALERT : उत्तराखंड-हिमाचल सीमा पर बसे गांवों में जारी किया गया निपाह वायरस अलर्ट
केरल में कहर बरपा रहे निपाह वायरस के असर से उत्तराखंड के पड़ोसी राज्य हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में 18 चमगादड़ मरे मिले हैं। इससे उत्तराखंड का स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से सतर्क हो गया है। इसके साथ साथ विभाग ने उत्तराखंड-हिमाचल सीमा पर बसे गांवों में लोगों को वायरस से सतर्क रहने की हिदायत दी है।
निपाह एक खतरनाक वायरस है, जो जानवरों और इंसानों में गंभीर बीमारी से ग्रसित करता है। इस वायरस का मुख्य स्रोत चमगादड़ हैं, जिन्हें फ्रूट बैट भी कहा जाता है। इसके लक्षण दिमागी बुखार की तरह ही हैं।
बीमारी की शुरुआत सांस लेने में दिक्कत, भयानक सिर दर्द और फिर बुखार से होती है। इसके बाद दिमागी बुखार आता है। अब तक इसकी कोई वैक्सीन नहीं है।
निपाह वायरस को देखते हुए स्वास्थ्य महानिदेशक अर्चना श्रीवास्तव ने सभी चिकित्सा अधिकारियों को निपाह वायरस के प्रकोप व हिमाचल प्रदेश में चमगादड़ मृत मिलने के संभावित खतरे को देखते हुए सतर्क रहने को कहा गया है। उत्तराखंड में निपाह को लेकर चिंता की कोई बात नहीं है। हिमाचल में मृत मिले चमगादड़ों के रक्त के नमूने राष्ट्रीय विज्ञान संस्थान, पुणे भेजे गए हैं।
उत्तराखंड
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।
कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।
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