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प्रादेशिक

खरीद केंद्रों पर किसानों को समस्या का सामना न करना पड़े: सीएम योगी

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने 2021-22 खरीफ विपणन सत्र में अब तक 54 हजार से अधिक किसानों से एमएसपी पर लगभग 4 लाख मीट्रिक टन (एमटी) धान की खरीद की है। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ ने रविवार को एक उच्च स्तरीय बैठक में आला अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि फसल की सुचारू खरीद सुनिश्चित करने के लिए, एडीएम, एसडीएम, तहसीलदार सहित सभी प्रमुख अधिकारी प्रतिदिन खरीद केंद्रों का निरीक्षण करें। जिला स्तर पर तैनात नोडल अधिकारी यह सुनिश्चित करें कि खरीद पारदर्शी प्रक्रिया से हो। उन्होंने कहा कि किसानों की जरूरतों का पूरा ध्यान रखा जाए। किसी भी तरह की लापरवाही स्वीकार नहीं की जाएगी।

आयुक्त खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति सौरभ बाबू ने बताया कि प्रदेश में धान खरीदी की प्रक्रिया सुचारू रूप से चल रही है। उन्होंने कहा कि एजेंसियों ने अब तक किसानों से 711.90 करोड़ रुपये मूल्य के 3.66 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद की है। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार राज्य सरकार की एजेंसियों और भारतीय खाद्य निगम ने 54,609 से अधिक किसानों से खाद्यान्न की खरीद की। बता दें कि किसानों से सीधी खरीद की सुविधा के लिए राज्य के 75 जिलों में कुल 4020 खरीद केंद्र स्थापित किए गए हैं।

फसल को बचाने के लिए है उचित व्यवस्था

उन्होंने यह भी आश्वासन दिया कि किसी भी प्रतिकूल मौसम की स्थिति से फसल को बचाने के लिए उचित व्यवस्था की गई है। गेहूं खरीद की तर्ज पर पीएफएमएस पोर्टल के माध्यम से खरीदी की जा रही है। वर्तमान खरीफ विपणन सत्र (केएमएस) के दौरान धान की सुचारू और परेशानी मुक्त खरीद सुनिश्चित करने के लिए किसानों के खेतों के पास खरीद केंद्र स्थापित किए गए हैं। इस सीजन में धान बढ़े हुए एमएसपी पर खरीदा जा रहा है। तय किए गए मूल्‍यों के अनुसार आम धान के लिए 1,940 रुपये प्रति क्विंटल और ग्रेड ए धान के लिए 1,960 रुपये प्रति क्विंटल है।

उत्तर प्रदेश

50 साल पुरानी मस्जिद को हटाने का आदेश, मस्जिद के मुतवल्ली पर 4.12 लाख रुपये का जुर्माना

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बागपत। बागपत के राजपुर खामपुर गांव में 50-60 साल पहले तालाब की जमीन पर बनी अवैध मस्जिद को हटाने का आदेश जारी हुआ है। तहसीलदार की अदालत में सुनवाई के बाद यह निर्णय लिया गया, जिसमें मस्जिद के मुतवल्ली पर 4.12 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है।

विवाद कैसे शुरू हुआ?

गांव के निवासी गुलशार ने जुलाई में हाईकोर्ट में विशेष याचिका दाखिल की थी, जिसमें उन्होंने मुतवल्ली पर आरोप लगाया कि उन्होंने गांव के तालाब की जमीन पर अवैध रूप से मस्जिद का निर्माण किया है। गुलशार का कहना था कि तालाब की जमीन पर मस्जिद का निर्माण करके मुतवल्ली ने सरकारी संपत्ति का अतिक्रमण किया है, इसलिए इसे हटाया जाना चाहिए।

कोर्ट की सुनवाई और फैसला

हाईकोर्ट ने इस याचिका पर सुनवाई करते हुए राजस्व संहिता के आधार पर कार्रवाई करने का आदेश दिया। आदेश में 90 दिन के अंदर मामले का निपटारा करने का निर्देश दिया गया था। इसके बाद, डीएम के आदेश पर तहसीलदार ने मस्जिद की जमीन की माप कराई, जिसमें पाया गया कि मस्जिद वास्तव में तालाब की जमीन पर स्थित है।

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