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उत्तर प्रदेश

रामनगरी को गुरुवार को फिर विकास से जोड़ेंगे सीएम योगी

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अयोध्या। रामनगरी के विकास के लिए योगी सरकार लगातार धनवर्षा कर रही हैं। अयोध्या को विश्व के पटल पर स्थापित करने में मोदी-योगी सरकार कोई कसर नहीं रख रही है। राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के बाद भी निरंतर यहां विकास का पहिया चल रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जब भी अयोध्या पहुंचते हैं तो यहां विकास के मार्ग प्रशस्त करते हैं। सीएम योगी गुरुवार को फिर अयोध्या पहुंच रहे हैं। इस बार वे यहहां एक हजार करोड़ से भी अधिक की परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास करेंगे। मुख्यमंत्री स्थानीय जनप्रतिनिधियों संग बैठक भी करेंगे।

मिल्कीपुर में जनसभा भी करेंगे सीएम

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मिल्कीपुर विधानसभा क्षेत्र में जनसभा भी करेंगे। वह 10:40 पर मिल्कीपुर के विद्या मंदिर इंटर कॉलेज पहुंचेंगे। एक बजे तक मिल्कीपुर में ही रहेंगे। मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव की कमान संभाले सीएम योगी तीन महीने के अंदर दूसरी बार जिले को विकास का तोहफा देंगे।

अकेले मिल्कीपुर की 40 परियोजनाएं

सीएम द्वारा अयोध्या में एक हजार चार करोड़ 74 लाख 63 हजार की कुल 83 परियोजनाओं का लोकार्पण व शिलान्यास किया जाएगा। इनमें विधानसभा मिल्कीपुर की कुल 40 परियोजनाएं हैं, जिनकी कुल लागत 4975.06 लाख है।

37 परियोजनाओं का किया लोकार्पण

जनपद में 8283.43 लाख की 37 परियोजनाओं का लोकार्पण किया जाएगा। लोकार्पित परियोजनाओं के अन्तर्गत नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति की 21, लोक निर्माण विभाग की 15, व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास-उद्यमशीलता की दो एवं समाज कल्याण विभाग की एक परियोजना सम्मिलित है। विधानसभा मिल्कीपुर में सात परियोजनाओं का लोकार्पण किया जाना है। लोकार्पित परियोजनाओं के अन्तर्गत नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति की 05 एवं लोक निर्माण विभाग की दो परियोजनाएं सम्मिलित हैं।

कई परियोजनाओं का किया जाएगा शिलान्यास

जनपद में 92191.20 लाख की 46 परियोजनाओं का शिलान्यास मुख्यमंत्री के हाथों होगा। लोक निर्माण विभाग की 34, नगर विकास विभाग की दो, आवास एवं शहरी नियोजन विभाग की दो. चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की दो. चिकित्सा शिक्षा विभाग, पर्यटन विभाग, उच्च शिक्षा विभाग स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग, व्यवसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास, उद्यमशीलता एवं युवा कल्याण विभाग की एक-एक परियोजनायें सम्मिलित हैं। विधानसभा मिल्कीपुर में 3456 लाख की 33 परियोजनाओं का शिलान्यास किया जा रहा है। शिलान्यास की जाने वाली परियोजनाओं के अन्तर्गत लोक निर्माण विभाग की 30। चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग, स्टाम्प एवं रजिस्ट्रेशन विभाग एवं युवा कल्याण विभाग की एक-एक परियोजनाएं सम्मिलित हैं।

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उत्तर प्रदेश

सीएम योगी ने कुम्भ की आस्था और जलवायु परिवर्तन से संबंधित जलवायु सम्मेलन का किया शुभारंभ

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को प्रयागराज महाकुम्भ में कुम्भ की आस्था और जलवायु परिवर्तन विषयक जलवायु सम्मेलन का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मनुष्य ही केवल इस सृष्टि का एकमात्र जीव नहीं है। जीव जंतुओं का जीवन चक्र मनुष्य के साथ और मनुष्य का जीवन चक्र उनके साथ जुड़ा हुआ है। उनका अस्तित्व रहेगा तो हमारा भी अस्तित्व रहेगा और यदि उन पर संकट आएगा तो हमारे अस्तित्व पर भी संकट आएगा। उन्होंने कहा कि हम प्रलय की प्रतीक्षा ना करें, बल्कि अभी से धरती को हरा भरा बनाएं। कुम्भ का भी यही संदेश है। हम सबको आस्था के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन के कारकों पर भी विचार करते हुए उसके निवारण का उपाय करना होगा। उन्होंने कहा कि जीव सृष्टि और जंतु सृष्टि के संरक्षण के साथ ही मानव सृष्टि की सुरक्षा और संरक्षण हो पाएगा। इस दौरान सीएम योगी ने दिल्ली में हुई घटना पर अफसोस जताते हुए सभी पुण्य आत्माओं के प्रति अपनी विनम्र श्रद्धांजलि भी अर्पित की।

श्रद्धालु पार्किंग में खड़े करें वाहन

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के परिप्रेक्ष्य में जब जलवायु परिवर्तन की बात करते हैं तो एक-दूसरे पर दोषारोपण होने लगता है। यही स्थिति महाकुम्भ में भी देखने को मिल रही है. एरियल सर्वे में देख रहा था कि पार्किंग की जगह खाली है, लेकिन हर व्यक्ति सड़क पर अपनी गाड़ी खड़ी करके संगम स्नान को जा रहा है। अगर वही व्यक्ति पार्किंग के स्थान पर अपना वाहन पार्क करे तो हो सकता है कि उसे 100 मीटर ज्यादा पैदल चलना पड़े, लेकिन सड़क पर कहीं जाम नहीं होगा और आसानी से वह संगम में स्नान कर सकेगा। उन्होंने कहा कि इस जलवायु परिवर्तन से बचने के लिए हम सब कहां भागीदार हैं, इसके बारे में चिंतन करना और उसे अपने व्यवहारिक जीवन में उतारना, यह सचमुच महाकुम्भ का हिस्सा बनना चाहिए। इसे हर किसी को अपने जीवन में उतारना चाहिए।

जलवायु परिवर्तन के कारण सूख रहीं नदियां

सीएम योगी ने कहा कि 13 जनवरी से लेकर 16 फरवरी के बीच 52 करोड़ श्रद्धालु मां गंगा, यमुना और मां सरस्वती की इस पावन त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। 52 करोड़ लोग तब यहां डुबकी लगा पा रहे हैं, जब मां गंगा, यमुना और मां सरस्वती की कृपा से यहां अविरल जल उन्हें मिल पा रहा है। जो भी यहां डुबकी लगा रहा है उसे आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव मिल रहा है। इस अनुभव को जब वह अपने गांव में और आसपास के क्षेत्र में साझा कर रहा है, तभी वहां से बड़े पैमाने पर श्रद्धालु यहां आकर इस पूरे आयोजन को सफलता की नई ऊंचाई तक पहुंचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम सबको सोचना होगा की कार्बन उत्सर्जन और पर्यावरण के प्रदूषण का कारण जलवायु परिवर्तन है। जलवायु परिवर्तन का ही कारण है कि धरती माता की धमनियों के रूप में जिन नदियों को अविरल बहना चाहिए था वह सूखती जा रही हैं। अनुमान कीजिए, अगर शरीर की रक्त धमनियां सूख गई तो शरीर की स्थिति क्या होगी। अगर धरती माता की धमनियां सूख गईं या प्रदूषित हो गई तो जिन धमनियों से रक्त का प्रवाह होना चाहिए उसकी क्या स्थिति होगी।

मर चुकी नदियों को पुनर्जीवित किया जा रहा

सीएम योगी ने कहा कि धरती माता के साथ खिलवाड़ न हो, इसको ध्यान में रखते हुए सिंगल यूज प्लास्टिक को प्रतिबंधित किया गया है। उत्तर प्रदेश में पिछले 8 वर्षों के अंदर हमारी सरकार ने 210 करोड़ वृक्षारोपण किया है। वन विभाग के द्वारा जो वृक्ष लगाए गए हैं उसमें 70 से लेकर 80 फीसदी पौधे सुरक्षित हैं। वहीं विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से जो वृक्षारोपण हुआ है उसमें भी 60 से 70 फीसदी पौधे सुरक्षित हैं। डीजल से चलने वाली बसों के स्थान पर इलेक्ट्रिक बसों को प्राथमिकता दी गई है। इसके लिए पॉलिसी बनाई और अनेक कार्यक्रम बढ़ाए गए हैं। मर चुकी नदियों को फिर से पुनर्जीवित करने का काम किया। आज जो संगम में इतना पावन स्नान एक साथ एक दिन में करोड़ों लोग कर पा रहे हैं। जितनी भीड़ कभी मौनी अमावस्या को जुटती थी उतनी भीड़ हर दिन हो रही है। नदियों को चैनेलाइज किया गया। संगम क्षेत्र का दायरा बढ़ाया गया। संगम में हर समय 10 हजार से 11 हजार क्यूसेक जल हमेशा मौजूद रहे इसको सुनिश्चित किया गया।

जलवायु परिवर्तन रोकने के लिए जनभागीदारी आवश्यक

सीएम योगी ने कहा कि सरकार अपने स्तर पर कार्य कर रही है, लेकिन हमारा भी प्रयास होना चाहिए कि हम भी इसमें कैसे भागीदार बन सकते हैं। दैनिक जीवन में प्लास्टिक का उपयोग करना क्या हम रोक पाएंगे, क्या नदियों पर कब्जा करना और प्रदूषण करने की प्रवृत्ति पर नियंत्रण कर पाएंगे, वन्य जीवों के प्रति क्या हमारे मन में भी संवेदना जागृत होगी, क्योंकि जैसे हमारा जीवन चक्र है ऐसे ही धरती माता का भी अपना एक जीवन चक्र है। हम दोनों को एक साथ जोड़ करके देखेंगे तब यह सृष्टि रहेगी। एक पेड़ मां के नाम, एक पेड़ आस्था के नाम लगाने के क्रम में हम भी सहभागी बन सकें।

इस अवसर पर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती, परमार्थ आश्रम के प्रमुख स्वामी चिदानंद सरस्वती मुनि, जगद्गुरु स्वामी मुकुंदानंद, वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ अरुण कुमार सक्सेना एवं राज्य मंत्री केपी मलिक समेत विधायक व अधिकारी उपस्थित रहे।

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