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बुखार, सिरदर्द और मतली है तो यह जानलेवा बीमारी निपाह वायरस हो सकता है, अगर जान बचानी है तो ये उपाय करें

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केरल में निपाह वायरस (एनआईवी) से तीन लोगों की मौत की पुष्टि होने के बाद लोगों के बीच डर का माहौल बन गया है। अभी आठ अन्य मरीजों की रिपोर्ट आनी बाकी है। निपाह वायरस संक्रमण से बचाने के लिए इन उपाए को करें

राज्य की स्वास्थ्य मंत्री के.के. शैलजा ने कहा कि हालात काबू में हैं और डरने की कोई बात नहीं है। इस वक्त आठ मरीजों का इलाज चल रहा है। उनके नमूने पुणे भेज दिए गए हैं।”

निपाह वायरस चमकादड़ों से फैलता है। इससे जानवर और इंसान दोनों प्रभावित होते हैं। संक्रमित चमकादड़ों, सुअरों और एनआईवी से ग्रस्त लोगों के साथ सीधे तौर पर संपर्क में आने से एनआईवी फैल रहा है।

निपाह वायरस संक्रमण से बचाने के लिए इन उपाए को करें

हार्ट केयर फाउंडेशन (एचसीएफआई) के अध्यक्ष डॉ. के. के. अग्रवाल ने निपाह वायरस के प्रकोप के बारे में कहा, “इस बीमारी के फैलने के साथ ही हमें एक और लड़ाई के लिए तैयार रहना है। यह एक प्रकार के चमगादड़ से फैलती है। संक्रमित जीवों के साथ सीधे संपर्क से बचने के अलावा, जमीन पर गिरे फलों का उपभोग करने से बचना जरूरी है। यह स्थिति इसलिए भी मुश्किल हो जाती है, क्योंकि इस बीमारी के लिए अभी कोई टीका या दवा बाजार में उपलब्ध नहीं है।”

उन्होंने कहा, “इसके इलाज का एकमात्र तरीका कुछ सहायक दवाइयां और पैलिएटिव केयर है। वायरस की इनक्यूबेशन अवधि 5 से 14 दिनों तक होती है, जिसके बाद इसके लक्षण दिखाई देने लगते हैं। सामान्य लक्षणों में बुखार, सिरदर्द, बेहोशी और मतली शामिल होती है। कुछ मामलों में, व्यक्ति को गले में कुछ फंसने का अनुभव, पेट दर्द, उल्टी, थकान और निगाह का धुंधलापन महसूस हो सकता है।”

डॉ. अग्रवाल ने बताया, “लक्षण शुरू होने के दो दिन बाद पीड़ित के कोमा में जाने की संभावना बढ़ जाती है। वहीं इंसेफेलाइटिस के संक्रमण की भी संभावना रहती है, जो मस्तिष्क को प्रभावित करता है।”

वायरस से बचाव के लक्षणों पर उन्होंने कहा, “सुनिश्चित करें कि आप जो खाना खा रहे हैं वह किसी चमगादड़ या उसके मल से दूषित नहीं हुआ हो। चमगादड़ के कुतरे हुए फल न खाए। पाम के पेड़ के पास खुले कंटेनर में बनी टोडी शराब पीने से बचें। बीमारी से पीड़ित किसी भी व्यक्ति से संपर्क न करें। यदि मिलना ही पड़े तो बाद में साबुन से अपने हाथों को अच्छी तरह से धो लें।”

डॉ. अग्रवाल ने कहा, “आमतौर पर शौचालय में इस्तेमाल होने वाली चीजें, जैसे बाल्टी और मग को खास तौर पर साफ रखें। निपाह बुखार से मरने वाले किसी भी व्यक्ति के मृत शरीर को ले जाते समय चेहरे को ढंकना महत्वपूर्ण है। मृत व्यक्ति को गले लगाने से बचें और उसके अंतिम संस्कार से पहले शरीर को स्नान करते समय सावधानी बरतें।”

उन्होंने कहा कि जब इंसानों में इसका संक्रमण होता है, तो इसमें एसिम्प्टोमैटिक इन्फेक्शन से लेकर तीव्र रेस्पिरेटरी सिंड्रोम और घातक एन्सेफलाइटिस तक का क्लिनिकल प्रजेंटेशन सामने आता है।

एनआईवी की पहचान पहली बार 1998 में मलेशिया के कैम्पंग सुंगई निपाह में एक बीमारी फैलने के दौरान हुई थी।

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे.पी. नड्डा

निपाह वायरस की जांच के लिए केंद्रीय टीम को केरल भेजा

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री जे.पी. नड्डा ने जेनेवा से एक बयान जारी कर कहा, “हम स्थिति पर नजर बनाए हुए हैं। मैंने राज्य सरकार की सहायता और जरूरी कदम उठाने के लिए एक टीम को वहां भेजा है।”

केरल के कोझिकोड में निपाह वायरस के बढ़ते मामले और इससे हुई मौत को देखते हुए मंत्री ने सभी तरह की सहायता का आश्वासन दिया और नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल की बहु-विषयक टीम को तत्काल जिले का दौरा करने के निर्देश दिए।

नड्डा ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय पर्यटन राज्य मंत्री अल्फोंस कन्नाथानम और केरल के स्वास्थ्य मंत्री के. शैलेजा से भी बात की है। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव प्रीति सुदन ने भी केरल के मुख्य स्वास्थ्य सचिव से बातचीत की और स्थिति की समीक्षा की है।

नड्डा ने रविवार को ट्वीट में कहा था, “केरल में निपाह वायरस की वजह से हुई मौतों की स्वास्थ्य सचिव के साथ समीक्षा की। मैंने एनसीडीसी के निदेशक को जिले का दौरा करने और राज्य सरकार के साथ मिलकर जरूरी कदम उठाने का निर्देश दिया है।” (इनपुट आईएएनएस)

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गैस चेंबर बनी दिल्ली, AQI 500 तक पहुंचा

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नई दिल्ली। दिल्ली-एनसीआर में इन दिनों सांस लेना भी मुश्किल हो गया है। दरअसल दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण का स्तर बदतर स्थिति में है। अगर श्रेणी के आधार पर बात करें तो दिल्ली में प्रदूषण गंभीर स्थिति में बना हुआ है। कल जहां एक्यूआई 470 था तो वहीं आज एक्यूआई 494 पहुंच चुका है। दिल्ली के अलग-अलग इलाकों में एक्यूआई के आंकड़ें आ चुके हैं। अलीपुर में 500, आनंद विहार में 500, बवाना में 500 के स्तर पर एक्यूआई बना हुआ है।

कहां-कितना है एक्यूआई

अगर वायु गुणवत्ता की बात करें तो अलीपुर में 500, बवाना में 500, आनंद विहार में 500, डीटीयू में 496, द्वारका सेक्टर 8 में 496, दिलशाद गार्डन में 500, आईटीओ में 386, जहांगीरपुरी में 500, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 500, लोधी रोड में 493, मेजर ध्यानचंद नेशनल स्टेडियम 499, मंदिर मार्ग में 500, मुंडका में 500 और नजफगढ़ में 491 एक्यूआई पहुंच चुका है। दिल्ली की वायु गुणवत्ता गंभीर श्रेणी में बनी हुई है। ऐसे में दिल्ली में ग्रेप 4 को लागू कर दिया गया है। इस कारण दिल्ली के अलावा नोएडा, गाजियाबाद, हापुड़, मेरठ में स्कूलों को बंद कर दिया गया है और ऑनलाइन माध्यम से अब क्लासेस चलाए जाएंगे।

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