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जाकिया जाफरी को SC से झटका, मोदी को क्लीन चिट देने के खिलाफ याचिका खारिज

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नई दिल्ली। गुजरात में 2002 में हुए दंगों के मामले में तत्कालीन सीएम नरेंद्र मोदी को एसआईटी द्वारा क्लीन चिट दिए जाने को चुनौती देने वाली याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है। पूर्व कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी की विधवा जाकिया जाफरी ने यह अर्जी 2018 में दाखिल की थी।

इस पर सुनवाई करते हुए जस्टिस एएम खानविलकर, दिनेश माहेश्वरी और सीटी रविकुमार की पीठ ने 9 दिसंबर, 2021 को  फैसला सुरक्षित रख लिया था। इसमें दंगों के मामलों की जांच कर रहे SIT की ओर से दायर क्लोजर रिपोर्ट को चुनौती दी गई थी, जिसमें 64 लोगों को क्लीन चिट दी गई। दोषमुक्त व्यक्तियों में से एक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थे, जो गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री थे।

बता दें कि जाफरी के पति की गुलबर्गा सोसाइटी में दंगों के दौरान मृत्यु हो गई थी। उन्होंने दंगों के पीछे की बड़ी साजिश होने का दावा किया और 2006 में इसकी शिकायत दर्ज कराई थी।

सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात दंगों के मामलों की निगरानी के दौरान 2011 में एसआईटी को आरोपों की जांच करने का निर्देश दिया था। फरवरी 2012 में एसआईटी ने शिकायत पर क्लोजर रिपोर्ट दाखिल की। इसके बाद याचिकाकर्ताओं ने निचली अदालत में अर्जी देकर क्लोजर रिपोर्ट को चुनौती दी थी, जिसे खारिज कर दिया गया।

2018 में खटखटाया सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा

क्लोजर रिपोर्ट के खिलाफ एक अपील गुजरात उच्च न्यायालय के समक्ष भी लाई गई, जिसने 5 अक्टूबर 2017 को इसे ठुकरा दिया। इसके बाद याचिकाकर्ताओें ने 2018 में सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

मामले की सुनवाई 14 दिनों तक चली और याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने किया। राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने किया जबकि वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी एसआईटी की ओर से पेश हुए।

दंगों के दौरान मारे गए 1000 से अधिक लोग

गौरतलब है कि गुजरात के गोधरा में ट्रेन जलाने की घटना में अयोध्या से लौट रहे 59 कारसेवकों के मारे जाने के एक दिन बाद दंगे भड़क उठे थे। दंगों के दौरान 1000 से अधिक लोग मारे गए।

एहसान जाफरी अहमदाबाद की गुलबर्गा सोसाइटी में 28 फरवरी, 2002 को ट्रेन जलने की घटना के एक दिन बाद मारे गए 69 लोगों में से एक थे।

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नेशनल

नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हुई भगदड़ को लेकर क्या बोले केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव

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नई दिल्ली। प्रयागराज में भव्य महाकुंभ का आयोजन किया गया है। ऐसे में राजधानी दिल्ली से भी भारी संख्या में लोग महाकुंभ में स्नान करने के लिए पहुंच रहे हैं। इस बीच नई दिल्ली रेलवे स्टेशन से बड़ी खबर सामने आई है। दरअसल महाकुंभ के लिए यहां से दो स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं। इस ट्रेन में सवार होने के लिए भारी संख्या में यात्री पहुंच गए। इस कारण प्लैटफॉर्म नंबर 14 और 15 पर भगदड़ मच गई। इस घटना में 18 लोगों की मौत हो गई और 10 यात्री घायल हो गए हैं। घायलों को आनन-फानन में अस्पताल में भर्ती कराया गया। इस मामले में पर केंद्रीय मंत्री अश्विन वैष्णव ने भी ट्वीट किया है।

क्या बोले अश्विन वैष्णव

इस घटना पर केंद्रीय रेलवे मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर हालात काबू में है। दिल्ली पुलिस और आरपीएफ घटनास्थल पर पहुंच चुकी है। घायलों को अस्पताल ले जाया गया है। वहीं भीड़ पर काबू पाने के लिए स्पेशल ट्रेनें संचालित की जा रही हैं। जानकारी के मुताबिक अश्विन वैष्णव कुछ ही देर में नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पहुंचेंगे। वहीं अस्पताल जाकर वह घायलों से भी मुलाकात कर सकते हैं।

क्या बोले रेलवे अधिकारी

पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) रेलवे, केपीएस मल्होत्रा ने इस घटना को लेकर कहा कि नई दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ जैसी स्थिति में 15 लोग घायल हो गए। प्रयागराज एक्सप्रेस जब प्लेटफॉर्म नंबर 14 पर खड़ी थी, तो प्लेटफॉर्म पर काफी लोग मौजूद थे। स्वतंत्रता सेनानी एक्सप्रेस और भुवनेश्वर राजधानी लेट थीं, और इन ट्रेनों के यात्री भी प्लेटफॉर्म नंबर 12,13 और 14 पर मौजूद थे। जानकारी के अनुसार, 1500 जनरल टिकट बिक चुके थे, इसलिए भीड़ बेकाबू हो गई। प्लेटफॉर्म नंबर 14 और प्लेटफॉर्म नंबर 1 के पास एस्केलेटर के पास भगदड़ जैसी स्थिति थी।

 


 

 

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