उत्तर प्रदेश
यूपी पुलिस परीक्षा का जायजा लेने ग्राउंड जीरो पर उतरे डीजीपी, सभी जगह हुई शांतिपूर्ण परीक्षा
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लखनऊ| शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के इतिहास की सबसे बड़ी पुलिस भर्ती परीक्षा की शुरुआत हो गई। पहले दिन प्रदेश के 67 जिलों के 1174 परीक्षा केंद्र पर परीक्षा सकुशल संपन्न कराई गई। दो पालियों में आयोजित परीक्षा में करीब 4 लाख 50 हजार अभ्यर्थी शामिल हुए। सभी अभ्यर्थी कड़ी सुरक्षा और कई चरणों की चेकिंग के बाद परीक्षा में शामिल हुए। परीक्षा के दौरान एसटीएफ, यूपी पुलिस और पीएसी के जवान चप्पे-चप्पे पर नजर आए। इसके अलावा सीसीटीवी और ड्रोन कैमरों से भी पल-पल की नजर रखी गयी। वहीं डीजीपी ने भी ग्राउंड जीरो पर उतरकर स्थितियों का जायजा लिया। सभी सेंटर के अंदर और बाहर चुस्त-दुरुस्त व्यवस्था के चलते प्रदेश में कहीं भी किसी तरह की अप्रिय घटना नहीं घटित हुई। सीएम योगी की मंशा के अनुरुप परीक्षा को पूरी शुचिता और पारदर्शिता के साथ संपन्न कराने में प्रशासन सफल रहा।
लखनऊ में डीजीपी खुद उतरे ग्राउंड जीरो पर, केंद्रों पर परखी तैयारियां
राजधानी लखनऊ में 81 परीक्षा केंद्रों पर दो पालियों में 56,674 परीक्षार्थी शामिल हुए। सभी केंद्रों पर नकल विहीन परीक्षा सम्पन्न कराने के उद्देश्य से सेक्टर मजिस्ट्रेट व जोनल मजिस्ट्रेट की ड्यूटी लगाई गई। साथ ही समस्त केंद्रों पर मोबाईल जैमर की व्यवस्था को सुनिश्चित कराया गया। डीजीपी प्रशांत कुमार ने राजकीय बालिका इंटर कॉलेज गोमतीनगर और राजकीय पॉलीटेक्निक लखनऊ स्थित परीक्षा केन्द्रों का औचक निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने परीक्षा को पारदर्शी एवं शुचितापूर्ण सम्पन्न कराने के लिए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए गए। वहीं लखनऊ में पुलिस भर्ती परीक्षा को लेकर डीएम सूर्यपाल गंगवार ने विभिन्न केंद्रों का निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने व्यवस्था की पड़ताल की। लखनऊ यूनिवर्सिटी के बाद जिलाधिकारी ने बाबूगंज स्थित रामाधीन सिंह इंटर काॅलेज की व्यवस्था जानी। डीएम ने निरीक्षण के दौरान सभी केंद्र व्यवस्थापकों को नकल विहीन, पूरी पारदर्शिता के साथ शांतिपूर्ण ढंग से परीक्षा संपन्न कराने के निर्देश दिए। इसके बाद जिलाधिकारी ने नेशनल पीजी काॅलेज पहुंचकर व्यवस्थाओं का जायजा लिया। राजकीय पॉलीटेक्निक और राजकीय महिला पालीटेक्निक में सीसीटीवी कैमरों के जरिए परीक्षा की मॉनिटरिंग को भी उन्होंने देखा। वहीं सुरक्षा की दृष्टि से एक हजार सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई। लखनऊ में 8 एसीपी और 62 इंस्पेक्टर को शांतिपूर्ण माहौल में परीक्षा व्यवस्था में लगाया गया। इनके अलावा 184 सब इंस्पेक्टर, 173 हेड कॉन्स्टेबल, 519 कॉन्स्टेबल, 81 सेक्टर मजिस्ट्रेट और 162 सशस्त्र बलों को भी तैनात किया गया है। सुबह से ही परीक्षा केंद्रों के बाहर सुरक्षा बलों की तैनाती रही।
भ्रामक खबरें फैलाने वालों पर होगी कठोर कार्रवाई: डीजीपी
डीजीपी प्रशांत कुमार ने बताया कि पूरे प्रदेश में 48 लाख से ज्यादा बच्चे लगभग 10 पालियों में परीक्षा देंगे। प्रदेश के 67 जनपदों में ये परीक्षा 5 दिनों में 2-2 पालियों में संपन्न होगी। सभी जगह पुलिस के अधिकारी तैनात हैं। इस बार ऐसी व्यवस्था की गई है कि किसी को कोई असुविधा ना हो। जहां-जहां से भी गड़बड़ी की सूचनाएं मिल रही हैं, सभी जगह एफआईआर की गई है। उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी। अभी तक कहीं से भी प्रश्न पत्र लीक होने की कोई सूचना नहीं है, जो लोग भी भ्रामक खबरें फैला रहे हैं, उनके खिलाफ कठोर कार्रवाई की जाएगी।
अभ्यर्थी का वर्जन
पेपर काफी अच्छा हुआ है। हालांकि रिजनिंग ने थोड़ा परेशान किया, लेकिन ओवर ऑल पेपर ठीक था। वहीं प्रशासन की ओर से चौक चौबंद व्यवस्था की गयी थी। सेंटर के बाहर और अंदर बड़ी तादाद में पुलिस तैनात थी। वह हमारी मदद भी कर रहे थे। इसके अलावा सेंटर पर सामान रखने के लिए लॉकर की भी व्यवस्था की गई।
रिजवान अली, रायबरेली
प्रयागराज में 950 सीसीटीवी और आईपी कैमरों से संदिग्धों पर रही नजर
प्रयागराज के 63 परीक्षा केंद्रों पर दो पालियों में 45 हजार 744 अभ्यर्थियाें ने परीक्षा दी। योगी सरकार के निर्देश पर अभ्यर्थियों को परीक्षा केंद्र तक निःशुल्क यात्रा की सुविधा देने के लिए मंडल में 624 रोडवेज बसों का संचालन किया गया। इसका लाभ पूरे मंडल में 57 हजार से अधिक अभ्यर्थियों ने उठाया। इसके अलावा अभ्यर्थियों को सिटी बसों में भी निशुल्क यात्रा की सुविधा प्रदान की गयी। योगी सरकार के प्रयास पर रेलवे ने संगम रेलवे स्टेशन से चलने वाली 6 ट्रेन में दो-दो अतिरिक्त कोच जोड़े। नोडल अधिकारी डीसीपी आशुतोष द्विवेदी ने बताया कि 63 परीक्षा केंद्रों की सुरक्षा के लिए 600 से अधिक पुलिस कर्मी और 950 सीसीटीवी लगाए गए। इसके अलावा संदिग्धों पर नजर रखने के लिए आईपी कैमरों की भी मदद ली गई। पुलिस और प्रशासन की मुस्तैद के चलते कहीं कोई अप्रिय सूचना नहीं प्राप्त हुई।
अभ्यर्थी का वर्जन
नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए केंद्र पर काफी सख्ती थी, लेकिन कोई परेशानी नहीं हुई क्योंकि व्यवस्था काफी अच्छी थी। परीक्षा की शुचिता और सुरक्षा का भी पूरा ख्याल रखा गया था।
दीपक गुप्ता, वाराणसी
आगरा में तीन चरणों में चेकिंग के बाद एग्जाम रूम में दी गई एंट्री
आगरा में 27 परीक्षा केंद्रों पर दो पालियों में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच 24 हजार अभ्यर्थियों में से करीब 75 प्रतिशत ने परीक्षा दी। सभी परीक्षा केंद्र सीसीटीवी से लैस थे, जिसकी मॉनीटरिंग पुलिस लाइन में बने कंट्रोल रूम की गयी। परीक्षा को शांतिपूर्वक कराने के लिए 540 पुलिसकर्मियों की ड्यूटी लगाई गई। वहीं हर केंद्र पर एक परीक्षा प्रभारी, स्टेटिक मजिस्ट्रेट, केंद्र व्यवस्थापक और कक्ष निरीक्षक को तैनात किया गया। वहीं हर क्षेत्र में एसीपी और थाना प्रभारी अलर्ट मोड में रहे। इसके अलावा परीक्षा केंद्र के आस-पास सादी वर्दी में भी पुलिसकर्मी तैनात रहे। हर सेंटर पर चेकिंग के लिए 80 अभ्यर्थियों पर एक पुलिसकर्मी की तैनाती की गयी। अभ्यर्थियों को तीन चरणों की चेकिंग के बाद एग्जाम रूम में इंट्री दी गयी। वहीं परिवहन निगम की ओर से 223 अतिरिक्त बसें संचालित की गईं।
अभ्यर्थी का वर्जन
परीक्षा केंद्रों पर सुरक्षा व्यवस्था चाकचौबंद दिखाई दी। परीक्षा केंद्र के अंदर चेकिंग और वेरिफिकेशन के बाद ही प्रवेश मिला, लेकिन कोई समस्या नहीं हुई। पेपर आसान आया था। इस बार की परीक्षा बेस्ट थी। कोई दिक्कत नहीं हुई। पिछली बार की परीक्षा में सिर्फ उत्तर प्रदेश से संबंधित सवाल थे।
राकेश, फिरोजाबाद
गोरखपुर में सिटी बसों में भी दी गयी फ्री सफर की सुविधा, रेलवे ने चलायी स्पेशल ट्रेन
गोरखपुर में 55 परीक्षा केंद्रों पर दोनों पालियों में 24,500 परीक्षार्थियों में से करीब 70 प्रतिशत परीक्षार्थियों ने परीक्षा दी। पुलिस भर्ती परीक्षा को लेकर केंद्रों पर सुरक्षा और सुविधा के व्यापक इंतजाम किए गए। शुचितापूर्ण परीक्षा के लिए सभी केंद्रों पर परीक्षार्थियों की त्रिस्तरीय कड़ी जांच की गई। किसी भी परीक्षा केंद्र से किसी तरह की गड़बड़ी की सूचना नहीं है। अभ्यर्थियों को जाम में न फंसना पड़े, इसके लिए जिलाधिकारी के आदेश पर कक्षा 12 तक के विद्यालयों में अवकाश रहा। सरकार ने परीक्षार्थियों को यूपी रोडवेज की बसों में मुफ्त यात्रा की सुविधा तो मुहैया कराई ही, जिले में आने के बाद परीक्षा केंद्रों तक जाने के लिए उन्हें संबंधित रूट की इलेक्ट्रिक बसों में मुफ्त यात्रा कराई गई। योगी सरकार के प्रयासों के साथ ही पूर्वोत्तर रेलवे ने भी अपना योगदान देते हुए स्पेशल ट्रेनों का संचलन कराया।
अभ्यर्थी का वर्जन
यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा में उत्तर प्रदेश सरकार ने काफी अच्छी व्यवस्था की। आवागमन के लिए मुफ्त बस यात्रा की सुविधा दी गई। परीक्षा केंद्र पर भी सहूलियत मिली और वहां तैनात अधिकारियों व स्टाफ ने अच्छा व्यवहार किया। कहीं कोई असुविधा नहीं हुई।”
-अजीत कुमार यादव, बलिया
झांसी में सकुशल परीक्षा कराने के लिए 27 पुलिस अधिकारियों को बनाया गया केंद्र प्रभारी
झांसी में 27 परीक्षा केंद्रों पर दो पालियों में 11,424 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए। परीक्षा के लिए 1400 शिक्षकों की कक्ष निरीक्षक के तौर पर तैनाती रही जबकि 27 पुलिस अधिकारियों को केंद्र प्रभारी बनाया गया। प्रत्येक केंद्र पर स्टेटिक और सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात किए गए। एसडीएम के नेतृत्व में 6 सचल दल लगातार भ्रमणशील रहे। झांसी मंडल के तीनों जिलों में 230 बस लगातार गतिशील रहीं। अभ्यर्थियों के लिए बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर बनाये हेल्प डेस्क बनाए गए। वहीं जिलाधिकारी अविनाश कुमार और एसएसपी राजेश एस समेत अन्य प्रशासनिक अफसर निरन्तर भ्रमण करते हुए व्यवस्थाओं का जायजा लेते रहे।
अभ्यर्थी का वर्जन
पुलिस भर्ती के अभ्यर्थियों को योगी सरकार ने रोडवेज बस में मुफ्त सफर की सुविधा प्रदान की है। यह योगी सरकार की सराहनीय पहल रही। वहीं परीक्षा केंद्र पर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रही, लेकिन अभ्यर्थियों को कोई समस्या नहीं हुई। उनकी हर सुविधा का विशेष ध्यान रखा गया। इसके अलावा पेपर भी अच्छी है। अब बस रिजल्ट का इंतजार है।
अभिषेक कुमार, हमीरपुर
अयोध्या में सुरक्षा की दृष्टि से 10 किमी. के दायरे में ही बनाए गए सभी केंद्र
अयोध्या में 12 परीक्षा केंद्रों पर दो पालियों में 3367 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए। परीक्षा व्यवस्थाओं की पूरी जिम्मेदारी जिला मजिस्ट्रेट के हाथों में रही। हर परीक्षा केन्द्र में सेक्टर व स्टेटिक मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर सुरक्षा व्यवस्था के पाबंद किए गये थे। वहीं कड़ी चेकिंग के बाद ही परीक्षार्थियों को सेंटर पर एंट्री दी जा रही है। हर केन्द्र पर केन्द्र व्यवस्थापक व सहायक केन्द्र व्यवस्थापक की तैनाती की गई। सभी परीक्षा केन्द्र 10 किलोमीटर के दायरे के भीतर बनाए गए, जहां सुरक्षा के पर्याप्त प्रबंध रहे। केंद्रों पर 485 कक्ष निरीक्षकों की तैनाती की गई है जबकि 15 प्रतिशत कर्मचारियों को परीक्षा के लिए रिजर्व रखा गया। परीक्षा के मद्देनजर जगह-जगह रूटों का डायवर्जन किया गया। वहीं केंद्र के आस-पास की फोटो कापी की दुकानों को बंद करा दिया गया। वहीं मुख्यालय में बने कंट्रोल रूम से सीसीटीवी कैमरे से निगरानी की जा रही थी। जिले के आलाधिकारी द्वारा परीक्षा केन्द्रों का लगातार निरीक्षण कर रहे थे। परीक्षा केंद्र पर पहुंचे परिक्षार्थीयो की गहन चेकिंग की गई। परीक्षार्थियों की सुविधा के लिए 124 बसों को लगाया गया।
अभ्यर्थी का वर्जन
पेपर काफी अच्छा रहा पेपर। वहीं प्रशासन की ओर से अभ्यर्थियों के लिए अच्छी व्यवस्था की गयी थी। इस बार महिला अभ्यर्थियों ने भी बढ़-चढ़कर परीक्षा में लिया भाग लिया है। यह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ महिलाओं को अधिक से अधिक रोजगार उपलब्ध कराने के संकल्प को दर्शाता है।
प्रीति चौरसिया, अयोध्या
वाराणसी में पीएसी और आईटीबीपी की कंपनियों को किया गया तैनात
वाराणसी में 80 परीक्षा केन्द्रों पर दो पालियों में 42307 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी। योगी सरकार ने परीक्षा की शुचिता बनाये रखने के साथ अभ्यर्थियों की सुविधा का पूरा ध्यान रखा। वहीं एक दिन पहले आने वाले परीक्षार्थियों के ठहरने के लिए स्थान भी चिन्हित किये गये थे, जिसमें धर्मशाला, पंचायत भवन और कॉलेज आदि शामिल है। परीक्षा सकुशल कराने के लिए 7 सहायक पुलिस आयुक्त, 41 निरीक्षक, 287 उपनिरीक्षक, 783 आरक्षी व मुख्य आरक्षी 783 और 187 महिला आरक्षी की तैनाती की गयी। इसके अलावा पीएसी की 3 कंपनियां, आईटीबीपी की 1 कंपनी और यातायात पुलिस को तैनात किया गया। साथ ही अतिरिक्त उड़न दस्ता के रूप में पुलिस /मजिस्ट्रेट की कुल 9 टीम गठित की गई थी।
बरेली में सभी केंद्रों पर अलर्ट मोड में रही पुलिस
बरेली में यूपी पुलिस भर्ती परीक्षा शांतिपूर्ण, निष्पक्ष और पारदर्शी तरीके से करने के लिए बरेली के सभी 29 केंद्रों पर पुलिस अलर्ट मोड पर रही। पहले दिन की परीक्षा के लिए सुबह 7:30 बजे से परीक्षार्थियों का प्रवेश शुरू हो गया। सघन तलाशी के बाद अभ्यर्थियों को प्रवेश दिया गया। 9:30 बजे केंद्रों के गेट बंद कर दिए गए। सिपाही भर्ती परीक्षा को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। जिले के सभी 29 केंद्रों को पांच जोन में बांटा गया है। प्रत्येक जोन में एक जोनल मजिस्ट्रेट तैनात किया गया है। इसके अलावा प्रत्येक परीक्षा केंद्र पर एक सेक्टर और एक स्टेटिक मजिस्ट्रेट की तैनाती की गई है। संवेदनशील परीक्षा केंद्रों के आसपास ड्रोन कैमरों से निगरानी की जा रही है। परीक्षा केंद्रों के आसपास साइबर कैफे और फोटो स्टेट की दुकानें बंद रहेंगी। परीक्षा के लिए जिले में तीन जोन प्रभारी, छह सेक्टर प्रभारी व नौ सहायक सेक्टर प्रभारी नियुक्त किए गए हैं। परीक्षा केंद्रों पर 20 निरीक्षक, 92 उप निरीक्षकों की मय पुलिस बल के ड्यूटी लगाई गई है। परीक्षा केंद्रों पर सीसीटीवी कंट्रोल रूम स्थापित किए गए हैं। जिला मुख्यालय पर जनपदीय सीसीटीवी कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है। परीक्षा केंद्रों पर 29 सेक्टर मजिस्ट्रेट के साथ 58 पुलिसकर्मियों को सशस्त्र नियुक्त किया गया है।
वर्जन
पढ़ाई 5 से 6 घंटे की है। पेपर भी अच्छा आया है। योगी सरकार में पारदर्शी तरीके से और ईमानदारी से परीक्षा कराई जा रही है। परीक्षा में नकल नहीं हो रही है। पूरी उम्मीद है कि वह परीक्षा में सफल हो जायेंगी।
दीक्षा सिंह, गुलाब राय परीक्षा केंद्र, बरेली
उत्तर प्रदेश
सीएम योगी ने कुम्भ की आस्था और जलवायु परिवर्तन से संबंधित जलवायु सम्मेलन का किया शुभारंभ
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को प्रयागराज महाकुम्भ में कुम्भ की आस्था और जलवायु परिवर्तन विषयक जलवायु सम्मेलन का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मनुष्य ही केवल इस सृष्टि का एकमात्र जीव नहीं है। जीव जंतुओं का जीवन चक्र मनुष्य के साथ और मनुष्य का जीवन चक्र उनके साथ जुड़ा हुआ है। उनका अस्तित्व रहेगा तो हमारा भी अस्तित्व रहेगा और यदि उन पर संकट आएगा तो हमारे अस्तित्व पर भी संकट आएगा। उन्होंने कहा कि हम प्रलय की प्रतीक्षा ना करें, बल्कि अभी से धरती को हरा भरा बनाएं। कुम्भ का भी यही संदेश है। हम सबको आस्था के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन के कारकों पर भी विचार करते हुए उसके निवारण का उपाय करना होगा। उन्होंने कहा कि जीव सृष्टि और जंतु सृष्टि के संरक्षण के साथ ही मानव सृष्टि की सुरक्षा और संरक्षण हो पाएगा। इस दौरान सीएम योगी ने दिल्ली में हुई घटना पर अफसोस जताते हुए सभी पुण्य आत्माओं के प्रति अपनी विनम्र श्रद्धांजलि भी अर्पित की।
श्रद्धालु पार्किंग में खड़े करें वाहन
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के परिप्रेक्ष्य में जब जलवायु परिवर्तन की बात करते हैं तो एक-दूसरे पर दोषारोपण होने लगता है। यही स्थिति महाकुम्भ में भी देखने को मिल रही है. एरियल सर्वे में देख रहा था कि पार्किंग की जगह खाली है, लेकिन हर व्यक्ति सड़क पर अपनी गाड़ी खड़ी करके संगम स्नान को जा रहा है। अगर वही व्यक्ति पार्किंग के स्थान पर अपना वाहन पार्क करे तो हो सकता है कि उसे 100 मीटर ज्यादा पैदल चलना पड़े, लेकिन सड़क पर कहीं जाम नहीं होगा और आसानी से वह संगम में स्नान कर सकेगा। उन्होंने कहा कि इस जलवायु परिवर्तन से बचने के लिए हम सब कहां भागीदार हैं, इसके बारे में चिंतन करना और उसे अपने व्यवहारिक जीवन में उतारना, यह सचमुच महाकुम्भ का हिस्सा बनना चाहिए। इसे हर किसी को अपने जीवन में उतारना चाहिए।
जलवायु परिवर्तन के कारण सूख रहीं नदियां
सीएम योगी ने कहा कि 13 जनवरी से लेकर 16 फरवरी के बीच 52 करोड़ श्रद्धालु मां गंगा, यमुना और मां सरस्वती की इस पावन त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। 52 करोड़ लोग तब यहां डुबकी लगा पा रहे हैं, जब मां गंगा, यमुना और मां सरस्वती की कृपा से यहां अविरल जल उन्हें मिल पा रहा है। जो भी यहां डुबकी लगा रहा है उसे आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव मिल रहा है। इस अनुभव को जब वह अपने गांव में और आसपास के क्षेत्र में साझा कर रहा है, तभी वहां से बड़े पैमाने पर श्रद्धालु यहां आकर इस पूरे आयोजन को सफलता की नई ऊंचाई तक पहुंचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम सबको सोचना होगा की कार्बन उत्सर्जन और पर्यावरण के प्रदूषण का कारण जलवायु परिवर्तन है। जलवायु परिवर्तन का ही कारण है कि धरती माता की धमनियों के रूप में जिन नदियों को अविरल बहना चाहिए था वह सूखती जा रही हैं। अनुमान कीजिए, अगर शरीर की रक्त धमनियां सूख गई तो शरीर की स्थिति क्या होगी। अगर धरती माता की धमनियां सूख गईं या प्रदूषित हो गई तो जिन धमनियों से रक्त का प्रवाह होना चाहिए उसकी क्या स्थिति होगी।
मर चुकी नदियों को पुनर्जीवित किया जा रहा
सीएम योगी ने कहा कि धरती माता के साथ खिलवाड़ न हो, इसको ध्यान में रखते हुए सिंगल यूज प्लास्टिक को प्रतिबंधित किया गया है। उत्तर प्रदेश में पिछले 8 वर्षों के अंदर हमारी सरकार ने 210 करोड़ वृक्षारोपण किया है। वन विभाग के द्वारा जो वृक्ष लगाए गए हैं उसमें 70 से लेकर 80 फीसदी पौधे सुरक्षित हैं। वहीं विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से जो वृक्षारोपण हुआ है उसमें भी 60 से 70 फीसदी पौधे सुरक्षित हैं। डीजल से चलने वाली बसों के स्थान पर इलेक्ट्रिक बसों को प्राथमिकता दी गई है। इसके लिए पॉलिसी बनाई और अनेक कार्यक्रम बढ़ाए गए हैं। मर चुकी नदियों को फिर से पुनर्जीवित करने का काम किया। आज जो संगम में इतना पावन स्नान एक साथ एक दिन में करोड़ों लोग कर पा रहे हैं। जितनी भीड़ कभी मौनी अमावस्या को जुटती थी उतनी भीड़ हर दिन हो रही है। नदियों को चैनेलाइज किया गया। संगम क्षेत्र का दायरा बढ़ाया गया। संगम में हर समय 10 हजार से 11 हजार क्यूसेक जल हमेशा मौजूद रहे इसको सुनिश्चित किया गया।
जलवायु परिवर्तन रोकने के लिए जनभागीदारी आवश्यक
सीएम योगी ने कहा कि सरकार अपने स्तर पर कार्य कर रही है, लेकिन हमारा भी प्रयास होना चाहिए कि हम भी इसमें कैसे भागीदार बन सकते हैं। दैनिक जीवन में प्लास्टिक का उपयोग करना क्या हम रोक पाएंगे, क्या नदियों पर कब्जा करना और प्रदूषण करने की प्रवृत्ति पर नियंत्रण कर पाएंगे, वन्य जीवों के प्रति क्या हमारे मन में भी संवेदना जागृत होगी, क्योंकि जैसे हमारा जीवन चक्र है ऐसे ही धरती माता का भी अपना एक जीवन चक्र है। हम दोनों को एक साथ जोड़ करके देखेंगे तब यह सृष्टि रहेगी। एक पेड़ मां के नाम, एक पेड़ आस्था के नाम लगाने के क्रम में हम भी सहभागी बन सकें।
इस अवसर पर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती, परमार्थ आश्रम के प्रमुख स्वामी चिदानंद सरस्वती मुनि, जगद्गुरु स्वामी मुकुंदानंद, वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ अरुण कुमार सक्सेना एवं राज्य मंत्री केपी मलिक समेत विधायक व अधिकारी उपस्थित रहे।
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