Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

आध्यात्म

इस अक्षय तृतीया पर बन रहे हैं कई शुभ संयोग, 5 राशियों को होगा काफी लाभ   

Published

on

Akshaya Tritiya 2023

Loading

नई दिल्ली। कल 22 अप्रैल कि अक्षय तृतीया का शुभ अवसर है। मेष राशि में बने विशेष योग और एक साथ बन रहे कई शुभ संयोग के चलते इस बार की अक्षय तृतीया और भी खास मानी जा रही है। राशि चक्र की 5 राशियों को इन शुभ योग से बहुत लाभ होने जा रहा है। इनकी कमाई अचानक से बढ़ सकती है और नौकरी में प्रमोशन मिल सकता है।

आइए जानते हैं कौन सी हैं ये भाग्यशाली राशियां-

मेष राशि

मेष राशि वालों की कुंडली में जो शुभ योग बने हैं उनकी वजह से अक्षय तृतीया का त्‍योहार इनके लिए बेहद शुभ होने वाला है। कार्यक्षेत्र में आपको बड़ा लाभ होने की उम्‍मीद है वहीं नौकरी के संबंध में नए ऑफर भी मिल सकते हैं।

अक्षय तृतीया पर स्‍वर्ण आभूषणों की खरीद करना आपके लिए शुभ होगा। जरूरतमंद लोगों को इस शुभ अवसर पर खाने की चीजें दान करें। उनसे मिलने वाला आशीर्वाद आपको प्र‍गति के पथ पर आगे बढ़ाएगा।

वृष राशि

वृष राशि वालों के लिए अक्षय तृतीया पर सुख समृद्धि के योग बन रहे हैं। आपके जीवन में भौतिक सुखों के साथ मान सम्‍मान बढ़ने वाला है। आपको प्रफेशनल लाइफ में भी सीनियर्स की तरफ से हर प्रकार का सहयोग प्राप्‍त होगा।

अगर आप अपने खर्चें में कुछ कटौती करते हैं तो भविष्‍य के लिए कुछ पैसे बचाने में सफल होंगे। आपकी आर्थिक स्थिति में इस वक्‍त सुधार होगा और आपके लिए आने वाले समय में धन प्राप्ति के योग बन रहे हैं।

कर्क राशि

अक्षय तृतीया पर मेष राशि में बना पंचग्रही योग कर्क राशि वालों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद रहेगा। आप जो भी कार्य इस वक्‍त करने के बारे में सोच रहे हैं उन्‍हें निसंकोच होकर आरंभ कर सकते हैं। सफलता आपकी राह में है।

इस अक्षय तृतीया पर आपके लिए सोने और चांदी के आभूषण खरीदना शुभ होगा और ये आपकी समृद्धि में इजाफा करने वाला होगा। अक्षय तृतीया पर बने शुभ योग से आने वाले समय में कोई बड़ी सफलता आपके हाथ लग सकती है।

सिंह राशि

सिंह राशि के लोगों के लिए इस बार की अक्षय तृतीया बहुत ही खास मानी जा रही है। आर्थिक रूप से आप समृद्ध होंगे और मां लक्ष्‍मी भी आप पर मेहरबान रहेंगी। आपकी आर्थिक स्थिति में अचानक से बदलाव होगा और आपका अच्‍छा वक्‍त शुरू हो जाएगा।

आपकी मुलाकात किसी पुराने अजीज मित्र से हो सकती है और परिवार के साथ भी आपका वक्‍त बहुत ही शानदार बीतने वाला है। आपके लिए धन लाभ के विशेष योग बन रहे हैं।

वृश्चिक राशि

वृश्चिक राशि वालों के लिए इस बार अक्षय तृतीया पर बन रहे शुभ योग आने वाले वक्‍त में बहुत खास लाभ देने वाले हो सकते हैं। आपको नौकरी के संबंध में कुछ नए और बेहतरीन अवसर मिल सकते हैं और करियर फिर से पटरी पर आने की उम्‍मीद है।

कार्यक्षेत्र में आपकी तरक्‍की होगी और आपके काम को देखकर आपको कुछ नई जिम्‍मेदारियां सौंपी जा सकती हैं। अक्षय तृतीया पर सुख समृद्धि प्राप्‍त करने के लिए जौ का दान करें।

डिसक्लेमर: उपरोक्त जानकारी की पूर्ण सत्य व सटीक होने का हमारा दावा नहीं है। कृपया संबंधित विशेषज्ञ की सलाह अवश्य लें।  

Continue Reading

आध्यात्म

महाकुम्भ 2025: बड़े हनुमान मंदिर में षोडशोपचार पूजा का है विशेष महत्व, पूरी होती है हर कामना

Published

on

Loading

महाकुम्भनगर| प्रयागराज में संगम तट पर स्थित बड़े हनुमान मंदिर का कॉरिडोर बनकर तैयार हो गया है। यहां आने वाले करोड़ों श्रद्धालु यहां विभिन्न पूजा विधियों के माध्यम से हनुमान जी की अराधना करते हैं। इसी क्रम में यहां षोडशोपचार पूजा का भी विशेष महत्व है। षोडशोपचार पूजा करने वालों की हर कामना पूरी होती है, जबकि उनके सभी संकट भी टल जाते हैं। मंदिर के महंत और श्रीमठ बाघंबरी पीठाधीश्वर बलवीर गिरी जी महाराज ने इस पूजा विधि के विषय में संक्षेप में जानकारी दी और यह भी खुलासा किया कि हाल ही में प्रयागराज दौरे पर आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी मंदिर में षोडशोपचार विधि से पूजा कराई गई। उन्हें हनुमान जी के गले में पड़ा विशिष्ट गौरीशंकर रुद्राक्ष भी भेंट किया गया। उन्होंने भव्य और दिव्य महाकुम्भ के आयोजन के लिए पीएम मोदी और सीएम योगी का आभार भी जताया।

16 पदार्थों से ईष्ट की कराई गई पूजा

लेटे हनुमान मंदिर के महंत एवं श्रीमठ बाघंबरी पीठाधीश्वर बलवीर गिरी जी महाराज ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक यजमान की तरह महाकुम्भ से पहले विशेष पूजन किया। प्रधानमंत्री का समय बहुत महत्वपूर्ण था, लेकिन कम समय में भी उनको षोडशोपचार की पूजा कराई गई। पीएम ने हनुमान जी को कुमकुम, रोली, चावल, अक्षत और सिंदूर अर्पित किया। यह बेहद विशिष्ट पूजा होती है, जिसमें 16 पदार्थों से ईष्ट की आराधना की। इस पूजा का विशेष महत्व है। इससे संकल्प सिद्धि होती है, पुण्य वृद्धि होती है, मंगलकामनाओं की पूर्ति होती और सुख, संपदा, वैभव मिलता है। हनुमान जी संकट मोचक कहे जाते हैं तो इस विधि से हनुमान जी का पूजन करना समस्त संकटों का हरण होता है। उन्होंने बताया कि पीएम को पूजा संपन्न होने के बाद बड़े हनुमान के गले का विशिष्ट रुद्राक्ष गौरीशंकर भी पहनाया गया। यह विशिष्ट रुद्राक्ष शिव और पार्वती का स्वरूप है, जो हनुमान जी के गले में सुशोभित होता है।

सभी को प्रेरित करने वाला है पीएम का आचरण

उन्होंने बताया कि पूजा के दौरान प्रधानमंत्री के चेहरे पर संतों का ओज नजर आ रहा था। सबसे महत्वपूर्ण बात ये कि उनमें संतों के लिए विनय का भाव था। आमतौर पर लोग पूजा करने के बाद साधु संतों को धन्यवाद नहीं बोलते, लेकिन पीएम ने पूजा संपन्न होने के बाद पूरे विनय के साथ धन्यवाद कहा जो सभी को प्रेरित करने वाला है। उन्होंने बताया कि पीएम ने नवनिर्मित कॉरिडोर में श्रद्धालुओं की सुविधा को लेकर भी अपनी रुचि दिखाई और मंदिर प्रशासन से श्रद्धालुओं के आने और जाने के विषय में जानकारी ली। वह एक अभिभावक के रूप में नजर आए, जिन्हें संपूर्ण राष्ट्र की चिंता है।

जो सीएम योगी ने प्रयागराज के लिए किया, वो किसी ने नहीं किया

बलवीर गिरी महाराज ने सीएम योगी की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने प्रयागराज और संगम के विषय में जितना सोचा, आज से पहले किसी ने नहीं सोचा। संत जीवन में बहुत से लोगों को बड़े-बड़े पदों पर पहुंचते देखा, लेकिन मुख्यमंत्री जी जैसा व्यक्तित्व कभी नहीं देखने को मिला। वो जब भी प्रयागराज आते हैं, मंदिर अवश्य आते हैं और यहां भी वह हमेशा यजमान की भूमिका में रहते हैं। हमारे लिए वह बड़े भ्राता की तरह है। हालांकि, उनकी भाव भंगिमाएं सिर्फ मंदिर या मठ के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे प्रदेश के लिए हैं। वो हमेशा यही पूछते हैं कि प्रयागराज कैसा चल रहा है। किसी मुख्यमंत्री में इस तरह के विचार होना किसी भी प्रांत के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

स्वच्छता का भी दिया संदेश

उन्होंने महाकुम्भ में आने वाले करोड़ों श्रद्धालुओं को संदेश भी दिया। उन्होंने कहा कि महाकुम्भ को स्वच्छ महाकुम्भ बनाने का जिम्मा सिर्फ सरकार और प्रशासन का नहीं है, बल्कि श्रद्धालुओं का भी है। मेरी सभी तीर्थयात्रियों से एक ही अपील है कि महाकुम्भ के दौरान स्नान के बाद अपने कपड़े, पुष्प और पन्नियां नदियों में और न ही तीर्थस्थल में अर्पण न करें। प्रयाग और गंगा का नाम लेने से ही पाप कट जाते हैं। माघ मास में यहां एक कदम चलने से अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है। यहां करोड़ों तीर्थ समाहित हैं। इसकी पवित्रता के लिए अधिक से अधिक प्रयास करें। तीर्थ का सम्मान करेंगे तो तीर्थ भी आपको सम्मान प्रदान करेंगे। स्नान के समय प्रयाग की धरा करोड़ों लोगों को मुक्ति प्रदान करती है। यहां ज्ञानी को भी और अज्ञानी को भी एक बराबर फल मिलता है।

Continue Reading

Trending