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प्रादेशिक

लाइट हाउस प्रोजेक्ट का अध्ययन करेगी पांच सदस्यीय विशेषज्ञों की टीम

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लखनऊ। टिकाऊ, मजबूत, सुविधाजनक और अपेक्षाकृत कम खर्च वाली आधुनिक आवास निर्माण प्रणाली “एलएचपी” की उपयोगिता को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसका अध्ययन कराने के निर्देश दिए हैं। बुधवार को एक उच्चस्तरीय बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि बीते एक जनवरी 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लखनऊ सहित देश के छह शहरों में लाइट हाउस प्रोजेक्ट की शुरुआत की थी। इसके तहत विभिन्न देशों की आधुनिकतम आवास निर्माण प्रणाली को लागू करते हुए बेहद कम खर्च में, काफी तेजी से टिकाऊ और मजबूत मकान बनाये जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र व राज्य सरकार हर गरीब के अपना घर का सपना साकार करने के लिए संकल्पित है और बीते पौने पांच साल में प्रदेश के 43 लाख परिवारों को आवास मिल चुका है।

ऐसे में “लाइट हाउस” जैसी नवीनतम तकनीक का अध्ययन कराया जाना चाहिए, ताकि आवास निर्माण परियोजनाओं को और तेज किया जा सके। उन्होंने निर्देश दिए कि एक पांच सदस्यीय विशेषज्ञ टीम गठित किया जाए। इसमें एचबीटीयू कानपुर, एकेटीयू लखनऊ और एमएमएमयूटी गोरखपुर के सिविल इंजीनियरिंग विभाग के शिक्षकों के साथ-साथ दो अन्य विशेषज्ञ भी शामिल किए जाएं। यह समिति लाइट हाउस प्रोजेक्ट की बारीकियों को समझेगी और प्रदेश के संदर्भ में उपयोग के लिए अपनी रिपोर्ट देगी।

एक साथ छह शहरों में प्रधानमंत्री ने शुरू किया था अनूठा प्रोजेक्ट

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वर्ष 01 जनवरी को देश के छह शहरों में आधुनिक तकनीक पराधारित लाइट हाउस प्रोजेक्ट की आधारशिला रखी थी। इस नवीनतम तकनीक के तहत इंदौर में जो घर बन रहे हैं, उनमें ईंट और गारे की दीवारें नहीं होंगी, बल्कि प्री-फैब्रिकेटेड सैंडविच पैनल सिस्टम का इस्तेमाल हो रहा है, जबकि राजकोट में टनल के ज़रिए मोनोलेथिक कॉन्क्रीट कंस्ट्रक्शन टेक्नॉलॉजी का उपयोग किया जा रहा है। फ्रांस की इस टेक्नॉलॉजी से गति भी है घर आपदाओं को झेलने में ज्यादा सक्षम भी बनेगा। इसी तरह चेन्नई में अमेरिका और फिनलैंड की प्री-कास्ट कॉन्क्रीट सिस्टम से बन रहे मकान जल्द तैयार होंगे और यह सस्ते भी होंगे। रांची में जर्मनी के 3डी निर्माण प्रणाली से घर बन रहे हैं। इसमें हर कमरा अलग से बनेगा और फिर पूरे स्ट्रक्चर को वैसे ही जोड़ा जाएगा जैसे खिलौनों को जोड़ते हैं। अगरतला में न्यूजीलैंड की स्टील फ्रेम से जुड़ी टेक्नॉलॉजी से घर बनाए जा रहे हैं। जहां भूकंप का खतरा ज्यादा होता है, वहां ऐसे घर बेहतर होते हैं। इसी तरह, लखनऊ में कनाडा की टेक्नॉलॉजी से ऐसे मकान बन रहे हैं, जिसमें प्लस्तर और पेंट की ज़रूरत नहीं पड़ेगी और इसमें पहले से तैयार पूरी दीवारों का उपयोग किया जाएगा। इससे घर और तेज़ी से बनेंगे।

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उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन की वृद्धि

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लखनऊ |  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में पिछले साढ़े सात वर्ष से चल रहा ‘पेड़ लगाओ-पेड़ बचाओ जनअभियान’ रंग ले आया। 2024 में 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण करने वाले उत्तर प्रदेश में आईएसएफआर 2023 के अनुसार 559 वर्ग किमी. वन व वृक्ष आच्छादन से अधिक की वृद्धि हुई है। उत्तर प्रदेश से आगे केवल छत्तीसगढ़ है, जबकि अन्य सभी राज्य उत्तर प्रदेश से पीछे हैं। इस उपलब्धि पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने वन विभाग के अधिकारियों व कर्मचारियों के नेतृत्व में आए इस सकारात्मक पहल की बधाई दी। वहीं केंद्रीय वन-पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने भी इस उपलब्धि पर उत्तर प्रदेश को शुभकामना दी।

देहरादून में भारत वन स्थिति रिपोर्ट (आईएसएफआर) 2023 की रिपोर्ट प्रस्तुत की गई

🌳भारत का वन एवं वृक्ष आवरण 8,27,357 वर्ग किमी है, जो देश के भौगोलिक क्षेत्र का 25.17% है। इसमें 7,15,343 वर्ग किमी (21.76%) वन आवरण और 1,12,014 वर्ग किमी (3.41%) वृक्ष आवरण है।

🌳2021 के आकार-फ़ाइल आधारित मूल्यांकन की तुलना में वन एवं वृक्ष आवरण में 1,445 वर्ग किमी की वृद्धि हुई है, जिसमें वन आवरण में 156 वर्ग किमी और वृक्ष आवरण में 1289 वर्ग किमी की वृद्धि शामिल है।

🌳वन एवं वृक्ष आवरण में अधिकतम वृद्धि दिखाने वाले शीर्ष चार राज्यों में उत्तर प्रदेश दूसरे स्थान पर है। छत्तीसगढ़ (684 वर्ग किमी) के साथ शीर्ष पर है। ओडिशा का क्षेत्रफल (558.57 वर्ग किमी), राजस्थान (394 वर्ग किमी) व झारखंड (286.96 वर्ग किमी.) है।

इनसेट
इन राज्यों में हुई वृद्धि
राज्य एरिया
छत्तीसगढ़ 683.62 वर्ग किमी.
उत्तर प्रदेश 559.19 वर्ग किमी.
ओडिशा 558.57 वर्ग किमी.
राजस्थान 394.46 वर्ग किमी.
झारखंड 286.96 वर्ग किमी.

‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है नया उत्तर प्रदेश:सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट ‘एक्स’ पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा कि नया उत्तर प्रदेश ‘हरित उत्तर प्रदेश’ बनने की दिशा में तीव्रता से गतिमान है। आईएसएफआर 2023 के अनुसार उत्तर प्रदेश में हुई 559 वर्ग कि.मी. की वन और वृक्ष आच्छादन की ऐतिहासिक वृद्धि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के आह्वान ‘एक पेड़ मां के नाम’ और भारतीय दर्शन ‘माता भूमिः पुत्रोऽहं पृथिव्याः’ भाव से उत्तर प्रदेश वासियों के जुड़ाव का प्रतिफल है।

मानवता के कल्याण को समर्पित इस ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए पौधरोपण अभियान से जुड़े सभी लोगों, प्रकृति प्रेमियों एवं प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई!

यूपी में लगाए गए 36.80 करोड़ से अधिक पौधे

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में एक दिन (20 जुलाई) को 36.51 करोड़ पौधरोपण कर इतिहास रचने वाले उत्तर प्रदेश ने 30 सितंबर तक 36.80 करोड़ से अधिक पौधरोपण किए। साढ़े सात वर्ष में योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में 210 करोड़ पौधरोपण किये गए।

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2023 में प्रकाशित रिपोर्ट के परीक्षण करने पर उत्तर प्रदेश में वनावरण की स्थिति…

वनावरण

1. अति सघन वन 2,688.73 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 4,001.41 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8.355.66 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 15045.80 वर्ग कि०मी० (6.24%)
वृक्षावरण 8950.92 वर्ग कि0मी (3.72%)
कुल वनावरण व वृक्षावरण 23996.72 वर्ग कि0मी0 (9.96%)

भारतीय वन सर्वेक्षण, देहरादून द्वारा वर्ष 2021 (यथा संशोधित) में प्रकाशित रिपोर्ट में उत्तर प्रदेश से सम्बन्धित आंकड़े…
वनावरण

1. अति सघन वन 2655.29 वर्ग कि०मी०
2. मध्यम सघन वन 3995.53 वर्ग कि०मी०
3. खुला वन 8276.55 वर्ग कि०मी०
4. कुल योग 14927.37 वर्ग कि०मी० (6.20%)
5-वृक्षावरण 8510.16 वर्ग कि0मी0 (3.53%)
6-कुल वनावरण व वृक्षावरण 23437.53 वर्ग कि0मी0.( 9.73%)

सर्वाधिक वृद्धि वाले उत्तर प्रदेश के पांच जनपद

1- झांसी – 8597 एकड़
2- अमरोहा – 7769 एकड़
3- इटावा – 7127 एकड़
4- कानपुर नगर – 6249 एकड़
5- बिजनौर – 3343 एकड

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