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उत्तर प्रदेश

ब्रज क्षेत्र के विकास पर सीएम योगी का फोकस, वृंदावन बाईपास से स्थानीय व्यापार और उद्योग को मिलेगी रफ्तार

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लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश में बुनियादी ढांचे के विकास को तेजी से आगे बढ़ाया जा रहा है। योगी सरकार की विकासोन्मुखी प्रयासों को देखते हुए केंद्र सरकार भी यूपी में विकास में सहयोग करने से पीछे नहीं है। वृंदावन में 16.75 किलोमीटर लंबे बाईपास का निर्माण, पीएम गति शक्ति पहल के तहत प्रस्तावित है। इस परियोजना से जहां श्रद्धालुओं के लिए बांके बिहारी के दर्शन आसान होंगे, वहीं व्यापार और उद्योगों को भी बढ़ावा मिलेगा। नई दिल्ली में आयोजित नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (एनपीजी) की 81वीं बैठक में प्रस्तावित वृंदावन बाईपास के निर्माण और उससे वृंदावन पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की सहूलियतों की समीक्षा की गई।

यूपी में बुनियादी ढांचे में तेजी से विकास

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहरों के विकास को लेकर विशेष रूप से सक्रिय हैं। उनके नेतृत्व में राज्य के प्रमुख धार्मिक स्थलों का नवीनीकरण और विकास तेजी से हो रहा है। योगी सरकार की इस दिशा में की गई पहल से न केवल श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधाएं मिल रही हैं, बल्कि इन स्थलों के आसपास के क्षेत्रों में भी व्यापार, पर्यटन और रोजगार के नए अवसर उत्पन्न हो रहे हैं। प्रदेश में बुनियादी ढांचे का विस्तार तीव्र गति से हो रहा है। पिछले सात सालों में योगी सरकार की नीतियों और विकास योजनाओं ने उत्तर प्रदेश को आर्थिक रूप से मजबूत किया है।

श्रद्धालुओं को मिलेगी सहूलियत

बांके बिहारी के दर्शन के लिए हर साल देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु वृंदावन पहुंचते हैं, लेकिन हाल के वर्षों में गाड़ियों की संख्या में बढ़ोतरी के कारण वृंदावन में जाम की समस्या विकराल हो गई है। प्रस्तावित वृंदावन बाईपास का निर्माण इस समस्या का समाधान करेगा। इसके चलते श्रद्धालुओं को बांके बिहारी के दर्शन करने में आसानी होगी और यात्रा का समय भी कम होगा।

वृंदावन बाईपास से बढ़ेगी कनेक्टिविटी

वृंदावन बाईपास राष्ट्रीय राजमार्ग-44 को यमुना एक्सप्रेसवे से जोड़ते हुए क्षेत्र की कनेक्टिविटी को और मजबूत करेगा। इस बाईपास के माध्यम से यात्रा का समय, जो पहले डेढ़ घंटे का था, सिर्फ 15 मिनट रह जाएगा। इसके साथ ही यह परियोजना वृंदावन में यातायात दबाव को कम करेगी, जिससे पर्यटन और औद्योगिक विकास को गति मिलेगी।

सामाजिक-आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका

वृंदावन बाईपास परियोजना का मुख्य उद्देश्य कनेक्टिविटी को बढ़ाना और क्षेत्रीय विकास को गति देना है। इससे परिवहन चुनौतियों में कमी आएगी और सामाजिक-आर्थिक विकास को भी बढ़ावा मिलेगा। बाईपास से पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होने की उम्मीद है, जिससे स्थानीय व्यापार में तेजी आएगी। इसके साथ ही, क्षेत्रीय विकास और औद्योगिक गतिविधियों को भी नया बल मिलेगा। वृंदावन बाईपास से वृंदावन में पर्यटकों और श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी होगी, साथ ही व्यापार और उद्योग को भी नई दिशा मिलेगी। यह परियोजना प्रदेश के विकास के नए आयाम स्थापित करेगी और उत्तर प्रदेश को समृद्धि और प्रगति की ओर ले जाएगी।

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उत्तर प्रदेश

दीपोत्सव में झारखंड से दीप जलाने पहुंचेंगे 150 आदिवासी

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अयोध्या। योगी सरकार के आठवें दीपोत्सव को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। प्रशासनिक खेमे के अलावा डॉ राम मनोहर लोहिया विवि ने भी इस दिशा में युद्धस्तर पर कार्य शुरू कर दिया है। इस बार दीपोत्सव कुछ खास ही होने वाला है। इसमें झारखंड के 150 आदिवासी भी दीप जलाने के लिए पहुंच रहे हैं। यह आदिवासी स्वयंसेवक के रूप में घाटों पर जुटेंगे। उल्लेखनीय है कि अयोध्या में 2017 से राम की पैड़ी पर दीपोत्सव की शुरुआत हुई थी। उसके बाद से यहां दीपोत्कीसव के जरिए प्रतिवर्ष नए कीर्तिमान स्थापित हो रहे हैं। ऐसे में, इस बार मुख्यमंत्री ने 25 लाख दीये जलाने का ऐलान किया है जिसके लिए 28 लाख दीपों को सरयू नदी के किनारे तटों पर बिछाया जाएगा। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद अयोध्या नगरी को सजाने के काम शुरू कर दिया गया है।

10 हजार स्थानीय नागरिकों को भी मिलेगा मौका

राम की पैड़ी पर इस बार स्थानीय नागरिकों को भी शामिल करने की योजना बनाई गई है। इसके लिए वहां पर चौड़े-चौड़े पलेटफॉर्म वाली सीढियां बनाई जा रही हैं, जो बिल्कुल स्टेडियम की तरह है।

बढ़ाई गई घाटों की संख्या, 51 से हुए 55

इस बार दीयो की संख्या बढ़ते ही घाटों की संख्या बढ़ा दी गई है। 51 से 55 कर दिया गया है। चौधरी चरण सिंह व भजन संध्या स्थल व अन्य घाटों को दीप जलाने के लिए शामिल किया गया है। वहीं 90 हजार लीटर सरसो के तेल के प्रयोग होने की बात बताई जा रही है।

40 लाख रुई बाती का होगा इस्तेमाल

दीपोत्सव में दीयो की संख्या बढ़ते ही रुई की बाती का इंतजाम भी किया जाने लगा है। बताया जाता है 40 लाख रुई की बाती लगेगी। स्वयंसेवक 25 से राम की पैड़ी के घाटों पर दीये बिछाने का कार्य शुरू कर देंगे।

और भी भव्य होगा दीपोत्सव

दीपोत्सव के नोडल अधिकारी डॉ एसएस मिश्र ने बताया हमारी तैयारियां तेजी से चल रही है। इस बार श्री राम भव्य महल में विराजमान हुए हैं। इसलिए दीपोत्सव को और भी भव्य तरीके से मनाया जाएगा।

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