उत्तराखंड
दिल दिमाग से कमजोर भाग खड़े होते हैं मुश्किल घड़ी में : हरीश रावत
देहरादून। विधायकों की खरीद फरोख्त वाले स्टिंग पर मंगलवार को एक बार फिर सीबीआई ने उत्तराखंड मुख्यमंत्री हरीश रावत को बुलाया है। सीबीआई कार्यालय जाने से पहले हरीश रावत ने कहा कि जो लोग दिल दिमाग से कमजोर होते हैं वो मुश्किल घड़ी में भाग खड़े होते हैं। मैं हर तरह से सीबीआई की मदद करुंगा। स्टिंग प्रकरण में सीबीआई जांच के दायरे में आए मुख्यमंत्री हरीश रावत से जांच एजेंसी दोबारा पूछताछ करेगी। सीएम सोमवार को पूछताछ में शामिल होने के लिए नई दिल्ली रवाना हो गए थे। इससे पहले सीबीआई सीएम से एक बार पूछताछ कर चुकी है। हालांकि इस प्रकरण में हाईकोर्ट के मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी पर रोक के फैसले से हरीश रावत को राहत मिल चुकी है।
26 मार्च को सीएम हरीश रावत के हुए स्टिंग प्रकरण की पूछताछ आगे बढ़ रही है। सीबीआई प्राथमिक जांच दर्ज करने के बाद स्टिंग करने वालों सहित कुछ अन्य से भी पूछताछ कर चुकी है। वहीं कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने कहा है कि चाहे केंद्र सरकार हो या राज्यों की सरकार, सत्ता में आने के बाद सरकार का स्वभाव बदल जाता है। लेकिन हम लोग ये नहीं समझ पाते कि केवल पांच साल के लिए ही हमारी सरकार है। सरकार आने के बाद सत्ता से जुड़े मंत्री, विधायक और सांसद संगठन की उपेक्षा करने लगते हैं। अगर हमारी सरकार में ये स्थिति नहीं होती तो लोक सभा में कांग्रेस अच्छी स्थिति में होती।
किशोर ने कहा कि मैंने सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं का सम्मान करने को कहा है ताकि फिर से उत्तराखंड में ऐसा राजनीतिक संकट पैदा न हो। उत्तराखंड मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्रियों को ये समझना होगा कि उनको कुर्सी पार्टी कार्यकर्ताओं की वजह से मिली है। किशोर उपाध्याय की इन बातों पर हरीश रावत ने कहा कि इन पर अवश्य विचार किया जाएगा।
उत्तराखंड
शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद
उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।
बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.
उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।
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