उत्तर प्रदेश
सामाजिक परिवेश एवं राष्ट्र के विकास में ब्राह्मण समाज का महत्वपूर्ण योगदान: बृजेश पाठक
लखनऊ। भारत की सनातन संस्कृति, ज्ञान, और गौरवशाली मूल्यों की पुनर्स्थापना के संकल्प के साथ शेषावतार भगवान लक्ष्मण की नगरी लखनऊ में श्रीमद्जगद्गुरु शंकराचार्य अनंतश्री अमृतानंद देवतीर्थ, शारदा सर्वग्य पीठम श्रीनगर कश्मीर की अगुवाई में आज ब्रह्मसागर संस्था द्वारा होली मिलन और ब्रह्मसागर-सन्देश नामक स्मारिका के प्रथम अंक का विमोचन समारोह का आयोजन गन्ना संस्थान डालीबाग लखनऊ में किया गया।
कार्यक्रम की अध्यक्षता अनंत विभूषित श्री शंकराचार्य जी ने की। मुख्य अतिथि उप मुख्यमंत्री, उप्र बृजेश पाठक, विशिष्ट अतिथि माननीय सांसद राज्यसभा भारत सरकार डॉ.अशोक बाजपेई, मुख्य वक्ता जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी वासुदेवाचार्य विद्या भास्कर जी महाराज तथा सह वक्ता चिन्मय मिशन के ब्रह्मचारी कौशिक चैतन्य जी महाराज थे।
कार्यक्रम की शुरुवात दीप प्रज्वलन और बटुकों द्वारा वेद मन्त्रों की ऋचाओं, स्वस्तिवाचन के साथ हुई, ब्रह्मसागर के आयोजकों द्वारा सभी मेहमानों को तिलक चन्दन अक्षत पुष्प द्वारा स्वागत किया गया। प्रख्यात लोक गायिका और ब्रह्मसागर की महिला प्रदेश अध्यक्षा श्रीमती वंदना मिश्रा व उनकी टीम द्वारा फाग गायन एवं भजन प्रस्तुति की गयी।
ब्रह्मसागर के पदाधिकारियों द्वारा सभी अतिथियों का स्वागत और ब्रह्मसागर के महामंत्री राजेन्द्र शुक्ल द्वारा संस्था के क्रियाकलापों का संक्षिप्त विवरण प्रस्तुत किया गया। धन्यवाद ज्ञापन ब्रह्मसागर के वरिष्ठ उपाध्यक्ष सी पी तिवारी ने किया।
मुख्य वक्ता जगद्गुरु रामानुजाचार्य स्वामी वासुदेवाचार्य विद्या भास्कर जी महाराज द्वारा अपने उद्बोधन में ब्रह्म समाज और सनातन धर्म विषय पर प्रकाश डाला गया। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि सांसद राज्यसभा डॉ. अशोक बाजपेई ने अपने उद्बोधन में कहा कि देश के सामाजिक परिवेश एवं राष्ट्र के विकास में ब्राह्मण समाज का बहुत महत्वपूर्ण एवं सराहनीय योगदान रहा है।
मुख्य अतिथि उप मुख्यमंत्री उत्तर प्रदेश बृजेश पाठक ने अपने उद्बोधन में ब्रह्मसागर के इस प्रयास की सराहना की तथा इस संकल्पना को पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया।
कार्यक्रम के अगले चरण में श्रीमद्जगद्गुरु शंकराचार्य अनंतश्री अमृतानंद देवतीर्थ ने ब्रह्मसागर के संकल्पों की सिद्धि का आशीर्वचन प्रदान किया तथा ब्रह्मसागर के कार्यकारिणी के सदस्यों को शंकराचार्य जी के द्वारा विशेष सम्मान से नवाज़ा गया।
इस अवसर पर ब्रह्मसागर महासंघ के संस्थापक अध्यक्ष व सेवा निवृत्त आईएएस अधिकारी कैप्टन संतोष कुमार द्विवेदी ने कहा कि हम सब अवगत हैं कि नालन्दा विश्वविद्यालय,विक्रमशिला विश्वविद्यालय व तक्षशिला आदि विश्वविद्यालयों की शिक्षा पद्धति के चलते ही हमारी भौतिक, मानसिक और आध्यात्मिक उन्नति चरमोत्कर्ष पर थी।
उन्होंने कहा सम्पूर्ण विश्व मे हमारे देश को विश्वगुरु और सोने की चिड़िया आदि तमगों से नवाज़ा जाता था इन्ही सपनों को पुनः साकार करने के लिए आइये हम सब मिलकर इस संकल्प को सिद्धि तक पहुंचाने मे भागीदार बनें।
ब्रह्मसागर के संस्थापक अध्यक्ष कैप्टन संतोष कुमार द्विवेदी की अगुवाई में देश के विभिन्न अंचलों से पधारे ब्राह्मण संगठनों के पदाधिकारियों को अंगवस्त्रम और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया तथा रामेश्वरम ग्रुप ऑफ़ इंस्टीट्यूशन के सदस्यों को उनके विशिष्ट योगदान के लिए सम्मानित किया गया। कार्यक्रम के समापन पर रात्रि भोज से पहले सभी प्रतिभागियों ने बड़े उल्लास के साथ फूलों की होली खेली।
इस ऐतिहासिक समारोह मे देश के कोने कोने से प्रख्यात आध्यात्मिक धर्मगुरु, चिंतक, वैज्ञानिक, शिक्षाविद, वैदिक मर्मज्ञ, ब्रह्मांडीय ऊर्जाशास्त्री, सनातनी इतिहासकार, तकनीकी विशेषज्ञ, प्रशासनिक अधिकारी आदि सहित मनीषा जगत की महान विभूतियों की गरिमामयी उपस्थिति रही।
उत्तर प्रदेश
उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि
लखनऊ | मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।
देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई
🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।
🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।
🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।
इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.
‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।
मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!
यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।
भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…
वनावरण
1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)
भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण
1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)
सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद
1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड
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