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उत्तर प्रदेश

शिवपाल यादव को लेकर BJP चल सकती है बड़ा दाव, बना सकती है विधानसभा उपाध्यक्ष

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शिवपाल यादव की भाजपा से बढ़ती नजदीकी उन्हें यूपी विधानसभा में विधानसभा उपाध्यक्ष की कुर्सी पर बैठा सकती है। ऐसा हुआ तो शिवपाल सदन में अपने भतीजे व नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव के नजदीक ही बैठेंगे। विधानसभा उपाध्यक्ष की सीट सदन में ठीक नेता प्रतिपक्ष के बगल में ही होती है।

शिवपाल यादव छह बार के विधायक हैं। उनकी अखिलेश यादव से दूरियां बढ़ती जा रही हैं। सपा उन्हें अपना विधायक से ज्यादा सहयोगी दल प्रसपा का अध्यक्ष मानती है। शिवपाल का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करने, सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को फालो करने से उनके भाजपा के साथ जाने के संकेत मिल रहे हैं। उन्हें राज्यसभा में भेजे जाने व उनकी सीट जसवंत नगर पर उपचुनाव में बेटे आदित्य यादव को उतारने की चर्चाएं हैं।

बताया जा रहा है कि भाजपा के रणनीतिकारों के पास राज्यसभा के अलावा उपाध्यक्ष बनाने का भी विकल्प है। विधानसभा में इस बार अखिलेश यादव ने बतौर नेता प्रतिपक्ष आक्रामक तेवर के संकेत दे दिए हैं। ऐसे में विधानसभा उपाध्यक्ष के तौर पर शिवपाल को बिठा भाजपा सपा प्रमुख पर मनोवैज्ञानिक दबाव बना कर बढ़त हासिल करने की कोशिश करेगी।

नितिन अग्रवाल इसी रणनीति के तहत बनाए गए थे विधानसभा उपाध्यक्ष

सपा विधायक शिवपाल यादव के लिए भाजपा उसी तरह की रणनीति अपना सकती है, जैसी उसने तत्कालीन सपा विधायक नितिन अग्रवाल को विधानसभा उपाध्यक्ष बनाने के लिए अपनाई थी। इसमें वह कामयाब भी हुई। नितिन अग्रवाल सपा विधायक थे और राजनीतिक मतभेद के चलते भाजपा के साथ चले गए थे।

संसदीय परंपरा के अनुसार विधानसभा अध्यक्ष सत्ता पक्ष का व उपाध्यक्ष विपक्ष का होता है। इसलिए तकनीकी तौर पर सपा विधायक नितिन अग्रवाल को भाजपा ने विपक्ष का प्रत्याशी मानते हुए उन्हें विधानसभा उपाध्यक्ष निर्विरोध निर्वाचित करवा दिया था। इसके लिए सपा की इच्छा नहीं थी। वह चाह कर भी कुछ नहीं कर पाई। अब नितिन अग्रवाल भाजपा से चुनाव जीत कर योगी सरकार में आबकारी मंत्री हैं। अब इतिहास जल्द खुद को दोहराए तो हैरत नहीं।

उत्तर प्रदेश

सीएम योगी ने की गोसेवा, भवानी और भोलू को खूब दुलारा

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गोरखपुर। गोरखनाथ मंदिर प्रवास के दौरान गोसेवा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की दिनचर्या का अभिन्न हिस्सा है। इसी क्रम में शनिवार सुबह भी उन्होंने मंदिर की गोशाला में समय बिताया और गोसेवा की। मुख्यमंत्री ने गोवंश को गुड़ खिलाया और गोशाला के कार्यकर्ताओं को देखभाल के लिए जरूरी निर्देश दिए। गोसेवा के दौरान उन्होंने सितंबर माह में आंध्र प्रदेश के येलेश्वरम स्थित गोशाला से गोरखनाथ मंदिर लाए गए नादिपथि मिनिएचर नस्ल (पुंगनूर नस्ल की नवोन्नत ब्रीड) के दो गोवंश भवानी और भोलू को खूब दुलारा।

दक्षिण भारत से लाए गए गोवंश की इस जोड़ी (एक बछिया और एक बछड़ा) का नामकरण भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ही किया था। उन्होंने बछिया का नाम भवानी रखा है तो बछड़े का नाम भोलू। मुख्यमंत्री जब भी गोरखनाथ मंदिर प्रवास पर होते हैं, भवानी और भोलू का हाल जरूर जानते हैं। सीएम योगी के दुलार और स्नेह से भवानी और भोलू भी उनसे पूरी तरह अपनत्व भाव से जुड़ गए हैं। शनिवार को गोशाला में सभी गोवंश की सेवा करने के साथ ही मुख्यमंत्री ने भवानी और भोलू के साथ अतिरिक्त वक्त बिताया। उन्हें खूब दुलार कर, उनसे बातें कर, गुड़ और चारा खिलाया। सीएम योगी के स्नेह से ये गोवंश भाव विह्वल दिख रहे थे।

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