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प्रादेशिक

मंत्रियों-विधायकों के साथ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामलला के किये दर्शन

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लखनऊ/अयोध्या| सीएम योगी और विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना के आग्रह पर रविवार को समाजवादी पार्टी को छोड़कर सभी दल के विधायक और योगी सरकार के विधायक, मंत्रियों ने रामलला के दरबार में हाजिरी लगाई। इस दौरान सभी बेहद उत्साहित दिखे और भक्ति भाव में डूबे हुए नजर आए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना के साथ मंदिर परिसर में बैठकर प्रभु श्रीराम का गुणगान किया। इस दौरान सुरक्षा की भी चाक चौबंद व्यवस्था की गई। इसकी कमान खुद गृह सचिव संजय प्रसाद और डीजीपी प्रशांत कुमार ने संभाली। इसके साथ ही वीवीआईपी मूमेंट के दौरान आम श्रद्धालुओं को कोई परेशानी न हो इसका भी पूरा ध्यान रखा गया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ आम श्रद्धालुओं को दर्शन में कोई परेशानी ना हो इसको लेकर गंभीर नजर आये और खुद अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश देते रहे। अयोध्या धाम में रविवार को मंत्रिमंडल के साथ बड़ी संख्या में आम श्रद्धालुओं ने भी रामलला के दर्शन किए। इस दौरान वह अपने बीच मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पाकर काफी गदगद नजर आए और पूरा परिसर जय श्रीराम के उद्धोष से गूंज उठा।

स्थानीय लोगों ने पुष्पवर्षा और जय श्री राम के नारों के साथ जनप्रतिनिधियों का किया स्वागत

अयोध्या धाम में रामलला के दर्शन के लिए यूपी के विधायक और मंत्रियों का काफिला सुबह करीब 9 बजे 10 लग्जरी बसों से लखनऊ से रवाना हो गया। रास्ते में बाराबंकी में सभी जनप्रतिनिधियों के नाश्ते की व्यवस्था की गई थी, जहां पर नाश्ता करने के बाद जय श्रीराम के उद्घोष के साथ सभी आगे के लिए रवाना हो गए। विधायकों और मंत्रियों का काफिला करीब 11.30 बजे अयोध्या पहुंचा जबकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महर्षि वाल्मीकि अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से अयोध्या धाम पहुंचे। वहीं विधायक और मंत्रियों का समूह जैसे ही श्रीरामजन्म भूमि पहुंचा, वहां पर पहले से मौजूद स्थानीय लोगों ने पुष्पवर्षा और जय श्री राम के नारों के साथ उनका भव्य स्वागत किया। इस दौरान उत्साहित जनता ने बुलडोजर पर सवार होकर पुष्पवर्षा की। वहीं बसों पर सवार विधायक, मंत्री हाथ हिलाकर लोगों का अभिवादन स्वीकार करते रहे। जय श्री राम के नारों से पूरा वातावरण राममय हो गया। लंबी कतार में खड़ी महिलाओं ने भी पुष्प वर्षा कर यूपी के विधायकों का स्वागत किया। इस दौरान लोक कला के कलाकरों द्वारा अलग अलग विधा से लोक नृत्य के जरिये सभी जनप्रतिनिधियों का अभिनंदन किया गया। इतना ही नहीं स्कूल के बच्चे भी जनप्रतिनिधियों का स्वागत करते नजर आए। विधायकों और मंत्रियों को गेट नंबर 11 से प्रवेश दिया गया। इसके बाद सभी विधायक और मंत्री मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के साथ विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना की अगुवाई में रामलला के दर्शन करने पहुंचे। दर्शन के बाद सभी विधायकों और मंत्रियों को प्रसाद भी दिया गया। वहीं सभी ने परिसर मंदिर में भोजन भी किया।

मैं बहुत भावुक हूं- सतीश महाना

दर्शन करने के बाद यूपी विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने कहा कि मैं बहुत भावुक हूं क्योंकि मैं जब इस स्थान पर आया था तो यहां एक ढ़ांचा खड़ा था, जो 6 दिसंबर को हमारे सामने टूटा था। मैं उस समय यहां पर आया था जब 1990 में यहां गोली चली थी। मैं उस समय यहां पर आया था जिस समय चबूतरे का निर्माण हुआ था और आज सबसे सौभाग्य की बात है कि भगवान के प्रत्यक्ष रूप से दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। इसके अलावा बीएसपी के विधायक उमाशंकर सिंह, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक पार्टी के अध्यक्ष राजा भैया भी विधायकों के साथ अयोध्या रामलला के दर्शन करने पहुंचे।

गुजरात

गुजरात में अल्प्राजोलम बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़, 107 करोड़ रु की प्रतिबंधित दवा के साथ छह लोग गिरफ्तार

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आणंद। गुजरात आतंकवाद निरोधी दस्ते (ATS) ने आणंद जिले में अल्प्राजोलम नाम का पदार्थ बनाने वाली फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया है. एटीएस टीम ने इस दौरान मौके से 107 करोड़ रुपये की प्रतिबंधित दवा के साथ छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है. इस पूरे मामले को लेकर आरोपियों से पूछताछ की जा रही है.

एजेंसी के अनुसार, एक अधिकारी ने शुक्रवार को बताया कि आरोपियों ने खंभात शहर के पास एक फैक्ट्री किराए पर ली थी. यहां नींद की गोलियों में इस्तेमाल होने वाले पदार्थ अल्प्राजोलम का निर्माण कर रहे थे. सहायक पुलिस आयुक्त (एटीएस) हर्ष उपाध्याय ने बताया कि अल्प्राजोलम एक पदार्थ है.

अल्प्राजोलम के दुरुपयोग के कारण यह नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) अधिनियम के दायरे में आता है. उन्होंने बताया कि गुप्त सूचना के आधार पर एटीएस ने गुरुवार की शाम फैक्ट्री पर छापा मारा. इस दौरान 107 करोड़ रुपये की कीमत का 107 किलोग्राम अल्प्राजोलम पदार्थ मिला. इसी के साथ छह लोगों को गिरफ्तार किया गया है.

अल्प्राजोलम को तैयार करने के लिए केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो (सीबीएन) लाइसेंस जारी करता है. यह दवा भी एनडीपीएस अधिनियम के दायरे में आती है. छापेमारी के समय आरोपियों से जब लाइसेंस मांगा गया तो उनके पास कोई लाइसेंस नहीं था. इस दौरान पांच आरोपी यूनिट का संचालन कर रहे थे, जबकि छठा व्यक्ति रिसीवर था. प्रारंभिक जांच में पता चला है कि पांचों आरोपियों ने साइकोट्रोपिक पदार्थ बनाने के लिए फैक्ट्री किराए पर ली थी.

 

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