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उत्तराखंड

हाईटेक अॉर्गेनिक खेती और उन्नत बीज उत्पादन का केंद्र बनेगा उत्तराखंड

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पंतनगर विश्वविद्यालय और नेपाल विश्व विद्यालय अब उच्च गुणवत्ता वाले बीजों के उत्पादन पर जल्द ही मिलकर काम करेंगे। इससे औद्यानिक और औषधीय फसलों की खेती करने वाले किसानों को मदद मिलेगी।

नेपाल की मदद से उत्तराखंड में शुरू होने वाला यह प्रोजेक्ट कई लिहाज बड़ा कदम साबित हो सकता है। इस प्रोजेक्ट की मदद से पहाड़ी क्षेत्रों में घटती जा रही अनाज व फूलों की खेती को काबू में लाया जा सकेगा। दोनो देशों के बीच हुए आपसी समझौते में उत्तराखंड में उगाई जाने वाली कई पहाड़ी फसलों, सब्जियों व फूलों के बीज उत्पादन तकनीकों के विकास, मौसम आधारित खेती , प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण , जैविक खेती, मधुमक्खीपालन और पशुपालन जैसे क्षेत्रों में मशीनीकरण कर इनके विकास पर ज़ोर दिए जाने की बात कही गई ।

उत्तराखंड में बनाए जाएंगे अनाज, सब्जियों व फूलों के उन्नत बीज , मिलेगा किसानों को फायदा। ( फोटो – विजय पांडे / फ्लिकर )

उत्तराखंड के लिए इस समझौते को मददगार बताते हुए गोविन्द बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय, उत्तराखंड के रजिस्ट्रार डॉ. एपी शर्मा बताते हैं, ” नेपाल और उत्तराखंड की भौगोलिक परिस्थितियां काफी मिलती जुलती हैं। दोनो जगह पर किसान एक जैसी खेती भी करते हैं। नेपाल विश्वविद्यालय और पंतनगर विश्वविद्यालय किसानों को जैविक खेती, खेती में उन्नत बीजों का प्रयोग करने और डेयरी क्षेत्र से संबंधित नई तकनीकों से जोड़ने का काम करेंगे।”

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अपने ट्विटर एकाउंट पर भी यह बात साझा की।

समारोह के मुख्य अतिथि रहे उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि पंतनगर विश्वविद्यालय नेपाल सरकार के साथ मिलकर पहाड़ों पर फलों व औषधीय फसलों की खेती पर काम कर सकते हैं। इससे उत्तराखंड के किसानों को काफी मदद मिलेगी।

पंतनगर विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में आए नेपाल के प्रधानमंत्री खड्गा प्रसाद ओली ने कहा कि नेपाल में दो कृषि विश्वविद्यालय स्थापित किए गए हैं लेकिन वे अभी प्रारम्भिक अवस्था में हैं। जिनको मजबूती प्रदान करने के लिए पंत नगर विश्वविद्यालय को सहयोग करना होगा। इसके साथ ही दोनो देशों के बीच कृषि शोध में सहयोग, फलों के जीनोटाइप का आदान-प्रदान, पर्वतीय फसलों के संरक्षण, पशुचिकित्सा को बढ़ावा दिया जाएगा।

कृषि क्षेत्र में नई शोध को एक दूसरे के साथ साझा करते रहेंगे भारत-नेपाल के कृषि वैज्ञानिक।

” उत्तराखंड व नेपाल में पहाड़ी क्षेत्रों में अनाज की खेती काफी की जाती है। नेपाल के प्रधानमंत्री ने कहा है कि दोनो देशों के कृषि वैज्ञानिक मिल कर किसानों के लिए ऐसे बीज उपलब्ध कराएंगे, जो कम समय में अच्छा फसल उत्पादन प्रदान कर सके। इसके अलावा कृषि क्षेत्र में की जा रही नई शोध को एक दूसरे के साथ साझा करते रहेंगे, जिससे किसानों को मदद मिलती रहे।” डॉ. एपी शर्मा ने आगे बताया।

उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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