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उत्तर प्रदेश

Gorakhnath Temple Attack: मुर्तजा की खुली पोल, मेडिकल जांच में पाया गया सामान्य

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गोरखनाथ मंदिर के प्रवेश द्वार पर सुरक्षाकर्मियों पर हमला करने वाला अहमद मुर्तजा अब्बासी की जिला अस्पताल में मेडिकल जांच हुई तो वह पूरी तरह सामान्य था। डाक्टर ने नाम पूछा तो उसने बताया, ‘मेरा नाम अहमद मुर्तुजा अब्बासी है।’ चोट के सवाल पर उसने अंगुली में कटे वाले स्थान और हाथ की टूटी हड्डी की तरफ इशारा किया। पूरी जांच के दौरान मुर्तजा ने ऐसी कोई भी हरकत नहीं की, जो उसके विक्षिप्त होने की तरफ इशारा करती हो।

डाक्‍टरों ने तैयार की र‍िपोर्ट

कड़ी सुरक्षा के बीच में मुर्तुजा को जिला अस्पताल की इमजरेंसी में ले जाया गया था। मुर्तजा को सीधे डाक्टर के सामने ले जाया गया। उस समय ड्यूटी पर तैनात डा. आदित्य आनन्द ने उसका परीक्षण किया। शरीर पर लगे घाव को बारीकी से देखने के बाद डाक्टर ने रिपोर्ट तैयार की। इसके बाद सुरक्षाकर्मी मुर्तजा को लेकर चले गए।

मंगलवार रात अहमद मुर्तजा अब्बासी की मेडिकल जांच कराने के लिए पुलिस लेकर पहुंची थी। इमरजेंसी में तैनात डाक्टर ने परीक्षण कर अपनी रिपोर्ट तैयार की। इसके बाद पुलिस उसे लेकर चली गई।

उत्तर प्रदेश

विधानसभा में गरजे सीएम योगी, कहा- अपने बच्चों को इंग्लिश स्कूल में भेजेंगे और दूसरे के बच्चों को, कठमुल्ला, मौलवी बनाएंगे

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लखनऊ। यूपी विधानसभा का बजट सत्र आज से शुरू हो गया। पहले ही दिन विपक्ष ने जमकर हंगामा किया। सदन की कार्यवाही में हिंदी अवधी भोजपुरी को सदन का हिस्सा बनाकर सदस्यों को विधानसभा अध्यक्ष द्वारा समझाने के क्रम में माताप्रसाद पांडेय द्वारा अंग्रेज़ी को सदन की कार्यवाही में शामिल करने पर आपत्ति जताते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विपक्ष पर जमकर हमला बोला।

सीएम ने कहा कि समाजवादियों का यही दोहरा चरित्र है,अपने बच्चों को इंग्लिश पब्लिक स्कूल में भेजेंगे और दूसरे के बच्चों को गांव के विद्यालय में पढ़ने को कहेंगे। अपने बच्चों को अग्रेज़ी माध्यम में पढ़ाएंगे,और दूसरे को कहेंगे उर्दू पढ़ाओ, कठमुल्ला,मौलवी बनाना चाहते हैं, यह नही चलेगा। इससे पता चल जाता है कि जाकी रही भावना जैसी।

सीएम ने आगे कहा, इसीलिए आपने कल अवधी भोजपुरी बुंदेली भाषा का विरोध किया था। हमारी सरकार में विभिन्न बोलियों ब्रज, भोजपुरी, अवधी, बुंदेलखंडी को सम्मान मिल रहा है। हमारी सरकार में अलग अलग एकेडमी का गठन भी हो रहा है, यह सभी हिंदी की उपभाषा हैं, यानी हिंदी की बेटियां हैं। यह सदन विशुद्ध साहित्यिक और व्याकरण के विद्वानो का नही हैं। इस सदन में अलग अलग समाज से सदस्य यहां विभिन्न तबके से आये हैं। अंतिम पायदान के व्यक्ति की आवाज़ को सदन में मुखरता मिले, इसके लिए अगर व हिंदी में असमर्थ है तो अवधी, बुंदेलखंडी,भोजपुरी जिसमे समर्थ हो बोल सकता है।

विपक्ष पर साधा निशाना

हम अभिनन्दन करते है कि इन बोलियों को सम्मान मिले, इसके लिये हमने अकादमियों का गठन किया। आज दुनिया मे भारत के प्रवासी जो मॉरीशस फिजी में रह रहें है यही अवधी भाषाई लोग हैं। आप हर अच्छे कार्य का विरोध करते हैं, हम इसकी निंदा करते है, हमारी सरकार का मानना है कि इन बोलियों को सदन की प्रोसिडिंग में होना चाहिए।

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