लाइफ स्टाइल
छह वर्ष से अगर व्यायाम नहीं किया है तो दिल के दौरे का खतरा तय
आपके लिए एक बुरी सूचना। यह सूचना उन लोगों के लिए है, जिनकी उम्र ४० साल के पास हो गई है। और उनको इतना भी वक़्त नहीं मिलता कि वो सभी व्यायाम कर सकें। ऐसा करते हुए अगर छह वर्ष बीत गए है तो समझ लीजिए कि आप को भी दिल का दौरा पड़ने के चांस बढ़ जाते हैं।
यदि आप बहुत व्यस्त हैं या व्यायाम करने में आलस्य करते हैं तो ऐसे महिलाओं व पुरुषों को ध्यान देने की जरूरत है कि अधेड़ उम्र के दौरान बिना शारीरिक व्यायाम के छह साल तक रहने से दिल के दौरे का जोखिम बढ़ सकता है। इस शोध का प्रकाशन पत्रिका ‘सर्कुलेशन’ में किया गया है। इसमें हर हफ्ते नियमित तौर पर मध्यम व फुर्ती के साथ 150 मिनट की गतिविधयों को करने का सुझाव दिया गया है।
इन गतिविधियों में साइकिल चलाना या तेजी से चलना शामिल हैं, जिससे मध्य आयु काल में दिल के दौरे का जोखिम 31 फीसदी तक कम हो सकता है।
शारीरिक रूप से कम सक्रिय रहने वाले लोगों की तुलना में ज्यादा सक्रिय लोगों में दिल के दौरे का खतरा कम होता है। लेकिन, दिल के दौरे पर समय के साथ व्यायाम स्तर के बदलावों के प्रभावों की बहुत कम जानकारी है।
अमेरिका के मैरीलैंड विश्वविद्यालय के जॉन होपकिंग्स के सहायक प्रोफेसर चिआदी नदुमेले ने कहा, “मध्य आयुकाल के दौरान व्यायाम नहीं करने की तुलना में सुझाए गए शारीरिक व्यायाम को करने से दिल के दौरे का खतरा 23 फीसदी तक कम हो सकता है।” इनपुट आईएएनएस
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पपीता के सेवन से मिलता है लाभ, जानें किन -किन समस्याओं में है लाभकारी
नई दिल्ली। पपीता एक ऐसा फल है जो साल के बारह महीने बिकता है। इस फल का सेवन सेहत के लिए लाभकारी माना जाता है। खासतौर पर पेट के लिए पपीता का सेवन अमृत सामान है। पपीता पोषक तत्वों का भंडार है, जिसमें ज़रूरी मिनिरल्स, विटामिनों और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। पपीते की एक सर्विंग (लगभग 1 कप, क्यूब्स में कटा हुआ) आपको कई समस्याओं से बचा सकती है। सुबह के समय खाली पेट सेवन करने से सेहत को कई फायदे मिलेंगे।
पपीता में विटामिन सी काफी मात्रा में पाया जाता है यह शक्तिशाली एंटीऑक्सीडेंट रोग प्रतिरोधक क्षमता और त्वचा के स्वास्थ्य को बेहतर करता है। पपीता बीटा-कैरोटीन से भरपूर होता है, जो आंखों के स्वास्थ्य के लिए आवश्यक है। पपीते में प्रचुर मात्रा में पोटैशियम पाया जाता है जो रक्तचाप, मांसपेशियों के कार्य और तंत्रिका संचरण को बनाए रखने में मदद करता है। पपीते में फाइबर भी भरपूर मात्रा में पाया जाता है जो वजन को कम करता है और पाचन स्वास्थ्य को बेहतर बनाता है। इसके अलावा, पपीता विभिन्न अन्य विटामिनों और आवश्यक खनिजों का स्रोत है, जिनमें विटामिन ई, विटामिन के, कैल्शियम और मैग्नीशियम शामिल हैं।
इन समस्याओं में भी है लाभकारी:
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढाए: पपीते में विटामिन सी की उच्च मात्रा होती है। यह विटामिन प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने में मदद करता है, जिससे शरीर की संक्रमण और बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ती है।
सूजन करे कम: पपीते में लाइकोपीन और बीटा-कैरोटीन जैसे अनोखे एंटीऑक्सीडेंट होते हैं, जिनमें शक्तिशाली सूजनरोधी गुण होते हैं। यह गुण पुरानी सूजन संबंधी स्थितियों से जुड़े लक्षणों को कम करने में मददगार है।
दिल की सेहत करे बेहतर: फाइबर, पोटेशियम और एंटीऑक्सीडेंट का पपीता संयोजन कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने, रक्तचाप के स्तर को बनाए रखने और हृदय रोग के जोखिम को कम करने में मदद कर सकता है।
त्वचा के लिए भी है फायदेमंद: पपीते में मौजूद विटामिन सी और ए कोलेजन कोलेजन बढ़ाते हैं जिससे स्किन का टेक्स्चर बेहतर होता है और महीन रेखाओं और झुर्रियों से भी छुटकारा मिलता है।
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