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उत्तराखंड

उत्तराखंड: अब कर्णप्रयाग में भी दरारों की आपदा, आठ घरों की हालत खतरनाक

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कर्णप्रयाग। उत्तराखंड के जोशीमठ के बाद अब चमोली जिले का कर्णप्रयाग भी दरारों की आपदा में आ गया है। यहां आठ घरों की हालत खतरनाक बनी हुई है। जिसे देखते हुए इन घरों में रहने वाले परिवारों को घर खाली करने का नोटिस प्रशासन ने दिया है।

60 घर खतरे की जद में

कर्णप्रयाग में राजनगर, गांधीनगर, बहुगुणानगर, आइटीआइ और अपर बाजार रामलीला मैदान से मस्जिद परिसर तक भूधंसाव का खतरा मंडरा रहा है। वहीं 60 के करीब घरों में दरारें भी आ गई हैं। ऐसे में जोशीमठ वासियों की स्थिति देखकर कर्णप्रयाग में भी शहरवासियों की चिंता बढ़ गई है।

14 हजार की आबादी वाले कर्णप्रयाग के स्थानीय निवासियों की शिकायत है कि वर्ष 2012 में मंडी समिति के भवन निर्माण के दौरान जेसीबी मशीनों से खोदाई की गई। उसी समय से नगर में भूधंसाव शुरू हो गया और लगातार मकानों में दरारें बढ़ने लगी।

इसके बाद कई लोगों ने किराये के भवनों में रहना शुरू कर दिया। वहीं शहर में निकासी नालियों की व्यवस्था न होने से जरा सी बारिश होने पर पानी का रुख आबादी की ओर होने से भूधंसाव का खतरा बना रहता है।

आवासीय भवनों के निरीक्षण को पहुंचे तहसीलदार सुरेंद्र सिंह देव ने बताया कि भूधंसाव की जद में आए 24 से अधिक भवनों का सर्वे किया गया है। इनमें आठ आवासीय भवन रहने लायक नहीं पाए गए। इन परिवारों को नगर पालिका के रैन-बसेरे में शिफ्ट किया जाएगा।

भौगोलिक संरचना का अध्ययन करेगा रुड़की आइआइटी

रुड़की आइआइटी के भूविज्ञानियों की टीम बदरीनाथ यात्रा के मुख्य पड़ाव कर्णप्रयाग में बहुगुणानगर से आइटीआइ तक भूधंसाव वाले क्षेत्रों की भौगोलिक संरचना का अध्ययन करेगी, हालांकि इससे पहले भी रुड़की आइआइटी के भूविज्ञानियों ने नगर क्षेत्र का अध्ययन कर मृदा परीक्षण समेत अन्य अध्ययन की जरूरत बताई थी।

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उत्तराखंड

सीएम धामी ने देहरादून में कुल 188.07 करोड़ रुपए की 74 योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया

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देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने रविवार को चार जगहों पर इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन, दो ‘ऑटोमेटेड पार्किंग’ और एक भूतल पार्किंग सहित देहरादून में कुल 188.07 करोड़ रुपए की 74 योजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। मुख्यमंत्री ने इससे संबंधित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि देहरादून शहर में भीड़-भाड़ वाले स्थानों के लिए लगभग 11 करोड़ रुपए की लागत से दो ‘ऑटोमेटेड पार्किंग’ और एक भूतल पार्किंग बनने से लोगों को यातायात जाम से राहत मिलेगी व समय और संसाधन की भी बचत होगी।

केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय की ओर से राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत देश के पांच सबसे अच्छे शहरों में देहरादून को शामिल किए जाने का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि देहरादून को वायु प्रदूषण से मुक्त बनाए रखने के संकल्प के साथ शहर में चार ‘इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन’ का उद्घाटन किया गया है। उन्होंने बताया कि सात अन्य स्थानों पर भी ‘इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन’ स्थापित करने की प्रक्रिया जारी है। धामी ने कहा, ‘इलेक्ट्रिक व्हीकल चार्जिंग स्टेशन’ के माध्यम से एक ओर जहां शहरवासियों को अपने इलेक्ट्रिक वाहनों को चार्ज करने की सुविधा मिलेगी, वहीं पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को भी बल मिलेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि रविवार से चलाए गए तीन बचाव एवं पुनर्वास वाहन शहर में भीख मांगने वाले बच्चों के पुनर्वास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन और सहयोग से राज्य सरकार द्वारा उत्तराखंड के समग्र विकास के लिए लगातार कार्य किये जा रहे हैं।

इस संबंध में उन्होंने देहरादून स्मार्ट सिटी परियोजना के अंतर्गत ‘स्मार्ट टॉयलेट्स’ और ‘स्मार्ट वाटर मैनेजमेंट’ की शुरुआत का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि स्मार्ट स्कूलों की स्थापना करने के साथ ही शहर में लैंसडाउन चौक पर 650 पाठकों की क्षमता वाली अत्याधुनिक लाइब्रेरी का निर्माण किया गया है जबकि शहर में पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए 30 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जा रहा है।

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