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प्रादेशिक

जयंत चौधरी बने आरएलडी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, कार्यकारिणी की बैठक में लगी मुहर

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नई दिल्ली राष्ट्रीय लोकदल की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की वर्चुअल मीटिंग नई दिल्ली में मंगलवार को आयोजित की गई। मीटिंग में पार्टी अध्यक्ष चैधरी अजित सिंह जी के कोरोना से हुए आकस्मिक निधन पर गहरा दुःख व्यक्त किया गया। उपस्थित पदाधिकारियों ने अपने नेता को भावभीनी श्रद्धांजलि दी और दिवंगत आत्मा की शांति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।

मीटिंग में जयन्त चैधरी ने देश में फैली कोरोना महामारी को लेकर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि केन्द्र और राज्य सरकारें इस महामारी को रोक पाने में नाकामयाब साबित हो रही हैं। संक्रमण को रोकने के लिए टीकाकरण अभियान को गति देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में टीके को कम समय में पहुंचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग से जुड़े कर्मचारियों, जैसे- आशा वर्कर एवं आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को भी जोड़ा जाये, जिससे घर-घर तक टीकाकरण अभियान चलाया जा सके।

कोविन ऐप के माध्यम से टीकाकरण के रजिस्ट्रेशन हेतु तकनीकी जानकारी के अभाव में आम जनता को परेशानी हो रही है। इस उद्देश्य के लिए कोई ऐसा तरीका अपनाया जाये जो आम आदमी के लिए सहज और सुलभ हो, क्योंकि हर व्यक्ति के पास कोविन ऐप डाउनलोड करने के लिए स्मार्ट फोन उपलब्ध नहीं है।

मीटिंग में चैधरी अजित सिंह के निधन से रिक्त हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष पद हेतु पार्टी महासचिव श्री त्रिलोक त्यागी ने उपाध्यक्ष श्री जयन्त चैधरी जी का नाम प्रस्तावित किया। पूर्व सांसद एवं राष्ट्रीय महासचिव श्री मुंशीराम पाल ने प्रस्ताव का अनुमोदन किया, जिसका राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से समर्थन किया।

अध्यक्ष चुने जाने पर जयन्त चैधरी ने सभी सदस्यों का आभार व्यक्त किया। उन्होंने किसान मसीहा श्रद्धेय चैधरी चरण सिंह जी एवं चैधरी अजित सिंह जी के बताये रास्ते पर चलते हुए गांव-किसान के हितों के लिए सदैव संघर्ष करने का संकल्प लिया।

जयन्त चैधरी जी ने अपील की कि कई अनुभवी सामाजिक कार्यकर्ताओं ने चैधरी चरण सिंह जी एवं चैधरी अजित सिंह जी के साथ काम किया है। इस समय संकट की घड़ी में वे पार्टी से जुड़कर संगठन को मजबूत बनायें।

मीटिंग में हाल ही में सम्पन्न उत्तर प्रदेश के पंचायत चुनावों के साथ ही पार्टी संगठन पर भी चर्चा हुई। पंचायत चुनाव में पार्टी समर्थित प्रत्याशियों की जीत पर संतोष व्यक्त किया गया। महाराष्ट्र, गोवा एवं गुजरात में में तूफानी चक्रवात से हुई क्षति पर गहरा दुःख व्यक्त किया गया।

जयन्त चैधरी ने पिछले छह माह से चल रहे संयुक्त किसान आन्दोलन का समर्थन किया और पार्टी कार्यकर्ताओं से 26 मई को भारी संख्या में धरने में भाग लेने को कहा। उन्होंने सरकार से मांग की कि वह किसानों से वार्ता कर समस्या का शीघ्र समाधन निकाले।

नवनिर्वाचित अध्यक्ष जयन्त चैधरी ने पार्टी कार्यकर्ताओं का आह्वान किया कि वे आगामी वर्ष 2022 में होने वाले उत्तर प्रदेश विधान सभा चुनावों की तैयारी में तन-मन से जुट जाएं।

मीटिंग के अन्त में जयन्त चैधरी ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सभी सदस्यों का धन्यवाद किया। उपरोक्त जानकारी देते हुए राष्ट्रीय प्रवक्ता अनुपम मिश्रा ने कहा कि हम सभी चौधरी चरण सिंह एवं चौधरी अजित सिंह के बताए मार्ग पर चलते हुए उनके अधूरे सपनों को पूर्ण करने हेतु जयंत चौधरी के नेतृत्व में राष्ट्रीय लोक दल एवं उसकी नीतियों को गाँव -गाँव और गली -गली तक ले जाएँगे।

उत्तर प्रदेश

श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में टली सुनवाई

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नई दिल्ली। मथुरा के श्रीकृष्ण जन्मभूमि विवाद को लेकर दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है। अगली सुनवाई एक अप्रैल से शुरू होगी। अगली सुनवाई तक कृष्णजन्मभूमि सर्वे मामले पर रोक जारी रहेगी। बता दें कि मुस्लिम पक्ष की कई याचिकाएं SC में दाखिल हुई हैं। इसमें विवादित जगह पर सर्वे की इजाज़त देने, निचली अदालत में लंबित सभी मुकदमों को हाई कोर्ट के अपने पास सुनवाई के लिए ट्रांसफर करने को चुनौती देने वाली याचिकाएं भी शामिल हैं।

सुप्रीम कोर्ट ने और क्या कहा?

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट के उस आदेश पर अपनी रोक बढ़ा दी, जिसमें मथुरा में शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी गई थी। यह परिसर कृष्ण जन्मभूमि मंदिर के निकट स्थित है, जो हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक महत्व का स्थल है। मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति संजय कुमार और न्यायमूर्ति केवी विश्वनाथन की पीठ ने कहा कि वह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण के खिलाफ ‘ट्रस्ट शाही मस्जिद ईदगाह प्रबंधन समिति’ की याचिका पर सुनवाई अप्रैल से शुरू होने वाले सप्ताह के लिए टालते हैं।

पीठ ने कहा कि इस बीच, शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण पर रोक लगाने वाला इलाहाबाद हाई कोर्ट का अंतरिम आदेश जारी रहेगा। शीर्ष अदालत ने पिछले साल 16 जनवरी को सबसे पहले हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के क्रियान्वयन पर रोक लगा दी थी। हाई कोर्ट ने शाही ईदगाह मस्जिद परिसर के अदालत की निगरानी में सर्वेक्षण की अनुमति दी थी और इसकी देखरेख के लिए एक अदालत आयुक्त की नियुक्ति पर सहमति व्यक्त की थी।

हिंदू पक्ष का दावा है कि परिसर में ऐसे संकेत हैं जो बताते हैं कि इस स्थान पर कभी मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्षों की ओर से पेश वकील विष्णु शंकर जैन ने कहा था कि मस्जिद समिति की अपील हाई कोर्ट के 14 दिसंबर, 2023 के आदेश के खिलाफ दायर की गई थी और मामले से जुड़े आदेश निष्फल हो गए हैं।

 

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