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फर्स्ट और सेकेंड की तरह थर्ड वेव पर भी पा रहे प्रभावी नियंत्रण : सीएम योगी

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अलीगढ़। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि देश-दुनिया मे सदी की सबसे बड़ी महामारी कोरोना के सफल प्रबंधन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन व नेतृत्व में मिली कामयाबी की सर्वत्र सराहना हो रही है। जीवन के साथ जीविका को बचाने के इस भारतीय प्रबंधन को पूरी दुनिया ने सराहा है। आबादी के हिसाब से देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश ने सफल व प्रभावी कोरोना प्रबंधन में अग्रणी भूमिका निभाई है। महामारी के दौर में हरेक व्यक्ति के जीवन व उसकी जीविका की रक्षा करना हमारी पहली प्राथमिकता है। प्रदेश में कोविड की पहली और दूसरी लहर की भांति तीसरी लहर पर प्रभावी नियंत्रण पाया जा रहा है।

सीएम योगी शनिवार को अलीगढ़ में पंडित दीनदयाल संयुक्त चिकित्सालय में कोविड प्रबंधन को लेकर की गई व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने के बाद मीडियाकर्मियों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कोरोना का ओमिक्रोन वैरिएंट वाला थर्ड वेव खतरनाक नहीं है लेकिन सावधानी और सतर्कता बहुत आवश्यक है। थर्ड वेव में लक्षण सामान्य वायरल फीवर जैसे हैं और इसमें फेफड़ों पर भी सीधे प्रभाव नहीं पड़ रहा। संक्रमित तीसरे से पांचवें दिन तक नेगेटिव हो जा रहे हैं। जबकि सेकेंड वेव में मरीज के नेगेटिव होने में 15 दिन से 1 माह तक का समय लग जाता था। दूसरी लहर में संक्रमित व्यक्ति के फेफड़ों पर भी अधिक प्रभाव पड़ रहा था।

हॉस्पिटलाइजेशन एक प्रतिशत से भी कम
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के अंदर और अलीगढ़ में भी कोरोना की तीसरी लहर मैं जो भी एक्टिव केस हैं उनमें से एक प्रतिशत से भी कम मामलों में हॉस्पिटलाइजेशन की जरूरत पड़ी है। जो संक्रमित अस्पतालों में हैं भही, उनकी स्थिति बहुत गंभीर नहीं है। ज्यादातर वही लोग अस्पताल में हैं, जिनके घरों में सेपरेट आइसोलेशन की सुविधा नहीं है।

कोरोना से बचाव में वैक्सीन की सबसे बड़ी भूमिका

सीएम योगी ने कहा कि कोरोना से बचाव में सबसे बड़ी भूमिका वैक्सीन की है। पहली बार भारत में किसी महामारी पर स्वदेशी वैक्सीन बनाई गई, वह भी एक नहीं दो। इसका श्रेय पीएम मोदी को जाता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में कोविड वैक्सीन की 160 करोड़ तथा यूपी में 24.54 करोड़ डोजेज दी जा चुकी हैं। अलीगढ़ में भी 32.77 लाख डोज लग चुकी है। फर्स्ट डोज 96 प्रतिशत तथा सेकेंड डोज 57 प्रतिशत लगाई जा चुकी है। इसके अलावा यहां 15 से 17 वर्ष आयुवर्ग के 2.57 लाख किशोरों का भी टीकाकरण हो गया है। साथ ही 66 प्रतिशत पात्र लोगों को प्री-कॉशन डोज दी गई है। इनकी संख्या 13783 है। मुख्यमंत्री ने वैक्सीन को कोविड के खिलाफ लड़ाई में सबसे बड़ा सुरक्षा कवच बताते हुए लोगों से अपील की कि जो लोग भी टीकाकरण से वंचित हैं, जल्द से जल्द टीका लगवा लें। जिन्होंने पहली डोज ले रखी है, वह दूसरी डोज ले लें। उन्होंने कहा कि कोरोना से भागने या डरने की नहीं बल्कि सतर्कता और सावधानी की जरूरत है। सीएम ने अपील की कि बुजुर्ग, बच्चे, गर्भवती महिलाएं, गम्भीर बीमारी से पीड़ित व कमजोर इम्यूनिटी के लोग अनावश्यक घरों से बाहर ना निकलें। हर व्यक्ति मास्क लगाए। कोविड प्रोटोकॉल का पालन कर जीवन व जीविका बचाने के सरकार के अभियान में अपना योगदान दें।

हर जान बहुमूल्य, बचाने को प्रतिबद्ध है सरकार

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि कोरोना के थर्ड वेव पर प्रभावी नियंत्रण में सरकार सफलतापूर्वक आगे बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि हर जान हमारे लिए बहुमूल्य है और सरकार इसे बचाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। सीएम ने कहा कि आपदा के दौर में सरकार हर व्यक्ति के साथ पूरी तत्परता तत्परता के साथ खड़ी है। इसी के तहत हर जरूरतमंद को मुफ्त राशन की सुविधा दी जा रही है।

प्रदेश में 551 ऑक्सीजन प्लांट क्रियाशील

मुख्यमंत्री ने बताया कि वर्तमान समय में प्रदेश में 551 ऑक्सीजन प्लांट क्रियाशील हैं।अलीगढ़ में भी 11 ऑक्सीजन प्लांट लगाए गए हैं जिनमें से दो इस संयुक्त चिकित्सालय में स्थापित हैं। उन्होंने कहा कि कोरोना के सेकेंड वेव में ऑक्सीजन की क्राइसिस दिख रही थी तब प्रधानमंत्री ने ऑक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भरता का आह्वान किया था। उत्तर प्रदेश ने ऑक्सीजन आत्मनिर्भरता के लक्ष्य को हासिल कर लिया है। मुख्यमंत्री ने बताया कि न सिर्फ ऑक्सीजन बल्कि संक्रमितों के इलाज के लिए प्रदेश में पर्याप्त संख्या में बेड, जांच व वैक्सीन की सुविधा उपलब्ध है।

पीएम मोदी के प्रति जताया आभार

देश में कोरोना पर प्रभावी नियंत्रण को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए सीएम योगी ने कहा कि पीएम मोदी एक एक व्यक्ति के जीवन व जीविका के लिए समीक्षा करते हैं। विशेषज्ञों के साथ बैठकर रणनीति बनाते हैं और सभी मुख्यमंत्रियों के साथ संवाद कर उसका क्रियान्वयन करते हैं।

निगरानी समितियों की भी तारीफ
कोरोना के खिलाफ सफल लड़ाई में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निगरानी समितियों की जमकर तारीफ की। उन्होंने कहा कि निगरानी समितियां बहुत अच्छा कार्य कर रही हैं। इन समितियों के द्वारा लक्षण वाले लोगों को मेडिसिन किट उपलब्ध कराना, उनकी जांच कराना, जरूरत के मुताबिक होम आइसोलेशन या अस्पतालों में भर्ती कराने का काम निरंतर चल रहा है।

चुनाव नहीं जनता की परवाह करने वाले मुख्यमंत्री

वर्तमान समय में जब यूपी में सभी राजनीतिक दलों के नेता सत्ता हासिल करने के लिए चुनावी जोड़-घटाने में माथापच्ची कर रहे हैं, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक अलग ही राह पर हैं। चुनाव से अधिक फिक्र उन्हें यूपी की जनता को कोरोना संक्रमण से बचाने की है। यही वजह है कि चुनावी समर में उनकी प्राथमिकता सियासी समीकरणों की बजाय कोविड मैनेजमेंट पर है। सीएम योगी चुनावी दुदुम्भी बजने के बावजूद लगातार जिलों का दौरा कर कोविड अस्पतालों की व्यवस्थाओं को देख रहे हैं, उन्हें और सुदृढ़ करा रहे हैं। यह सिलसिला उन्होंने कोरोना की दूसरी लहर में तब भी जारी रखा था जब वह खुद भी संक्रमण की चपेट में आ गए थे। शनिवार को जिस अलीगढ़ का उन्होंने दौरा किया, वहां वह दूसरी लहर के दौरान भी कोविड मैनेजमेंट की समीक्षा करने आए थे।

उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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