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प्रादेशिक

हरियाणा सरकार ने ओलंपिक में भाग लेने वाले खिलाड़ियों पर की पैसों की बरसात, फिनिश फोगाट को भी मिले चार करोड़

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चंडीगढ़। पेरिस ओलिंपिक में शानदार प्रदर्शन कर हरियाणा का नाम विश्व स्तर पर चमकाने वाले खिलाड़ियों को सरकार की ओर से खेल नीति के मुताबिक पुरस्कार राशि जारी की गई है। ओलिंपिक में रजत पदक विजेता को चार करोड़ एवं कांस्य पदक विजेता को ढाई करोड़ रुपए दिए गए हैं। इसके अलावा ओलिंपिक में पार्टिसिपेट करने वाले सभी खिलाड़ियों को 15-15 लाख रुपए मिले हैं। मनु भाकर को हरियाणा सरकार ने पांच करोड़, नीरज चोपड़ा को चार करोड़ और कांस्य पदक विजेताओं को ढाई-ढाई करोड़ की धनराशि दी गई है।

हरियाणा के 17 खिलाड़ी ऐसे भी थे, जिन्हें कोई पदक नहीं मिला है। हालांकि, सरकार ने इन खिलाड़ियों को भी 15 लाख रुपये की सम्मान राशि दी है। इन खिलाड़ियों ने भी पेरिस ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व किया और पदक जीतने के लिए पूरा प्रयास किया। इस वजह से इन खिलाड़ियों को भी सम्मानित किया गया है।

हरियाणा सरकार ने ओलंपिक में भाग लेने वाले राज्य के कुल 25 खिलाड़ियों के खाते में पैसे ट्रांसफर किए हैं। इनमें से सबसे ज्यादा पैसे शूटिंग में दो कांस्य पदक जीतने वाली खिलाड़ी मनु भाकर को दिए गए हैं। हरियाणा सरकार ने मनु भाकर के खाते में पांच करोड़ रुपये भेजे हैं। पेरिस ओलंपिक में भारत के लिए एकमात्र रजत पदक जीतने वाले नीरज चोपड़ा के खाते में चार करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए हैं। नीरज ने पिछले ओलंपिक में स्वर्ण जीता था। हालांकि, इस बार उन्हें रजत से संतोष करना पड़ा। अगले ओलंपिक में भी उनसे गोल्ड की उम्मीद होगी।

कुश्ती के फाइनल मुकाबले में 100 ग्राम ज्यादा वजन होने के कारण डिस्क्वालिफाई होने वाली पहलवान विनेश फोगाट को भी चार करोड़ रुपये दिए गए हैं। शूटिंग में कांस्य पदक जीतने वाले सरबजोत सिंह को 2.50 करोड़ रुपये दिए गए हैं। कांस्य पदक जीतने वाली हॉकी टीम का हिस्सा रहे खिलाड़ी अभिषेक नैन, सुमित कुमार और संजय सिंह को भी 2.50 करोड़ रुपए मिले हैं। पदक से चूकने वाले 17 प्रतिभागी खिलाड़ियों को 15-15 लाख रुपए सम्मान राशि दी गई।

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उत्तर प्रदेश

मुजफ्फरनगर में मुस्लिम आबादी के बीच मिले शिव मंदिर में हुआ पूजा-अर्चना और यज्ञ, बांटा गया प्रसाद

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मुजफ्फरनगर। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले में भी मुस्लिम आबादी के बीच एक शिव मंदिर मिला है, जिसे सोमवार को पूजा-अर्चना और यज्ञ करके जागृत किया गया। करीब 32 साल बाद यहां भगवान शिव के मंत्र ओम नम: शिवाय की गूंज सुनाई दी। हिंदू संगठनों के पदाधिकारी पहुंचे और प्रसाद बांटा। योग साधना यशवीर आश्रम बघरा के पीठाधीश्वर स्वामी यशवीर महाराज ने बताया कि सोमवार को मंदिर को जागृत करने के लिए सुबह 10 बजे शुद्धिकरण यज्ञ किया गया। यज्ञ में हिंदू संगठन के पदाधिकारी, समाज के बुद्विजीवी और श्रद्धालु शामिल हुए।

महंत स्वामी यशवीर ने दावा किया कि यह शिव मंदिर उनका है। उन्होंने कहा कि मुजफ्फरनगर जिले में इस स्थान पर पहले हिन्दू रहते थे। वे पलायन कर गए। फिर यहां 35 वर्षों से पूजा बंद हो गई थी। इस मंदिर को हवन के माध्यम से जागृत किया गया है। अब पूजा शुरू रहेगी।

उन्होंने कहा, “यहां के मुस्लिम समाज के लोग हमारे भाई-बहन हैं। उनके पूर्वज हिंदू ही थे। शिव मंदिर इनके पूर्वजों का था। इसी कारण यह पुष्प वर्षा की गई है। जब इनको कोई जिहादी आकर भड़काते हैं तो ये लोग हिंदुओं पर चाकू-छुरा और गोली बरसा देते हैं।” उन्होंने मुस्लिमों को घर वापसी की सलाह दी। उन्होंने कहा कि अतिक्रमण हटाने के बाद दो दिन में मूर्तियों की प्राण प्रतिष्ठा होगी।

एक स्थानीय निवासी ने बताया कि मुजफ्फरनगर के लद्दावाला मोहल्ले में 1970 का प्राचीन महादेव का मंदिर है। यहां पर विभिन्न संगठनों के माध्यम से हवन पूजन हो रही है। प्रशासन का बहुत सहयोग रहा है। मुस्लिमों ने बहुत अच्छी पुष्प वर्षा से स्वागत किया है। यहां पर जो अतिक्रमण है वह हटेगा। उसे फिर सजाया जाएगा।

 

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