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उत्तर प्रदेश

नोएडा एयरपोर्ट के पास आम लोगों को मिलेंगे सस्ते घर, यीडा जल्द कर सकता है घोषणा

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लखनऊ/नोएडा। नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास अपने मकान का सपना देखने वाले प्रदेश के लोगों के लिए यह हकीकत बन सकता है। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यीडा) नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास जल्द ही एक प्लॉट स्कीम लाने जा रहा है, जिसमें करीब 6 हजार प्लॉट्स को सस्ती दरों पर उपलब्ध कराया जाना प्रस्तावित है। उल्लेखनीय है कि यीडा क्षेत्र में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के विकासकर्ता के चयन के बाद प्राधिकरण क्षेत्र में स्थित विभिन्न संपत्तियों के आवंटन के लिए जन सामान्य ने रुचि दिखाई है। प्राधिकरण की विगत आवासीय भूखंड योजना में लगभग 1.50 लाख से अधिक आवेदकों द्वारा भूखंड आवंटन के लिए आवेदन किया गया था। इसके बाद से ही प्राधिकरण क्षेत्र के अंतर्गत आर्थिक रूप से दुर्बल एवं निम्न आय वर्ग के लिए छोटे आकार के भूखंडों का नियोजन और आवंटन किए जाने की आवश्यकता जताई जा रही है।

30 वर्ग मीटर का हो सकता है भूखंड

यीडा के सीईओ अरुणवीर सिंह ने बताया कि प्राधिकरण तेजी से इस योजना की तैयारी कर रहा है। प्राधिकरण के द्वारा सेक्टर 16, 17, 18, 20 व 22डी में 60 वर्ग मीटर से 4000 वर्ग मीटर क्षेत्रफल तक के लगभग 28900 भूखंडों का आवंटन किया गया है, जिसमें इनफॉर्मल सेक्टर के लिए चिह्नित भूमि पर 30 वर्ग मीटर के भूखंडों की योजना लाई जानी प्रस्तावित है। प्राधिकरण की ओर से कोशिश की जा रही है कि छोटे प्लॉट्स आम आदमी की पहुंच में हों। 30 वर्ग मीटर के एक भूखंड का कुल प्रीमियम वर्तमान आवंटन दर पर 25,900 रुपए प्रति वर्ग मीटर के अनुसार 7 लाख 77 हजार रुपए होगा। यमुना एक्सप्रेसवे दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, आगरा, मथुरा, अलीगढ़ के बीच स्थित है। यह फरीदाबाद से भी कनेक्टिविटी प्रदान करता है। इसलिए यह स्कीम बहुत महत्वपूर्ण मानी जा रही है।

यीडा क्षेत्र में कार्य कर रहे कर्मियों को मिलेगा आरक्षण

इस योजना में आरक्षण का भी प्राविधान किया जाना प्रस्तावित है। इसमें सर्वाधिक 25 प्रतिशत आरक्षण उन वर्कर्स को दिया जाएगा जो यीडा द्वारा आवंटित कार्यरत औद्योगिक इकाइयों में काम कर रहे हैं। इसके साथ ही 5 प्रतिशत आरक्षण यीडा द्वारा आवंटित कार्यरत संस्थानों के कर्मचारियों को प्रदान किया जाएगा। इसके अतिरिक्त 5 प्रतिशत एक्स सर्विस मैन को, 5 प्रतिशत वॉर विडो, 5 प्रतिशत एससी-एसटी को, 4 प्रतिशत दिव्यांगों को आरक्षण का लाभ मिलेगा। शेष 51 प्रतिशत जनरल आवेदकों को भूखंड आवंटित किया जाएगा।

योग्य आवेदक ही कर सकेंगे आवेदन

आवेदक को भारत का नागरिक होना चाहिए। उसकी उम्र 18 वर्ष से अधिक होनी चाहिए। एक व्यक्ति एक ही आवेदन कर सकेगा। किसी भी स्कीम में प्लॉट या फ्लैट पाने वालों के आवेदन पर विचार नहीं किया जाएगा। आवेदक की आय तीन लाख रुपए से प्रति वर्ष से अधिक नहीं होनी चाहिए। आय प्रमाणपत्र भी आवेदन के साथ अटैच होना चाहिए। साथ ही प्रदेश सरकार द्वारा निवास प्रमाण पत्र भी होना चाहिए। इसके साथ ही योजना के तहत सभी सफल आवेदकों और आवंटी 10 वर्ष तक आवंटित प्लॉट को ट्रांसफर नहीं कर सकेंगे। इसके अतिरिक्त आवंटन के 60 दिनों के अंदर आवेदकों को रजिस्ट्रेशन फीस समेत टोटल प्रीमियम की 30 प्रतिशत राशि और जीएसटी (यदि देय हो तो) जमा करानी होगी। शेष 70 प्रतिशत राशि दस समान किस्तों में 10 प्रतिशत ब्याज पर चुकानी होगी।

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उत्तर प्रदेश

विधानसभा में गरजे सीएम योगी, कहा- अपने बच्चों को इंग्लिश स्कूल में भेजेंगे और दूसरे के बच्चों को, कठमुल्ला, मौलवी बनाएंगे

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लखनऊ। यूपी विधानसभा का बजट सत्र आज से शुरू हो गया। पहले ही दिन विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। सदन की कार्यवाही में हिंदी अवधी भोजपुरी को सदन का हिस्सा बनाकर सदस्यों को विधानसभा अध्यक्ष द्वारा समझाने के क्रम में माताप्रसाद पांडेय द्वारा अंग्रेज़ी को सदन की कार्यवाही में शामिल करने पर आपत्ति जताते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला।

सीएम ने कहा कि समाजवादियों का यही दोहरा चरित्र है,अपने बच्चों को इंग्लिश पब्लिक स्कूल में भेजेंगे और दूसरे के बच्चों को गांव के विद्यालय में पढ़ने को कहेंगे। अपने बच्चों को अग्रेज़ी माध्यम में पढ़ाएंगे,और दूसरे को कहेंगे उर्दू पढ़ाओ, कठमुल्ला,मौलवी बनाना चाहते हैं, यह नही चलेगा। इससे पता चल जाता है कि जाकी रही भावना जैसी।

सीएम ने आगे कहा, इसीलिए आपने कल अवधी भोजपुरी बुंदेली भाषा का विरोध किया था। हमारी सरकार में विभिन्न बोलियों ब्रज, भोजपुरी, अवधी, बुंदेलखंडी को सम्मान मिल रहा है। हमारी सरकार में अलग अलग एकेडमी का गठन भी हो रहा है, यह सभी हिंदी की उपभाषा हैं, यानी हिंदी की बेटियां हैं। यह सदन विशुद्ध साहित्यिक और व्याकरण के विद्वानो का नही हैं। इस सदन में अलग अलग समाज से सदस्य यहां विभिन्न तबके से आये हैं। अंतिम पायदान के व्यक्ति की आवाज़ को सदन में मुखरता मिले, इसके लिए अगर व हिंदी में असमर्थ है तो अवधी, बुंदेलखंडी,भोजपुरी जिसमे समर्थ हो बोल सकता है।

विपक्ष पर साधा निशाना

हम अभिनन्दन करते है कि इन बोलियों को सम्मान मिले, इसके लिये हमने अकादमियों का गठन किया। आज दुनिया मे भारत के प्रवासी जो मॉरीशस फिजी में रह रहें है यही अवधी भाषाई लोग हैं। आप हर अच्छे कार्य का विरोध करते हैं, हम इसकी निंदा करते है, हमारी सरकार का मानना है कि इन बोलियों को सदन की प्रोसिडिंग में होना चाहिए।

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