Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

इस आलू की कीमत है 7 करोड़ रुपए, वजह जानकर रह जाएंगे दंग!

Published

on

Loading

आप मार्केट से आलू कितने में खरीदते होंगे। 20 रुपये किलो या उससे भी महंगा 50 रुपये किलो। चलिए हम अधिकतम सौ रुपये किलो मान लेते हैं। इतना महंगा आलू खरीदने के बाद आप निश्चित ही सदमें में हो जाएंगे। लेकिन आपको बता दें कि एक शख्स ने 7 करोड़ में एक सिंगल आलू खरीदा है। जिसके बाद सोशल मीडिया पर सिर्फ उसी के चर्चे चल रहे हैं।

साभार – इंटरनेट

आपको बता दें कि आलू को खरीदने वाला एक यूरोपीय बिजनेसमैन है। इस व्यक्ति ने जिस आलू को खरीदा है वह आलू तो है लेकिन वह आलू एक पेंटिंग में है। इस बात का मतलब है की यूरोपीय बिजनेसमैन ने एक आलू की तस्वीर बनी पेंटिंग को खरीदा है। वह भी 7 करोड़ रुपये में। सबसे अजीब बात यही है कि आलू की तस्वीर की पेंटिंग को 7 करोड़ रुपये में कैसे कोई खरीद सकता है। आइये अब आपको बताते हैं की यह आलू की तस्वीर इतनी कीमती क्यों है।

लेन्समैन केविन ने बनाई थी यह पेंटिंग – इस तस्वीर को 2010 में प्रसिद्ध आयरिश फोटोग्राफर लेन्समैन केविन अबॉश ने खींचा था। इसके बाद में केविन अबॉश में इस तस्वीर को पोरट्रेट पेंटिंग में बनाया। आपको बता दें की केविन की बनाई पेंटिंग 1.5 लाख डॉलर की कीमत में बिकती हैं। केविन को ‘ब्लैक ड्रॉप’ पोट्रेट फोटोग्राफी के लिए बहुत अच्छा माना जाता है।

साभार – इंटरनेट

केविन को आलू बहुत पसंद हैं। आलू की यह पेंटिंग बनाने के लिए उन्होंने बहुत सी तस्वीरें ली थीं। जिनमें उनको यह ख़ास तस्वीर बहुत पसंद आई। इसके बाद उन्होंने इस तस्वीर की पेंटिंग बना दी। अब क्यों की वे एक प्रसिद्ध फोटोग्राफर हैं इसलिए ही उनकी बनाई गई पेंटिंग की कीमत भी ज्यादा है।

इस आलू की पेंटिंग को जब एक यूरोपीय बिजनेसमैन ने देखा तो वह केविन की प्रतिभा से बहुत प्रभावित हुआ और उसने उनकी इस पेंटिंग को 7 करोड़ रुपये देकर खरीद लिया। इस प्रकार से देखा जाए तो एक आलू को 7 करोड़ रुपये देकर खरीदा गया।

अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश आज मना रहा विजय दिवस, जानें क्यों मनाया जाता है ये दिन

Published

on

Loading

नई दिल्ली। विजय दिवस 16 दिसंबर को मनाया जाता है, जो 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच हुए युद्ध की जीत की याद में है, इस दिन भारतीय सेना ने पाकिस्तान को हराकर बांगलादेश की स्वतंत्रता दिलाई थी, विजय दिवस भारतीय सशस्त्र बलों की वीरता और बलिदान को सम्मानित करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है, यह दिन भारतीय इतिहास में एक मील का पत्थर साबित हुआ और भारतीय सेना की शौर्य गाथाओं को संजोने का एक प्रतीक बन गया:-

1. विजय दिवस किस तारीख को मनाया जाता है?

विजय दिवस 16 दिसंबर को मनाया जाता है, यह दिन 1971 में भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध के अंत के रूप में इतिहास में दर्ज है, 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान ने भारतीय सेना के सामने आत्मसमर्पण किया था, इसके साथ ही बांगलादेश के स्वतंत्रता संग्राम को विजय प्राप्त हुई थी.

2. विजय दिवस क्यों मनाया जाता है?

विजय दिवस 1971 में भारत की पाकिस्तान पर जीत की याद में मनाया जाता है, इस युद्ध के परिणामस्वरूप बांगलादेश का गठन हुआ और पाकिस्तान को अपनी हार स्वीकार करनी पड़ी, भारतीय सेना की वीरता और साहस को सम्मानित करने के लिए यह दिन मनाया जाता है.

3. 1971 का युद्ध किसके बीच हुआ था?

1971 का युद्ध भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ था, यह युद्ध बांगलादेश की स्वतंत्रता के लिए लड़ा गया था, पाकिस्तान के द्वारा बांगलादेश में जारी हिंसा के कारण भारत ने हस्तक्षेप किया और यह युद्ध हुआ, युद्ध के परिणामस्वरूप बांगलादेश स्वतंत्र हुआ और पाकिस्तान को हार का सामना करना पड़ा.

4. विजय दिवस कब और कहां मनाया गया था?

विजय दिवस 16 दिसंबर 1971 को पाकिस्तान के ढाका शहर में मनाया गया था, इस दिन पाकिस्तान की पूर्वी कमान ने भारतीय सेनाओं के सामने आत्मसमर्पण किया था, यह दिन बांगलादेश की स्वतंत्रता और भारतीय सेना की विजय का प्रतीक बन गया.

5. विजय दिवस के दिन क्या विशेष कार्यक्रम होते हैं?

विजय दिवस के दिन भारत में विभिन्न स्थानों पर सैनिकों को सम्मानित किया जाता है, दिल्ली के इंडिया गेट पर शहीदों को श्रद्धांजलि दी जाती है, इसके अलावा, भारतीय सेना और युद्ध नायकों के सम्मान में विशेष कार्यक्रम, झांकियाँ और परेड आयोजित की जाती हैं, यह दिन भारतीय सेना की शौर्य गाथाओं को याद करने का एक अवसर है.

 

 

 

Continue Reading

Trending