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पंजाब

पंजाब में बढ़ती नशा तस्करी को रोकने के लिए सीएम भगवंत मान ने उठाया बड़ा कदम

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चंडीगढ़। पंजाब में बढ़ती नशा तस्करी को रोकने के लिए नई एंटी नारकोटिक टास्क फोर्स का गठन किया जा रहा हैं। पंजाब मुख्यमंत्री भगवंत मान मोहाली में इसका उद्घाटन करेंगे। इससे बढ़ते नशे के कारोबार को अब रोकने में मदद मिलेगी। एंटी नारकोटिक टास्क फोर्स का उद्देश्य पंजाब में ड्रग्स को खत्म करना है। इस फोर्स में कई लोग शामिल होंगे जो तस्करी रोकने के लिए अहम कदम उठाएंगे।

नशा तस्करों पर शिकंजा कसने के लिए फोर्स की तरफ से आम जनता के लिए वाट्सएप नंबर भी जारी किया जाएगा, जिससे लोग आसानी से अपनी बात फोर्स के लोगों से कर सकेंगे।

जानकारी मुताबिक, बिल्डिंग में बनाई गई लेटेस्ट कंप्यूटर लैब से पंजाब में नशा तस्करों पर पैनी नजर रखी जाएगी। आपको बता दें कि सीएम . मान मोहाली में आज एंटी नारकोटिक टास्क फोर्स की नई बिल्डिंग का उद्घाटन करेंगे।

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पंजाब

किसानों ने शुरू किया रेल रोको आंदोलन, 30 दिसंबर तक पंजाब बंद का आह्वान

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चंडीगढ़। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने बुधवार को कहा कि किसानों ने 30 दिसंबर को ‘पंजाब बंद’ का आह्वान किया है। इसके साथ ही पंधेर ने प्रदर्शनकारी किसानों की मांगें नहीं मानने के लिए केंद्र की आलोचना की। पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ का आह्वान करने का फैसला संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा ने किया है। किसान नेता ने कहा, ‘‘इस महीने की 30 तारीख को पूर्ण ‘बंद’ रहेगा।’’

अमृतसर में मीडिया को संबोधित करते हुए पंधेर ने कहा कि ‘बंद’ के दौरान आपातकालीन सेवाएं चालू रहेंगी। उन्होंने व्यापारियों, कारोबारियों, ट्रांसपोर्टरों समेत अन्य लोगों से ‘बंद’ को सफल बनाने की अपील की। उन्होंने कहा, जिस तरह रेल रोको विरोध सफल रहा। उसी तरह पंजाब बंद को भी सफल बनाया जाना चाहिए।

अपनी मांगों पर अड़े किसान

पजाब में बुधवार को रेल सेवाएं प्रभावित हुईं, क्योंकि किसानों ने फसलों के लिए कानूनी रूप से बाध्यकारी न्यूनतम समर्थन मूल्य सहित अपनी विभिन्न मांगों को स्वीकार करने के लिए केंद्र पर दबाव बनाने के लिए तीन घंटे के ‘रेल रोको’ विरोध प्रदर्शन के तहत 50 से अधिक स्थानों पर रेल पटरियों पर धरना दिया। फिरोजपुर रेलवे मंडल के अधिकारियों के अनुसार, 52 स्थानों पर किसानों के विरोध प्रदर्शन के कारण 12 रेलगाड़ियां रद्द कर दी गईं। उन्होंने बताया कि 34 रेलगाड़ियां देरी से चल रही हैं।

किसानों की क्या हैं मांगें?

किसान न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी, फसलों का मूल्य तय करने के लिए स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करना, कृषि को विश्व व्यापार संगठन से बाहर करने और कुछ अन्य मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। किसानों और खेतिहर मज़दूरों के लिए पेंशन की भी मांग है। साथ ही बिजली दरों में कोई बढ़ोतरी नहीं करने की भी मांग की जा रही है।

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