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उत्तर प्रदेश

दबदबे के साथ रहता है करौली बाबा, है लंबा आपराधिक इतिहास; लग चुका है NSA

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Karauli Baba kanpur lives with dominance

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कानपुर। नोएडा से आए डॉ. सिद्धार्थ चौधरी से मारपीट के मामले में आरोपी कानपुर के करौली बाबा डॉ. संतोष सिंह भदौरिया के रहन सहन का भौकाल किसी देश के राष्ट्रपति से कम नहीं है। बाबा जिस रास्ते से निकलते हैं वहां पहले हथियार बंद गार्ड रास्ता खाली कराते हैं, फिर बाबा निकलते हैं।

20 हथियारों से लैस गैंग के साथ चलता है बाबा

बाबा के पास तीन रेंज रोवर गाड़ियां हैं। हथियारबंद 20 गार्ड वाकी टॉकी के साथ चलते हैं। जो रास्ता साफ कराने के लिए लाल झंडी का प्रयोग करते हैं। बाबा का आश्रम करीब 14 एकड़ में फैला है। हर जगह सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, निगरानी के लिए कंट्रोल रूम बना है।

बाबा ने आश्रम की यह जमीन पीके शुक्ला नाम के शख्स से ली थी, जिसने बाद में क्रिश्चियन धर्म धारण कर लिया था। ये जमीन बाबा को भूदान पट्टा के तहत स्कूल बनाने के लिए मिली थी, लेकिन बाबा ने आश्रम खोल लिया।

आश्रम चारों तरफ से आठ फीट ऊंची दीवारों से घिरा है। यहां हर दिन 3500 से 5000 तक लोग आते हैं। अमावस्या वाले दिन यह तादाद 20 हजार तक पहुंच जाती है। यू ट्यूब पर फॉलोवर बढ़ने के साथ 17 देशों में बाबा ने अपने भक्त बना लिए हैं।

संतोष भदौरिया ने करोड़ों के चंदे और आश्रम का मैनेजमेंट अपने दोनों बेटों लव और कुश के हाथों में सौंप रखा है। वर्तमान में दोनों कानपुर में नहीं हैं। बाबा का खुद का सुरक्षा दस्ता है।

कानपुर में मारपीट के आरोपी करौली बाबा डॉ. संतोष भदौरिया ने महज तीन साल में ही करोड़ों का साम्राज्य खड़ा कर लिया। बिधनू में बने 14 एकड़ के आश्रम में बाबा ऐशोआराम से रहता है। करोड़ों की इस संपत्ति पर अब ईडी की नजर भी है। वहीं इस मामले में पुलिस की ओर से एसआईटी गठित की जा रही है।

रहा है लंबा आपराधिक इतिहास

संतोष सिंह भदौरिया का लंबा आपराधिक इतिहास रहा है। वर्ष 1992- 95 के बीच हत्या, 7 CLA (क्रिमिनल लॉ अमेडमेंट) समेत कई आपराधिक मामले उसपर दर्ज हुए थे। इसके बाद पुलिस से बचने के लिए वह किसानों का नेता बनकर जमीनों पर अवैध कब्जे करने लगा।

उस पर कानपुर कोतवाली थाना क्षेत्र में एक चर्च की जमीन का एग्रिमेंट कराकर रुपये तक हड़पने का आरोप भी है। फिर बिधनू में भूदान पट्टा पर सरकारी दस्तावेजों में हेरफेर कर कब्जा कर आश्रम खोल लिया। यू ट्यूब पर मंत्र से समस्याएं हल करने के वीडियो अपलोड करने लगा। उसके करौली बाबा नाम से बने यू ट्यूटब चैनल में 93 हजार सब्सक्राइबर हैं।

1994 में हुई थी NSA की कार्रवाई

संतोष भदौरिया के खिलाफ तत्कालीन जिलाधिकारी दिनेश सिंह के आदेश पर 14 अगस्त 1994 को एनएसए (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत कार्रवाई हुई थी। जिसकी संख्या 14/जे/ए एनएसए 1994 है। संतोष ने एनएसए हटाने के लिए गृह सचिव को पत्र भेजा था। पत्र में संतोष ने बताया था कि वह वर्ष 1989 से किसान यूनियन में कार्यकर्ता था। वह भरतीय किसान यूनियन में जिलाध्यक्ष भी था।

1992 में हुई हत्या में आया था नाम

चार अगस्त 1992 में कानपुर के फजलगंज थाना क्षेत्र में शास्त्रीनगर निवासी अयोध्या प्रसाद की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। मामले में राज कुमार ने संतोष भदौरिया व अन्य के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। उस दौरान उसका नाम प्रकाश में आया था। जिसका अपराध संख्या 218 है। मामले में पुलिस ने उसे जेल भेज दिया था।

27 मार्च 1993 को संतोष भदौरिया को जमानत पर रिहा कर दिया गया था। वहीं वर्ष 7 अगस्त 1994 को तत्कालीन कोतवाली प्रभारी वेद पाल सिंह ने संतोष भदौरिया व उनके साथियों के खिलाफ गाली गलौज, मारपीट, क्रिमिनल एक्ट की धारा में एफआईआर दर्ज की थी।

इसके बाद 12 अगस्त 1994 को महाराजपुर थाने में तैनात तत्कालीन कांस्टेबल सत्य नारायण व संतोष कुमार सिंह ने चकेरी थाने में सरकारी कार्य में बाधा डालना, मारपीट करने समेत अन्य धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई थी। इसके अलावा बर्रा में भी उसके खिलाफ वर्ष 1995 में एफआईआर दर्ज हुई थी। जिसका अपराध संख्या 443 है।

आश्रम में घुसते ही शुरू होता है वसूली का खेल

बिधनू के करौली आश्रम में दो मंदिर हैं। एक करौली सरकार यानी राधा रमण मिश्र का और दूसरा मां कामाख्या का। यहां आने के बाद से ही वसूली का खेल शुरू हो जाता है। आश्रम में आने वाले लोगों को सबसे पहले 100 रुपये में रजिस्ट्रेशन कराना होता है। इसके बाद 100 रुपये बंधन का चार्ज लगता है।

बंधन यानी कमर पर सफेद धागा बांध दिया जाता है। इसे हर तीन महीने में रिन्यू भी कराना होता है। इसके बाद 100-100 रुपये की दो अर्जियां दोनों दरबार के लिए लगती हैं। साथ ही उन्हें 8वें और 9वें दिन के हवन में शामिल होना होता है। इसके लिए करीब 6200 रुपये लगते हैं। यानी यहां आने वाले हर शख्स को कम से कम 6600 रुपये तो खर्च करने ही होंगे।

1.51 लाख में दुख दूर करने का दावा

अगर कोई यहां हवन करना चाहता है तो आश्रम की तरफ से 3500 रुपये की एक हवन किट दी जाती है। लोगों को कम से कम 9 हवन करने ही होंगे। जिसका खर्च 31,500 रुपये आएगा। अगर आप 9 दिनों तक आश्रम में रुकते हैं और खाना-पीना करते हैं तो उसका खर्च अलग से। जो लोग 9 दिन हवन नहीं कर सकते या जिन्हें जल्दी इलाज चाहिए उनके लिए एक दिन का खर्च 1.51 लाख रुपये है।

बाबा का बयान

करौली शंकर महादेव लवकुश आश्रम की ओर से पत्र जारी कर बाबा ने कहा है कि उनके खिलाफ दर्ज कराई गई रिपोर्ट सनातन धर्म को बदनाम करने का उद्देश्य है। एफआईआर बगैर जांच किसी के दबाव में लिखी गई है। मेरे किसी भी व्यक्ति की ओर से मारपीट नहीं की गई है। आश्रम के 22 वर्ष के इतिहास में कभी ऐसा नहीं हुआ है।

उत्तर प्रदेश

सीएम योगी ने कुम्भ की आस्था और जलवायु परिवर्तन से संबंधित जलवायु सम्मेलन का किया शुभारंभ

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को प्रयागराज महाकुम्भ में कुम्भ की आस्था और जलवायु परिवर्तन विषयक जलवायु सम्मेलन का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मनुष्य ही केवल इस सृष्टि का एकमात्र जीव नहीं है। जीव जंतुओं का जीवन चक्र मनुष्य के साथ और मनुष्य का जीवन चक्र उनके साथ जुड़ा हुआ है। उनका अस्तित्व रहेगा तो हमारा भी अस्तित्व रहेगा और यदि उन पर संकट आएगा तो हमारे अस्तित्व पर भी संकट आएगा। उन्होंने कहा कि हम प्रलय की प्रतीक्षा ना करें, बल्कि अभी से धरती को हरा भरा बनाएं। कुम्भ का भी यही संदेश है। हम सबको आस्था के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन के कारकों पर भी विचार करते हुए उसके निवारण का उपाय करना होगा। उन्होंने कहा कि जीव सृष्टि और जंतु सृष्टि के संरक्षण के साथ ही मानव सृष्टि की सुरक्षा और संरक्षण हो पाएगा। इस दौरान सीएम योगी ने दिल्ली में हुई घटना पर अफसोस जताते हुए सभी पुण्य आत्माओं के प्रति अपनी विनम्र श्रद्धांजलि भी अर्पित की।

श्रद्धालु पार्किंग में खड़े करें वाहन

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के परिप्रेक्ष्य में जब जलवायु परिवर्तन की बात करते हैं तो एक-दूसरे पर दोषारोपण होने लगता है। यही स्थिति महाकुम्भ में भी देखने को मिल रही है. एरियल सर्वे में देख रहा था कि पार्किंग की जगह खाली है, लेकिन हर व्यक्ति सड़क पर अपनी गाड़ी खड़ी करके संगम स्नान को जा रहा है। अगर वही व्यक्ति पार्किंग के स्थान पर अपना वाहन पार्क करे तो हो सकता है कि उसे 100 मीटर ज्यादा पैदल चलना पड़े, लेकिन सड़क पर कहीं जाम नहीं होगा और आसानी से वह संगम में स्नान कर सकेगा। उन्होंने कहा कि इस जलवायु परिवर्तन से बचने के लिए हम सब कहां भागीदार हैं, इसके बारे में चिंतन करना और उसे अपने व्यवहारिक जीवन में उतारना, यह सचमुच महाकुम्भ का हिस्सा बनना चाहिए। इसे हर किसी को अपने जीवन में उतारना चाहिए।

जलवायु परिवर्तन के कारण सूख रहीं नदियां

सीएम योगी ने कहा कि 13 जनवरी से लेकर 16 फरवरी के बीच 52 करोड़ श्रद्धालु मां गंगा, यमुना और मां सरस्वती की इस पावन त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। 52 करोड़ लोग तब यहां डुबकी लगा पा रहे हैं, जब मां गंगा, यमुना और मां सरस्वती की कृपा से यहां अविरल जल उन्हें मिल पा रहा है। जो भी यहां डुबकी लगा रहा है उसे आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव मिल रहा है। इस अनुभव को जब वह अपने गांव में और आसपास के क्षेत्र में साझा कर रहा है, तभी वहां से बड़े पैमाने पर श्रद्धालु यहां आकर इस पूरे आयोजन को सफलता की नई ऊंचाई तक पहुंचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम सबको सोचना होगा की कार्बन उत्सर्जन और पर्यावरण के प्रदूषण का कारण जलवायु परिवर्तन है। जलवायु परिवर्तन का ही कारण है कि धरती माता की धमनियों के रूप में जिन नदियों को अविरल बहना चाहिए था वह सूखती जा रही हैं। अनुमान कीजिए, अगर शरीर की रक्त धमनियां सूख गई तो शरीर की स्थिति क्या होगी। अगर धरती माता की धमनियां सूख गईं या प्रदूषित हो गई तो जिन धमनियों से रक्त का प्रवाह होना चाहिए उसकी क्या स्थिति होगी।

मर चुकी नदियों को पुनर्जीवित किया जा रहा

सीएम योगी ने कहा कि धरती माता के साथ खिलवाड़ न हो, इसको ध्यान में रखते हुए सिंगल यूज प्लास्टिक को प्रतिबंधित किया गया है। उत्तर प्रदेश में पिछले 8 वर्षों के अंदर हमारी सरकार ने 210 करोड़ वृक्षारोपण किया है। वन विभाग के द्वारा जो वृक्ष लगाए गए हैं उसमें 70 से लेकर 80 फीसदी पौधे सुरक्षित हैं। वहीं विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से जो वृक्षारोपण हुआ है उसमें भी 60 से 70 फीसदी पौधे सुरक्षित हैं। डीजल से चलने वाली बसों के स्थान पर इलेक्ट्रिक बसों को प्राथमिकता दी गई है। इसके लिए पॉलिसी बनाई और अनेक कार्यक्रम बढ़ाए गए हैं। मर चुकी नदियों को फिर से पुनर्जीवित करने का काम किया। आज जो संगम में इतना पावन स्नान एक साथ एक दिन में करोड़ों लोग कर पा रहे हैं। जितनी भीड़ कभी मौनी अमावस्या को जुटती थी उतनी भीड़ हर दिन हो रही है। नदियों को चैनेलाइज किया गया। संगम क्षेत्र का दायरा बढ़ाया गया। संगम में हर समय 10 हजार से 11 हजार क्यूसेक जल हमेशा मौजूद रहे इसको सुनिश्चित किया गया।

जलवायु परिवर्तन रोकने के लिए जनभागीदारी आवश्यक

सीएम योगी ने कहा कि सरकार अपने स्तर पर कार्य कर रही है, लेकिन हमारा भी प्रयास होना चाहिए कि हम भी इसमें कैसे भागीदार बन सकते हैं। दैनिक जीवन में प्लास्टिक का उपयोग करना क्या हम रोक पाएंगे, क्या नदियों पर कब्जा करना और प्रदूषण करने की प्रवृत्ति पर नियंत्रण कर पाएंगे, वन्य जीवों के प्रति क्या हमारे मन में भी संवेदना जागृत होगी, क्योंकि जैसे हमारा जीवन चक्र है ऐसे ही धरती माता का भी अपना एक जीवन चक्र है। हम दोनों को एक साथ जोड़ करके देखेंगे तब यह सृष्टि रहेगी। एक पेड़ मां के नाम, एक पेड़ आस्था के नाम लगाने के क्रम में हम भी सहभागी बन सकें।

इस अवसर पर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती, परमार्थ आश्रम के प्रमुख स्वामी चिदानंद सरस्वती मुनि, जगद्गुरु स्वामी मुकुंदानंद, वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ अरुण कुमार सक्सेना एवं राज्य मंत्री केपी मलिक समेत विधायक व अधिकारी उपस्थित रहे।

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