उत्तर प्रदेश
फरमानी नाज का पलटवार, कहा- जब पति ने बिना तलाक छोड़ दिया तब कोई नहीं आया
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नई दिल्ली। हाल ही में अपने यूट्यूब चैनल पर ‘हर हर शंभू’ के गाने को लेकर चर्चा में आईं इंडियन आइडल फेम फरमानी नाज ने उन मुस्लिम उलेमा पर पलटवार किया है जिन्होंने कहा कि फरमानी नाज को गाना नहीं चाहिए। फरमानी नाज ने कहा कि उनके पति ने बिना तलाक दिए दूसरी शादी कर ली, मैं बच्चे का पेट पालने के लिए गाना गाती हूं। आज लड़कियां आत्मनिर्भर होकर समाज में जी रही हैं, वे अपने टैलेंट के दम पर आगे बढ़ रही हैं।
गाने पर भड़क गए थे देवबंद के उलेमा
दरअसल, फेमस यूट्यूब सिंगर फरमानी नाज ने हाल ही में अपने दर्शकों के लिए शिव भजन ‘हर हर शंभू’ गाया था। बाद में इसको लेकर विवाद खड़ा हो गया है। देवबंद के उलेमा इस पर भड़क गए। मुस्लिम संगठन ने गायक के ‘हर हर शंभू’ गाने को ‘इस्लाम के खिलाफ’ बताया। अब इसी पर फरमानी नाज का जवाब आया है।
फरमानी नाज ने दिया करारा जवाब
फरमानी नाज ने बताया कि उन्हें किसी ने घर आकर गाने से नहीं रोका है। बस कुछ लोग सोशल मीडिया पर इस तरह के कमेंट कर देते हैं। मैं अपने हुनर के बल पर गाने गाकर आगे बढ़ रही हूं। कभी किसी धर्म का अपमान नहीं किया। नाज ने कहा शादी के बाद एक बेटा हुआ। बेटे को बीमारी थी, इसके बाद पति और ससुराल वालों ने छोड़ दिया। मुझे बिना तलाक दिए पति ने दूसरी शादी कर ली। इस पर कभी किसी ने मेरा दुख नहीं समझा।
‘कलाकार का कोई धर्म नहीं होता’
उन्होंने कहा कि इसमें किसी को कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए। लोग मेरे गानों को पसंद कर रहे हैं। बच्चे के भविष्य के लिए कर रही हूं। सरकार कोई ऐसा कदम उठाए कि जो मेरे साथ हुआ है वो किसी और के साथ नहीं हो। एक कलाकार का कोई धर्म नहीं होता है। उन्होंने कहा कि वह सभी प्रकार की धुनों को आवाज देने की कोशिश करती हैं।
कांवड़ यात्रा के दौरान ‘हर हर शंभू’ भजन गाया
बता दें कि फरमानी नाज 2020 में सिंगिंग शो में दिखाई दी थीं। अब, वह सोशल मीडिया पर फैंस और फॉलोअर्स के बीच लोकप्रिय हैं। हाल ही में फरमानी ने कांवड़ यात्रा के दौरान ‘हर हर शंभू’ भजन गाया। इस पर देवबंदी उलेमा ने नसीहत देते हुए कहा है कि इस्लाम में किसी भी तरह का गाना नहीं गाना चाहिए, ये इस्लाम के खिलाफ है। देवबंद स्थित मौलवी मुफ्ती असद कासमी ने कहा कि शरिया कानून के तहत गाने की इजाजत नहीं है।
उलेमा ने यह भी कहा था कि ‘कोई भी गाना’ गाना ‘हराम’ है या इस्लाम में मना है। उन्होंने कहा कि खासकर खुद को मुस्लिम मानने वाली महिला को ऐसे गाने गाने से दूर रहना चाहिए। हालांकि फरमानी ने कहा कि वे एक कलाकार हैं और उन्हें हर तरह के गीत गाने पड़ते हैं।
कौन हैं सिंगर फरमानी नाज
फरमानी नाज अपने गृह जिले मुजफ्फरनगर की एक जानी-मानी गायिका हैं। उनकी लोकप्रियता उनके गृहनगर तक ही सीमित नहीं है, उनके यूट्यूब पर लाखों की संख्या में फैन हैं। वे इंडियन आइडल सीजन 12 में दिखाई दी थीं। इंडियन आइडल में उनकी भागीदारी ने उन्हें अपने गांव और अपने प्रशंसकों के बीच स्टार का दर्जा दिलाया। बेटे के जन्म के बाद फरमानी के पति ने उन्हें छोड़ दिया और दूसरी शादी कर ली। फरमानी का बेटा बीमार रहता है।
उत्तर प्रदेश
सीएम योगी ने कुम्भ की आस्था और जलवायु परिवर्तन से संबंधित जलवायु सम्मेलन का किया शुभारंभ
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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को प्रयागराज महाकुम्भ में कुम्भ की आस्था और जलवायु परिवर्तन विषयक जलवायु सम्मेलन का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मनुष्य ही केवल इस सृष्टि का एकमात्र जीव नहीं है। जीव जंतुओं का जीवन चक्र मनुष्य के साथ और मनुष्य का जीवन चक्र उनके साथ जुड़ा हुआ है। उनका अस्तित्व रहेगा तो हमारा भी अस्तित्व रहेगा और यदि उन पर संकट आएगा तो हमारे अस्तित्व पर भी संकट आएगा। उन्होंने कहा कि हम प्रलय की प्रतीक्षा ना करें, बल्कि अभी से धरती को हरा भरा बनाएं। कुम्भ का भी यही संदेश है। हम सबको आस्था के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन के कारकों पर भी विचार करते हुए उसके निवारण का उपाय करना होगा। उन्होंने कहा कि जीव सृष्टि और जंतु सृष्टि के संरक्षण के साथ ही मानव सृष्टि की सुरक्षा और संरक्षण हो पाएगा। इस दौरान सीएम योगी ने दिल्ली में हुई घटना पर अफसोस जताते हुए सभी पुण्य आत्माओं के प्रति अपनी विनम्र श्रद्धांजलि भी अर्पित की।
श्रद्धालु पार्किंग में खड़े करें वाहन
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के परिप्रेक्ष्य में जब जलवायु परिवर्तन की बात करते हैं तो एक-दूसरे पर दोषारोपण होने लगता है। यही स्थिति महाकुम्भ में भी देखने को मिल रही है. एरियल सर्वे में देख रहा था कि पार्किंग की जगह खाली है, लेकिन हर व्यक्ति सड़क पर अपनी गाड़ी खड़ी करके संगम स्नान को जा रहा है। अगर वही व्यक्ति पार्किंग के स्थान पर अपना वाहन पार्क करे तो हो सकता है कि उसे 100 मीटर ज्यादा पैदल चलना पड़े, लेकिन सड़क पर कहीं जाम नहीं होगा और आसानी से वह संगम में स्नान कर सकेगा। उन्होंने कहा कि इस जलवायु परिवर्तन से बचने के लिए हम सब कहां भागीदार हैं, इसके बारे में चिंतन करना और उसे अपने व्यवहारिक जीवन में उतारना, यह सचमुच महाकुम्भ का हिस्सा बनना चाहिए। इसे हर किसी को अपने जीवन में उतारना चाहिए।
जलवायु परिवर्तन के कारण सूख रहीं नदियां
सीएम योगी ने कहा कि 13 जनवरी से लेकर 16 फरवरी के बीच 52 करोड़ श्रद्धालु मां गंगा, यमुना और मां सरस्वती की इस पावन त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। 52 करोड़ लोग तब यहां डुबकी लगा पा रहे हैं, जब मां गंगा, यमुना और मां सरस्वती की कृपा से यहां अविरल जल उन्हें मिल पा रहा है। जो भी यहां डुबकी लगा रहा है उसे आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव मिल रहा है। इस अनुभव को जब वह अपने गांव में और आसपास के क्षेत्र में साझा कर रहा है, तभी वहां से बड़े पैमाने पर श्रद्धालु यहां आकर इस पूरे आयोजन को सफलता की नई ऊंचाई तक पहुंचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम सबको सोचना होगा की कार्बन उत्सर्जन और पर्यावरण के प्रदूषण का कारण जलवायु परिवर्तन है। जलवायु परिवर्तन का ही कारण है कि धरती माता की धमनियों के रूप में जिन नदियों को अविरल बहना चाहिए था वह सूखती जा रही हैं। अनुमान कीजिए, अगर शरीर की रक्त धमनियां सूख गई तो शरीर की स्थिति क्या होगी। अगर धरती माता की धमनियां सूख गईं या प्रदूषित हो गई तो जिन धमनियों से रक्त का प्रवाह होना चाहिए उसकी क्या स्थिति होगी।
मर चुकी नदियों को पुनर्जीवित किया जा रहा
सीएम योगी ने कहा कि धरती माता के साथ खिलवाड़ न हो, इसको ध्यान में रखते हुए सिंगल यूज प्लास्टिक को प्रतिबंधित किया गया है। उत्तर प्रदेश में पिछले 8 वर्षों के अंदर हमारी सरकार ने 210 करोड़ वृक्षारोपण किया है। वन विभाग के द्वारा जो वृक्ष लगाए गए हैं उसमें 70 से लेकर 80 फीसदी पौधे सुरक्षित हैं। वहीं विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से जो वृक्षारोपण हुआ है उसमें भी 60 से 70 फीसदी पौधे सुरक्षित हैं। डीजल से चलने वाली बसों के स्थान पर इलेक्ट्रिक बसों को प्राथमिकता दी गई है। इसके लिए पॉलिसी बनाई और अनेक कार्यक्रम बढ़ाए गए हैं। मर चुकी नदियों को फिर से पुनर्जीवित करने का काम किया। आज जो संगम में इतना पावन स्नान एक साथ एक दिन में करोड़ों लोग कर पा रहे हैं। जितनी भीड़ कभी मौनी अमावस्या को जुटती थी उतनी भीड़ हर दिन हो रही है। नदियों को चैनेलाइज किया गया। संगम क्षेत्र का दायरा बढ़ाया गया। संगम में हर समय 10 हजार से 11 हजार क्यूसेक जल हमेशा मौजूद रहे इसको सुनिश्चित किया गया।
जलवायु परिवर्तन रोकने के लिए जनभागीदारी आवश्यक
सीएम योगी ने कहा कि सरकार अपने स्तर पर कार्य कर रही है, लेकिन हमारा भी प्रयास होना चाहिए कि हम भी इसमें कैसे भागीदार बन सकते हैं। दैनिक जीवन में प्लास्टिक का उपयोग करना क्या हम रोक पाएंगे, क्या नदियों पर कब्जा करना और प्रदूषण करने की प्रवृत्ति पर नियंत्रण कर पाएंगे, वन्य जीवों के प्रति क्या हमारे मन में भी संवेदना जागृत होगी, क्योंकि जैसे हमारा जीवन चक्र है ऐसे ही धरती माता का भी अपना एक जीवन चक्र है। हम दोनों को एक साथ जोड़ करके देखेंगे तब यह सृष्टि रहेगी। एक पेड़ मां के नाम, एक पेड़ आस्था के नाम लगाने के क्रम में हम भी सहभागी बन सकें।
इस अवसर पर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती, परमार्थ आश्रम के प्रमुख स्वामी चिदानंद सरस्वती मुनि, जगद्गुरु स्वामी मुकुंदानंद, वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ अरुण कुमार सक्सेना एवं राज्य मंत्री केपी मलिक समेत विधायक व अधिकारी उपस्थित रहे।
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