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उत्तर प्रदेश

जनप्रतिनिधि जिन भी रचनात्मक मुद्दों पर सदन का ध्यान आकृष्ट करेंगे, सरकार उनके समाधान के लिए प्रतिबद्धः सीएम योगी

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लखनऊ,  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सोमवार को मानसून सत्र प्रारंभ होने के पहले विधान भवन में पत्रकारों से वार्ता की। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उत्तर प्रदेश विधानमंडल का मानसून सत्र आज से प्रारंभ हो रहा है। सभी विधायकों, विधान परिषद सदस्यों व विधान मंडल की कार्यवाही को सकुशल संपन्न करने में योगदान देने वाले सभी दलों से जुड़े हुए सहयोगियों तथा विधानसभा- विधान परिषद सचिवालय से जुड़े हुए अफसरों का हृदय से स्वागत करता हूं। सीएम ने कहा कि मानसून सत्र को सुचारू रूप से चलाने के लिए सभी से अपेक्षा व आकांक्षा रखता हूं। उन्होंने कहा कि विपक्षी सदस्य जिन भी रचनात्मक मुद्दों को लेकर सदन का ध्यान आकृष्ट करना चाहेंगे। प्रदेश के विकास और जनता-जनार्दन से जुड़ी उन हर समस्याओं के समाधान के लिए सरकार पूरी प्रतिबद्ध है।

उत्तर प्रदेश ने जिन ऊंचाइयों को प्राप्त किया, वह अभूतपूर्व, अविस्मरणीय व अनुकरणीय

सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने फरवरी में ही अपना बजट पास किया था। प्रदेश की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए पहला अनुपूरक मांग मानसून सत्र में सदन में प्रस्तुत होगा। उत्तर प्रदेश देश की सबसे बड़ी उभरती अर्थव्यवस्था की ओर अग्रसर हुआ है। उत्तर प्रदेश ने पिछले सात वर्ष में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व व मार्गदर्शन में जिन ऊंचाइयों को प्राप्त किया है, वह अभूतपूर्व, अविस्मरणीय व अनुकरणीय है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने सभी जनप्रतिनिधियों का आह्वान करते हुए कहा कि सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चले और उत्तर प्रदेश के विकास में सत्ता व विपक्ष के सभी माननीय सदस्यों का योगदान मिल सके।

सीएम की सदस्यों से अपील- मानसून सत्र को सुचारू रूप से संपन्न कराने में दें योगदान

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि विपक्षी सदस्य जिन भी रचनात्मक मुद्दों को लेकर सदन का ध्यान आकृष्ट करना चाहेंगे। प्रदेश के विकास और जनता-जनार्दन से जुड़ी उन हर समस्याओं के समाधान के लिए सरकार पूरी प्रतिबद्ध है। सीएम ने आग्रह किया कि सदन चर्चा-परिचर्चा का मंच बने। सरकार हर मुद्दों का पूरी तत्परता से जवाब देगी। सीएम ने माननीय सदस्यों से अपील की कि सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चल सके, विधायी कार्य सकुशल संपन्न हो सके। इसके लिए माननीय सदस्य से अपील करुंगा कि वे मानसून सत्र के सुचारू रूप से संपन्न करने में योगदान देंगे।

एक तरफ कांवड़ यात्रा तो दूसरी तरफ जनता-जनार्दन की सेवा के लिए जनप्रतिनिधि प्रयत्नशील

सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह देवाधिदेव महादेव का पावन सावन मास है। बड़े पैमाने पर इस मास में शिवभक्त कार्यक्रम के साथ जुड़े हुए हैं। सावन मास में एक तरफ शिवभक्तों की कांवड़ यात्रा तो दूसरी तरफ जनता-जनार्दन की सेवा के लिए हमारे जनप्रतिनिधि निरंतर प्रयत्नशील हैं। हमारे जनप्रतिनिधियों के द्वारा सदन के पटल पर जनता-जनार्दन और प्रदेश के विकास-समस्या को लेकर रखी गई बातों पर सरकार सकारात्मक बहस के लिए तैयार है। मुझे विश्वास है कि मानसून सत्र को प्रदेश के विकास, जनकल्याण से जुड़े अनुपूरक मांगों को सार्थक चर्चा का विषय बनाकर व्यवस्थित रूप से बढ़ाने में सभी अपना योगदान देंगे।

इस दौरान उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, संसदीय कार्य मंत्री सुरेश खन्ना, संसदीय कार्य राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह व जसवंत सैनी भी मौजूद रहे।

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उत्तर प्रदेश

सीएम योगी ने कुम्भ की आस्था और जलवायु परिवर्तन से संबंधित जलवायु सम्मेलन का किया शुभारंभ

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रविवार को प्रयागराज महाकुम्भ में कुम्भ की आस्था और जलवायु परिवर्तन विषयक जलवायु सम्मेलन का शुभारंभ किया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा कि मनुष्य ही केवल इस सृष्टि का एकमात्र जीव नहीं है। जीव जंतुओं का जीवन चक्र मनुष्य के साथ और मनुष्य का जीवन चक्र उनके साथ जुड़ा हुआ है। उनका अस्तित्व रहेगा तो हमारा भी अस्तित्व रहेगा और यदि उन पर संकट आएगा तो हमारे अस्तित्व पर भी संकट आएगा। उन्होंने कहा कि हम प्रलय की प्रतीक्षा ना करें, बल्कि अभी से धरती को हरा भरा बनाएं। कुम्भ का भी यही संदेश है। हम सबको आस्था के साथ-साथ जलवायु परिवर्तन के कारकों पर भी विचार करते हुए उसके निवारण का उपाय करना होगा। उन्होंने कहा कि जीव सृष्टि और जंतु सृष्टि के संरक्षण के साथ ही मानव सृष्टि की सुरक्षा और संरक्षण हो पाएगा। इस दौरान सीएम योगी ने दिल्ली में हुई घटना पर अफसोस जताते हुए सभी पुण्य आत्माओं के प्रति अपनी विनम्र श्रद्धांजलि भी अर्पित की।

श्रद्धालु पार्किंग में खड़े करें वाहन

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज के परिप्रेक्ष्य में जब जलवायु परिवर्तन की बात करते हैं तो एक-दूसरे पर दोषारोपण होने लगता है। यही स्थिति महाकुम्भ में भी देखने को मिल रही है. एरियल सर्वे में देख रहा था कि पार्किंग की जगह खाली है, लेकिन हर व्यक्ति सड़क पर अपनी गाड़ी खड़ी करके संगम स्नान को जा रहा है। अगर वही व्यक्ति पार्किंग के स्थान पर अपना वाहन पार्क करे तो हो सकता है कि उसे 100 मीटर ज्यादा पैदल चलना पड़े, लेकिन सड़क पर कहीं जाम नहीं होगा और आसानी से वह संगम में स्नान कर सकेगा। उन्होंने कहा कि इस जलवायु परिवर्तन से बचने के लिए हम सब कहां भागीदार हैं, इसके बारे में चिंतन करना और उसे अपने व्यवहारिक जीवन में उतारना, यह सचमुच महाकुम्भ का हिस्सा बनना चाहिए। इसे हर किसी को अपने जीवन में उतारना चाहिए।

जलवायु परिवर्तन के कारण सूख रहीं नदियां

सीएम योगी ने कहा कि 13 जनवरी से लेकर 16 फरवरी के बीच 52 करोड़ श्रद्धालु मां गंगा, यमुना और मां सरस्वती की इस पावन त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगा चुके हैं। 52 करोड़ लोग तब यहां डुबकी लगा पा रहे हैं, जब मां गंगा, यमुना और मां सरस्वती की कृपा से यहां अविरल जल उन्हें मिल पा रहा है। जो भी यहां डुबकी लगा रहा है उसे आध्यात्मिक ऊर्जा का अनुभव मिल रहा है। इस अनुभव को जब वह अपने गांव में और आसपास के क्षेत्र में साझा कर रहा है, तभी वहां से बड़े पैमाने पर श्रद्धालु यहां आकर इस पूरे आयोजन को सफलता की नई ऊंचाई तक पहुंचा रहे हैं। उन्होंने कहा कि हम सबको सोचना होगा की कार्बन उत्सर्जन और पर्यावरण के प्रदूषण का कारण जलवायु परिवर्तन है। जलवायु परिवर्तन का ही कारण है कि धरती माता की धमनियों के रूप में जिन नदियों को अविरल बहना चाहिए था वह सूखती जा रही हैं। अनुमान कीजिए, अगर शरीर की रक्त धमनियां सूख गई तो शरीर की स्थिति क्या होगी। अगर धरती माता की धमनियां सूख गईं या प्रदूषित हो गई तो जिन धमनियों से रक्त का प्रवाह होना चाहिए उसकी क्या स्थिति होगी।

मर चुकी नदियों को पुनर्जीवित किया जा रहा

सीएम योगी ने कहा कि धरती माता के साथ खिलवाड़ न हो, इसको ध्यान में रखते हुए सिंगल यूज प्लास्टिक को प्रतिबंधित किया गया है। उत्तर प्रदेश में पिछले 8 वर्षों के अंदर हमारी सरकार ने 210 करोड़ वृक्षारोपण किया है। वन विभाग के द्वारा जो वृक्ष लगाए गए हैं उसमें 70 से लेकर 80 फीसदी पौधे सुरक्षित हैं। वहीं विभिन्न संस्थाओं के माध्यम से जो वृक्षारोपण हुआ है उसमें भी 60 से 70 फीसदी पौधे सुरक्षित हैं। डीजल से चलने वाली बसों के स्थान पर इलेक्ट्रिक बसों को प्राथमिकता दी गई है। इसके लिए पॉलिसी बनाई और अनेक कार्यक्रम बढ़ाए गए हैं। मर चुकी नदियों को फिर से पुनर्जीवित करने का काम किया। आज जो संगम में इतना पावन स्नान एक साथ एक दिन में करोड़ों लोग कर पा रहे हैं। जितनी भीड़ कभी मौनी अमावस्या को जुटती थी उतनी भीड़ हर दिन हो रही है। नदियों को चैनेलाइज किया गया। संगम क्षेत्र का दायरा बढ़ाया गया। संगम में हर समय 10 हजार से 11 हजार क्यूसेक जल हमेशा मौजूद रहे इसको सुनिश्चित किया गया।

जलवायु परिवर्तन रोकने के लिए जनभागीदारी आवश्यक

सीएम योगी ने कहा कि सरकार अपने स्तर पर कार्य कर रही है, लेकिन हमारा भी प्रयास होना चाहिए कि हम भी इसमें कैसे भागीदार बन सकते हैं। दैनिक जीवन में प्लास्टिक का उपयोग करना क्या हम रोक पाएंगे, क्या नदियों पर कब्जा करना और प्रदूषण करने की प्रवृत्ति पर नियंत्रण कर पाएंगे, वन्य जीवों के प्रति क्या हमारे मन में भी संवेदना जागृत होगी, क्योंकि जैसे हमारा जीवन चक्र है ऐसे ही धरती माता का भी अपना एक जीवन चक्र है। हम दोनों को एक साथ जोड़ करके देखेंगे तब यह सृष्टि रहेगी। एक पेड़ मां के नाम, एक पेड़ आस्था के नाम लगाने के क्रम में हम भी सहभागी बन सकें।

इस अवसर पर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती, परमार्थ आश्रम के प्रमुख स्वामी चिदानंद सरस्वती मुनि, जगद्गुरु स्वामी मुकुंदानंद, वन एवं पर्यावरण मंत्री डॉ अरुण कुमार सक्सेना एवं राज्य मंत्री केपी मलिक समेत विधायक व अधिकारी उपस्थित रहे।

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